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हनुमान जयंती 2024: हनुमान जयंती कब है, जन्म की कथा, पूजा विधि और टोटके

हनुमान जयंती 2021: हनुमान जयंती कब है, जन्म की कथा, पूजा विधि और टोटके

हनुमान जी की पूजा से मिलती है सारी बाधाओं से मुक्ति

संकट मोचन पवन पुत्र हनुमान जयंती चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। शास्त्रों के मुताबिक चैत्र पूर्णिमा को ही बजरंगबली का जन्म हुआथा। इस साल 2024 में हनुमान जयंती का पर्व 23 अप्रेल को मनाया जाएगा। इसदिन बजरंगबली की विधिवत पूजा करने से शत्रु पर विजय मिलने के साथ ही मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। पवन पुत्र हनुमान को भगवान का 11 वां अवतार माना जाता है। उनका अवतार रामभक्ति और भगवान श्री राम के कार्यों को सिद्ध करने के लिए हुआ था। वे बाल ब्रह्मचारी थे और बचपन से लेकर अपना पूरा जीवन उन्होंने राम भक्ति और भगवान श्री राम की सेवा में समर्पित कर दिया था।

हनुमान जी की जन्म कथा

हनुमान जी को भगवान शिव का 11वां अवतार माना जाता है। हनुमान जी के जन्म से जुड़ी पौराणिक कथा के मुताबिक एक बार अमरत्व की प्राप्ति के लिये जब देवताओं और असुरों ने समुद्र मंथन किया, तो उससे निकले अमृत को असुरों ने छीन लिया। इसके बाद देव और दानवों में युद्ध छिड़ गया। इसे देख भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण किया, जिसे देख देवताओं और असुरों के साथ ही भगवान शिव भी कामातुर हो गए। इस दौरान भगवान शिव ने वीर्य त्याग किया, जिसे पवनदेव ने वानरराज केसरी की पत्नी अंजना के गर्भ में प्रविष्ट कर दिया। इसके फलस्वरूप माता अंजना के गर्भ से श्री हनुमान का जन्म हुआ।

हनुमान जयंती व्रत और पूजन विधि

हनुमान जयंती का व्रत रखने वालों को एक दिन पूर्व ब्रह्मचर्य का पालन करने के साथ ही कुछ नियमों का पालन करना पड़ता है। इस दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर भगवान श्रीराम, माता सीता व श्री हनुमान का स्मरण करने के बाद स्वच्छ होकर हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित कर विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए। इन्हें जनेऊ भी चढ़ाई जाती है। सिंदूर और चांदी का वर्क चढ़ाने की भी परंपरा है। कहा जाता है, एक बार माता सीता को मांग में सिंदूर लगाते देख हनुमान जी ने इसका महत्व पूछा। माता सीता ने उन्हें बताया कि पति की लंबी आयु के लिए मांग में सिंदूर लगाया जाता है। इसके बाद भगवान श्री राम की लंबी आयु के लिए हनुमान जी ने अपने पूरे शरीर पर सिंदूर लगा लिया था, इसीलिए हनुमान जयंती के दिन उन्हें सिंदूर चढ़ाया जाता है। इसके अलावा हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ किया जाता है और उनकी आरती उतारी जाती है। इस दिन स्वामी तुलसीदास द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस के सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का अखंड पाठ भी करवाया जाता है। प्रसाद के रुप में उन्हें गुड़, भीगे या भुने चने एवं बेसन के लड्डू चढ़ाए जाते हैं।

हनुमान जी के अचूक टोटके

– ग्रह दोषों से पीड़ित व्यक्ति हनुमान जी के चित्र समक्ष मंगलवार और शनिवार को सरसों के तेल का दीपक जरूर लगाएं।- प्रतिदिन बजरंग बाण का पाठ करने से दुश्मन भी दोस्त बन जाते हैं।- तुलसी के 108 पत्तों पर जय श्री राम लाल चंदन से लिखकर भगवान हनुमान जी को अर्पण करने से सभी मनोकामना पूर्ण होती है।- एक बैठक में हनुमान चालीसा के सौ पाठ पूरे करने से विघ्नों का नाश हो जाता है।- हनुमान जी को बेसन के लड्डूओं का भोग लगाकर वह लड्डू मंदिर में ही बांट दें। धन संबंधी परेशानियां दूर हो जाएंगी।- हर शनिवार सुंदरकांड का पाठ करने से बुरे दिनों का अंत हो जाता है।

हनुमान जयंती 2024

हनुमान जयंती तिथि – मंगलवार, 23 अप्रेल 2024
पूर्णिमा तिथि आरंभ – 22 अप्रेल 2024 को शाम 12:44 बजे से
पूर्णिमा तिथि समाप्त – 23 अप्रेल 2024 को सुबह 09:01 बजे तक

गणेशजी के आशीर्वाद सहित
भावेश एन पट्टनी
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम

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