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नक्षत्र – हस्त

नक्षत्र – हस्त

रंगः गहरा हरा
भाग्यशाली अक्षर प, स, न और ड

हस्त का अर्थ हाथ या मुठ्ठी होता हैं अत: यही इसका चिह्न भी हैं |इसके ईष्ट देव या पीठासीन देव सावित्री या सूर्य हैं | हाथ कला और कौशल की ओर संकेत करता हैं | और जो भी भौतिक,भावुक या अध्यात्मिक हैं उसे सीखने की क्षमता को प्रदर्शित करता हैं | इस नक्षत्र के अंतर्गत पैदा हुआ इंसान दैनिक कार्यों में उलझा रहता हैं | और ये नेतृत्व करने के बजाय अनुयायी बनना पसंद करते हैं | इन्हे अपनी कलात्मक क्षमता की पूरी जानकारी होती हैं और ये उसे और निखारने की कोशिश में लगे रहते हैं | एक कुशल हाथ कुटिल, गुप्त गतिविधियों की ओर भी संकेत करता हैं | और इनके इरादे संदिग्ध और नैतिकता भी खराब हो सकती हैं | यदि इन्हे होने वाली हानि को देखा जाय तो ये चोरी भी कर सकते हैं | मुट्ठी भी नियंत्रित करने की इच्छा को दिखाता हैं | ये कड़े अनुशासनकर्ता हो सकते हैं |ये अधीनस्थ कर्मचारी बनना पसंद नहीं करते हैं | ये अपने हाथों के कौशल का प्रयोग सफ़लता पाने के लिए भी कर सकते हैं जैसे ये अध्यात्मिक स्पर्श चिकित्सा कर सकते हैं जिसमे इनकी उर्जा हाथों के द्वारा संचारित होती हैं |चूंकि इनके ईष्ट देव सूर्य हैं जिनकी रोशनी और ऊर्जा से पृथ्वी पर जीवन का पोषण होता है, इस नक्षत्र के लोग बहुत बुद्धिमान और उदार रहते हैं और बहुत अच्छे परामर्शदाता बन सकते हैं | ये जो भी काम शुरू करते हैं उसमें शुरु में तो सफ़लता मिलती हैं पर बाद में आने वाली बाधाएं इनकी सफ़लता को कम कर देती हैं | हस्त नक्षत्र में उपस्थित चन्द्रमा संकेत करता हैं कि ये बेरहम और दुसरों का उपहास उड़ाने वाले हो सकते हैं और चोर या शराबी हो सकते हैं |इस नक्षत्र में जन्मी महिलाएं मुखर और वाचाल होती हैं |और रिश्तेदारों की आलोचनाओं की शिकार होती हैं | जुकाम और एलर्जी के अलावा इन्हे नसों की सूजन की बीमारी से सावधान रहना चाहिए पेशे से ये परामर्शदाता, लेखन, शिक्षा, धर्म, और जिनमें हाथ के कौशल की आवश्यकता होती है चुन सकते हैं – कला, शिल्प,जेब कतरना, जादू आदि ये हस्तरेखाविद्, हास्य कलाकार, माइम कलाकार आदि भी हो सकते हैं |

गणेशजी के आशीर्वाद सहित
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम