बिटिलासन – गाय की मुद्रा के बेहतर प्रदर्शन के लिए टिप्स

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बिटिलासन संस्कृत भाषा का शब्द है। जिसका हिन्दी भाषा में शाब्दिक अर्थ, गाय आसन है। बिटिलासन शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है। पहला शब्द है बिटिल, जिसका अर्थ होता है गाय, जबकि दूसरा शब्द है आसन, जिसका अर्थ किसी विशेष स्थिति में खड़े होने, लेटने या बैठने से है। बिटिलासन को एक अन्य योगासन मार्जरासन के साथ जोड़े में किया जाता है। इन दोनों ही आसनों को विन्यास योग शैली में किया जाता है। ये साधारण कठिनाई वाले योगासन हैं।

बिटिलासन क्या है?

बिटिलासन शुरुआत करने वाले लोगों की योग मुद्रा है। यह एक सॉफ्ट पोजीशन है जिसे कौशल स्तर की परवाह किए बिना लगभग हर कोई कर सकता है। संस्कृत में बिटिला का अर्थ है गाय, और आसन का अर्थ है स्थिति। यह पोजीशन आमतौर पर कैट पोज (मार्जरीआसन) के साथ की जाती है।

बिल्ली-गाय मुद्रा कैसे काम करती है?

बिल्ली – गाय योग मुद्रा दो योग मुद्रा (बिल्ली और गाय) के बीच एक कोमल धारा है जो आपको वार्मअप करती है और आपके शरीर को अधिक लचीला बनात है। यह आपके धड़ और गर्दन के पिछले हिस्से को खिंचाव देता है और आपके पेट को भी मजबूत करता है। यह गहरी सांस लेने में भी मदद करता है, जिससे आपकी छाती खुली रहती है।

कैट-काउ पोज योग का एक उत्कृष्ट व्यायाम है। बिल्ली गाय की मुद्रा को चक्रवाकासन के रूप में भी जाना जाता है और उन लोगों के लिए एकदम सही है, जिनकी पीठ में नियमित दर्द होता है क्योंकि यह आपके शारीरिक संतुलन और स्थिति दोनों में ही सुधार करता है। एक योग जिसमें रीढ़ की हड्डी को एक गोलाकार स्थिति से एक धनुषाकार स्थिति (विस्तार) में स्थानांतरित करना शामिल है।

बिटिलासन कैसे करें?

फर्श पर योग मैट को बिछाकर अपने दोनों घुटनों को टेक कर बैठ जाएं। इस आसन को करने के लिए आप वज्रासन की मुद्रा में भी बैठ सकते हैं। अब अपने दोनों हाथों को फर्श पर आगे की ओर रखें। दोनों हाथों पर थोड़ा सा भार डालते हुए अपने हिप्स (कूल्हों) को ऊपर उठायें। जांघों को ऊपर की ओर सीधा करके पैर के घुटनों पर 90 डिग्री का कोण बनाए। आपकी छाती फर्श के समान्तर होगी और आप एक गाय की तरह दिखाई देंगे। अब आप एक लंबी सांस लें और अपने सिर को पीछे की ओर झुकाएं। अपनी नाभि को नीचे से ऊपर की तरफ धकेलें। इसी के साथ टेलबोन (रीढ़ की हड्डी का निचला भाग) को ऊपर उठाएं। अब अपनी सांस को बाहर छोड़ते हुए अपने सिर को नीचे की ओर झुकाएं। मुंह की ठुड्डी को अपनी छाती से लगाने का प्रयास करें। इस स्थिति में अपने घुटनों के बीच की दूरी को देखें। ध्यान रखें की इस मुद्रा में आपके हाथ झुकने नहीं चाहिए। अपनी सांस को लम्बी और गहरी रखें। अपने सिर को पीछे की ओर करें और इस प्रक्रिया को दोहराहएं। इस क्रिया को आप 10-20 बार दोहराएं।

संशोधन और विविधताएं

बिल्ली – गाय एक उत्कृष्ट शुरुआती मुद्रा है क्योंकि इससे कोई दर्द नहीं होता है। यदि आपको स्थिति को संशोधित करना है, तो इन सरल संशोधनों को आजमाएं ताकि आप अपने लिए सबसे उपयुक्त योग मुद्रा प्राप्त कर सकें।

