कौवा मुद्रा बकासन (crow pose ) क्या है, आइए जानते हैं

कौवा मुद्रा बकासन (Crow Pose Bakasana) योग अभ्यास की शुरूआत में कुछ समस्या आती है, लेकिन इसके बाद आप इस आसन को बहुत अच्छी तरह से कर लेंगे। इस आसन को नियमित अभ्यास से आसानी से किया जा सकता है। यह मांसपेशियों और अंगों को मजबूत करता है। पिजन पोज, अधोमुख श्वानासन, वाटरफॉल पोज आदि निचले धड़ और पैर की मांसपेशियों को मजबूत करने का काम करते हैं। इसी तरह कौआ आसन (crow asana) एक ऐसी योग मुद्रा है जो ऊपरी धड़ के हिस्सों को मजबूत करने में मदद करती है। इस योग मुद्रा के अभ्यास से बाहों और हाथों को मजबूती मिलती है। कौवा मुद्रा और क्रेन मुद्रा (crane pose) प्रकृति में समान हैं, क्योंकि इस आसन में मुख्य ध्यान बाहों और हथेलियों पर वजन को संतुलित करने पर होता है।

बकासन का महत्व

बकासन एक संतुलन तकनीक है। हठ योग जैसे प्राचीन ग्रंथों में इसका उल्लेख किया गया है कि संतुलन की मुद्राएं व्यक्ति को मन और शरीर के बीच संतुलन प्राप्त करने में मदद करती हैं। जैसे ही शरीर हवा में ऊंचा होता है, हल्कापन महसूस होता है। यह मुद्रा ताकत बढ़ाने, संतुलन विकसित करने और एकाग्रता और आत्मविश्वास में सुधार करने में मदद करता है। आध्यात्मिक दृष्टि से संतुलन मुद्रा आपके मानसिक संतुलन और शांति की परीक्षा लेती है। हाथ के संतुलन तकनीक बिखरे हुए मन को एकाग्र करने के लिए प्रभावी माने जाते हैं। इस आसन के अभ्यास से श्वास पैटर्न को सुचारू करने में मदद मिलती है। अगर आप किसी जानकार की देखरेख में करते हैं तो बकासन (bakasana pose) सबसे आसान आर्म बैलेंसिंग योग पोज़ में से एक माना जाता है।

काक आसन (kak asana) योग के अभ्यास के दौरान हाथ कौवे के पैर के रूप में कार्य करते हैं। इस आसन में हाथ की मुद्रा कौवे के पैर की तरह दिखती है। इसके बाद जांघों और पैरों को मोडने पर कौवे के शरीर जैसी आकृति बन जाती है। कौवे या उसके जैसे दूसरे पक्षी हल्के वजन के होते हैं। वे अपने पैरों पर कूदते हैं और उड़ते हैं। वे गुरुत्वाकर्षण से बंधे हुए नहीं होते हैं। साथ ही वे हल्कापन महसूस करते हैं। इसी तरह यह कौवा मुद्रा (the crow pose) हमारे शरीर को गुरुत्वाकर्षण के खिलाफ मुक्त होने की अनुमति देता है। इस योग अभ्यास के लिए योग विशेषज्ञ से परामर्श लेना उचित रहेगा।

कौवा आसन (crow pose) कैसे करें?

शुरूआत में क्रो पोज़ या बकासन पोज (bakasana pose) सबसे मुश्किल पोज में से एक हो सकता है। हालांकि इसके नियमित अभ्यास से इसे ठीक से किया जा सकता है। सबसे पहले आपको हाथ को बैलेंस करना है और वजन को अपने बाजुओं पर टिकाना होता है। आइए जानते हैं कि इस आसन को सही व चरणबद्ध तरीकों से कैसे कर सकते हैं…

इस अभ्यास को करने के लिए सबसे पहले ताड़ासन (Tadasana) की मुद्रा में सीधे खड़ा होने की जरूरत है। इस मुद्रा के अभ्यास के दौरान एक लयबद्ध पैटर्न में सांस लेते रहने चाहिए।

फिर उसके बाद घुटने को मोड़ते हुए नीचे की ओर इस तरह झुकें कि आप अपनी हथेलियों से फर्श पर स्थापित कर सकें। हथेलियों को पैरों के सामने लगभग एक फुट की दूरी पर रखते हुए फर्श पर मजबूती से स्थापित करें।

कोहनी को सीधे पीछे की ओर मोड़ें। अपने पैरों को घुटनों के स्तर तक ऊपर लाएं। अपने घुटनों को इतना चौड़ा खोलें कि वे ऊपरी भुजाओं के साथ एक सीध में आ जाएं। अपने घुटनों को अपनी ऊपरी बाहों की पीठ पर रखें। इसके बाद अपने शरीर के भार को हथेलियों पर टिकाते हुए अपने पैरों को हवा में उठाएं। हालांकि इस दौरान पहले एक पैर उठाएं और फिर दूसरा जमीन से।

इसके बाद अपने हिप्स को पूरी तरह से जमीन से ऊपर उठाने की जरूरत होती है। जब एक बार इस अभ्यास को कर लेते हैं तब धीरे-धीरे सांस छोड़ें और वजन को धीरे-धीरे वापस स्थानांतरित करें, जब तक कि आपके पैर जमीन को न छू लें।