– अगर आपकी कलाइयों में दर्द हो तो अपने अग्रभागों को जमीन पर रखें।

– अपने धड़ को और अधिक सीधा बनाने के लिए, अपने अग्रभागों को किसी तकिए या कंबल के सहारे रखें। यह परिवर्तन गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष रूप से सहायक है।

– यदि आपके घुटने आपको परेशान कर रहे हैं तो अपनी चटाई को मोड़ें या अपने घुटनों के नीचे एक कंबल रखें।

– यात्रा के दौरान इस मुद्रा का अभ्यास किया जा सकता है। अपने पैरों को एक कुर्सी पर रखें। अपने हाथों को अपने सामने एक टेबल, डेस्क या दीवार के खिलाफ दबाकर सामान्य मुद्रा में रखें।

अपनी गर्दन को तनाव न दें

इसे नियंत्रण के साथ करें और जब आप छत पर अपनी निगाहें उठाएं तो अपनी गर्दन को अधिक उंचा न उठाएं। जब आप इस पोज को करते हैं तो अपने सिर को स्वाभाविक रूप से नीचे आने दें, न कि उसे विपरीत दिषा में रखने का प्रयास करें। सुनिश्चित करें कि आपके कंधे आरामदायक स्थिति में हो और आपके कानों तक खिंचे हुए नहीं हो।

रीढ़ पर तनाव महसूस करें

अपने हाथों को सीधा रखें ताकि तनाव आपकी बाहों और कोहनी के बजाय आपकी रीढ़ की हड्डी से आएं।

बिटिलासन के लाभ

सभी योगासनों को करने से शरीर और मन को कुछ फायदे मिलते हैं। खासतौर पर अगर उन्हें सांसों की गति और शरीर के सही तालमेल के साथ किया जाए। बिटिलासन के साथ भी ऐसा ही है, ये शरीर और मन को हील करके उन्हें मजबूत बनाता है।

– रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन को सुधारता है।

– शरीर में प्राण को सुधारता है और रीढ़ की हड्डी को मोड़ता है।

– लोअर बैक, मिडिल बैक, गर्दन और कंधों में टेंशन को दूर करता है।

– कोर मसल्स को मैक्सिमम टेंशन देकर मजबूत बनाता है।

– हाथों, कंधों और कलाई को मजबूत बनाने में मदद करता है।

– हिप ज्वाइंट, घुटने के ज्वाइंट, कंधों के जोड़ को मजबूत बनाता है।

– पेट के भीतरी अंगों को मसाज देकर पाचन को सुधारता है।

– स्ट्रेस, इंसोम्निया को कम करता है।

– सोते समय बॉडी पोश्चर को सुधारने में मदद करता है।

– मणिपुर, मूलाधार और विशुद्धि चक्र को सक्रिय करता है।

सुरक्षा और सावधानियां

– यदि आपकी गर्दन में चोट है, तो अपने सिर को अपने धड़ के अनुरूप रखें और इसे आगे या पीछे न करें।

– गाय की मुद्रा और पीठ को तटस्थ स्थिति में लाने का उपयोग केवल गर्भवती महिलाओं और पीठ की चोटों वाले लोगों द्वारा नहीं किया जाना चाहिए। क्योंकि इससे पीठ के निचले हिस्से में खिंचाव हो सकता है।

– यह आसन दर्द रहित होना चाहिए। अगर आपको कोई दर्द महसूस हो तो धीरे से अपनी मुद्रा से वापस आ जाएं।

– यदि आपको इस अभ्यास को करने से पहले पीठ दर्द होता है, तो यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह आपकी स्थिति के लिए सही है, किसी विशेषज्ञ से परामर्श लें।

बिटिलासन के लिए टिप्स

गाय-बिल्ली का अभ्यास शरीर को कई गतिविधियों के लिए तैयार कर सकता है। अभ्यास के दौरान निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें।

– गर्दन में दर्द की समस्या है तो आसन करते समय गर्दन न मोड़ें।

– शुरुआत में बिटिलासन को योग ट्रेनर की देखरेख में ही करें।

– संतुलन बनने पर आप खुद भी ये आसन कर सकते हैं।

– बिटिलासन का अभ्यास शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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