बकासन मुद्रा योग (bakasana pose yoga) का अभ्यास करते समय कुछ गलतियों से बचने की जरूरत होती है। साथ ही कुछ सुझावों का पालन करना चाहिए। क्रो पोज़ के दौरान अपनी कोहनियों को दोनों ओर से बाहर न निकलने दें। कोहनी कंधे और कलाई के अनुरूप होनी चाहिए, अन्यथा चोट लगने की संभावना रहती है। उंगलियों को जमीन पर फैलाकर रखें ताकि कोहनी कलाई के ऊपर हो।

संशोधन और बदलाव

शुरुआती लोगों की बात करें तो कौवा मुद्रा आसन (crow pose for beginners) के अभ्यास में कई बदलाव भी शामिल हैं। इस दौरान पैर को ऊपर उठाने और अपने आप को हवा में रखने से पहले एक ब्लॉक को पीछे रखें और पैरों को ब्लॉक पर टिकाएं। ब्लॉक पैरों को ऊपर उठाएगा और आपके लिए पैरों को हवा में उठाना आसान बना देगा। एक बार अपने दोनों पैरों को एक-एक करके ऊपर उठाएं फिर थोड़ा और ऊपर उठाएं और पैरों को जितना हो सके हल्का रखें। वजन बाजुओं पर केंद्रित होना चाहिए न कि कूल्हों पर। एक बार जब आप ब्लॉक के साथ इस मुद्रा में महारत हासिल कर लेते हैं, तो इसे बिना ब्लॉक के करने का प्रयास करना चाहिए। इसके अलावा दूसरा डर चेहरे के फर्श से टकराने का होता है। जब कोई शुरुआत में इस मुद्रा को आजमा रहा होता है तो इस प्रकार की स्थिति होती रहती है। यह एक सामान्य घटना है, इसलिए इस अभ्यास के दौरान अपने हाथों के सामने एक कंबल या एक नरम मैट रखें, ताकि गुरुत्वाकर्षण का केंद्र सिर पर शिफ्ट होने की स्थिति में आपका सिर मैट से छू जाने के बाद किसी प्रकार की समस्या न हो सके। यह सावधानी सुरक्षा बनाए रखने और सिर की चोट से बचने में मदद करती है।

इसके अलावे इस अभ्यास में शरीर को चोट से बचाने के लिए और भी बदलाव किया जा सकता है। यदि योग अभ्यास के दौरान जगह कम हो तो क्षेत्रफल और अधिक ऊंचाई को कवर करने के दौरान आसन करने वाले व्यक्ति के आगे गिरने की संभावना होती है। इससे बचाव के लिए एक बार उंगलियों की जगह हथेलियों को फैलाकर नीचे कर सकते हैं। यह स्थिति गुरुत्वाकर्षण के केंद्र को संतुलित करेगा। एक बार जब आपमें इस आसन को करने का आत्मविश्वास आ जाता है तो आप इस अभ्यास को और भी अच्छी तरह कर सकते है।

बकासन के लाभ

कौवा मुद्रा आसन (crow asana) के अभ्यास से पीठ के ऊपरी हिस्से के दर्द में राहत मिलती है। इसके साथ ही इसके अभ्यास से कलाई, बांह, पेट की मांसपेशियां मजबूत होती है। कौआ योग मुद्रा, शीर्षासन (Headstand) पोज के लिए सही प्रारंभिक मुद्रा है। यह ध्यान और मन की एकाग्रता को बढ़ाता है। कौवा मुद्रा में महारत हासिल करने से व्यक्ति में आत्मविश्वास पैदा होता है और वह दूसरे पोज के लिए भी तैयार हो जाता है।

शारीरिक रूप से पेट की मांसपेशियों और पेट की मांसपेशियों को टोन मिलता है। यह पेट और आंतों को भी उत्तेजित करता है। साथ ही मल त्याग और पाचन में मदद करता है। यह मिडिल बैक, अपर बैक, बाइसेप्स और ट्राइसेप्स को भी लाभ पहुंचाता है।

आध्यात्मिक रूप से यह सौर जाल या मणिपुर चक्र को सक्रिय करने में मदद करता है। यह डर को हराने और मन की भावनात्मक स्थिति को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह व्यक्ति को विपरीत परिस्थितियों का साहस और बहादुरी से सामना करने में मदद करता है।

कौवा मुद्रा की सावधानियां

कौआ मुद्रा आसन (kak asana) के अभ्यास से बाहों और हाथों पर बहुत अधिक जोर पड़ता है। शरीर का पूरा भार हाथों पर होता है, इसलिए अगर कलाई या कंधे में किसी तरह की चोट है तो इस मुद्रा से बचना चाहिए। अंगूठे और उंगलियों में दर्द (carpal tunnel syndrome) वाले लोगों को इस मुद्रा से बचना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को इस आसन को करने से परहेज करना चाहिए।

योग विशेषज्ञों के अनुसार जिन लोगों को नींद आने में कठिनाई होती है उन्हें भी इस मुद्रा से बचना चाहिए। यदि आपको इस आसन को करने के दौरान अक्सर अपने शरीर का संतुलन बनाए रखने में समस्या हो रही है तो सामने कोई नरम वस्तु जैसे कंबल आदि रख लें, ताकि सिर की चोट से बचाव हो सके।

कौवा मुद्रा करते समय हमेशा अपनी क्षमता और सीमा को याद रखें। कलाई और सिर में चोट लगने की संभावना दिखती हो तो किसी विशेषज्ञ की परामर्श लेनी चाहिए। आपको याद रखना चाहिए कि योग और स्वास्थ्य दोनों साथ-साथ चलते हैं। बस हमें इसे ठीक से इस अभ्यास को करने की जरूरत होती है।

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