कुंडली के आठवें भाव में चंद्र की महत्ता

कुंडली के आठवें भाव में चंद्र की महत्ता

कुंडली का आठवां भाव आयुष्य या मृत्यु भाव के नाम से जाना जाता है, इसका संबंध मृत्यु, विरासत, दुर्घटना, भयंकर नुकसान, स्त्री धन, हिस्सेदार का धन, वैराग्य, आत्महत्या, अप्रत्याशित मौत या धीमी गति से मौत, हारना, विधवापन, धन विनाश, भूमि गत धन, आकस्मिक धन लाभ, रहस्य विद्या, लंबी बीमारी, गुप्त रोग, दरिद्रता और महिलाओं के लिए पति की उम्र का स्थान होता है। वैदिक ज्योतिष में आठवें स्थान को विनाश का पर्याय भी माना गया है, इस भाव के कारक शनि है। कुंडली के इस भाव में चंद्रमा की उपस्थिति जीवन की लंबी उम्र, दुर्घटना की संभावना, साथी के साथ शारीरिक अंतरंगता और दूसरों के धन जैसे क्षेत्रों को प्रभावित कर सकती है।ग्रहों में चंद्रमा एक ऐसे ग्रह हैं, जो कुंडली के लगभग सभी भाव में सकारात्मक प्रभाव डालने का ही काम करते हैं। लेकिन यदि कुंडली में बैठे चंद्रमा को कोई विरोधी ग्रह प्रभावित करता है, तो वे नकारात्मक प्रभावों का संचार भी कर सकते हैं।

सकारात्मक लक्षण/प्रभाव

कुंडली के आठवें भाव में चंद्रमा, मौत, वित्त, जीवन के लक्ष्य, संपत्ति और साझेदारी जैसे क्षेत्रों को प्रभावित कर सकते हैं। जिन जातकों की कुंडली के आठवें स्थान पर चंद्रमा मौजूद हों, वे अपने जीवन के लक्ष्यों के प्रति बेहद गंभीर होते हैं। वे उत्सुक किस्म के लोग होते हैं, और कई स्रोतों से ज्ञान प्राप्त करने की कोशिश करते हैं। इसके अलावा उनमें मुश्किल और चुनौती पूर्ण परिस्थितियों में भी शांत रहने की ग़जब शक्ति होती है। इस गुण का लाभ उन्हें व्यवसाय व पेशवर जीवन में मिलता है, और वे सफलता की इबातर लिखते हैं। ऐसे जातक वफादार, ईमानदार, दयालु और अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाने वाले होते हैं।

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कुंडली के आठवें भाव में बैठे चंद्रमा जातक को खुले विचारों वाला रचनात्मक व्यक्तित्व देने का काम करते हैं। आठवें भाव में बैठे चंद्रमा जातक को सभी परिस्थिति में ढलने वाला और लचीला बनाने का कार्य करते हैं। ऐसे जातकों की मानसिक क्षमताएं बेहद प्रभावशाली होती है, और वे एक बड़े दृष्टिकोण से चीजों को समझने और उनके सही गलत पहलुओं का आंकलन करने में भी सक्षम होते हैं। कुंडली के आठवें स्थान पर चंद्रमा स्वास्थ्य से संबंधित लाभ के भी गवाह बनते हैं। ऐसे जातकों को स्वास्थ्य से संबंधित किसी भी प्रकार की बड़ी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता, और वे स्वस्थ जीवन व्यतीत करते हैं। आठवें घर में चंद्रमा जातकों को कोमल या नारीत्व के गुण भी प्रदान करते हैं।

नकारात्मक लक्षण/प्रभाव

कुंडली के आठवें भाव में चंद्रमा यदि किसी विरोधी ग्रह से प्रभावित हो रहे हैं, तो जातक को कुछ विपरीत और प्रतिकूल परिस्थितियों का भी सामना करना पड़ सकता है। यदि चंद्रमा किसी विरोधी ग्रह से प्रभावित है, तो जातक ओछे स्वभाव वाले और भावनात्मक रूप से कमजोर हो सकते हैं। ऐसे जातक अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नही रख पाते, और अपने लक्ष्य या विचारों में लगातार बदलावों का सामना करते हैं। मुश्किल और प्रतिकूल परिस्थितियों में मजबूत और सख्त रहने की उनकी क्षमता उन्हें कई बार नुकसान में भी डाल सकती है। ऐसे जातकों को बड़ों का सम्मान, धर्म और आध्यात्म जैसे क्षेत्रों से जुड़ना चाहिए और उनमें विश्वास रखना चाहिए। ऐसे जातकों को सट्टे और जुए जैसी चीजों से दूर रहना चाहिए, और अपने व्यवसाय और करियर पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। यदि आपको भी करियर या व्यापार में किसी समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो लीजिये सलाह हमारे अनुभवी विशेषज्ञ ज्योतिषियों से।

आठवें घर में चंद्रमा व्यापार व्यवसाय में सावधानी और सतर्कता बरतने की सलाह देते हैं। चंद्रमा की ऐसी स्थिति जातक पर हानिकारक और प्रतिकूल प्रभाव डालने का कार्य कर सकती है, जिसका असर उसके स्वास्थ्य पर भी देखने को मिल सकता है। खासकर ऐसे जातकों को मांसपेशियों से जुड़ी समस्याओं के प्रति सचेत रहते हुए, उचित चिकित्सीय परामर्श लेने की सलाह दी जाती है।जिन जातकों की कुंडली के आठवें भाव में चंद्रमा किसी विरोधी ग्रह से प्रभावित है, उन्हें अपनी भावनाओं पर नियंत्रण करने का सुझाव है। ऐसे जातकों को प्रतिकूल परिस्थितियों और तनाव से बचने की कोशिश करनी चाहिए। क्योंकि तनाव उनके चेहरे के हावभाव के साथ ही उनके व्यक्तित्व को भी प्रभावित कर सकता है। कुछ मामलों में ऐसे जातकों की इच्छा शक्ति पूरी तरह समाप्त हो जाती है, जो उन्हें किसी भी महत्वपूर्ण स्थिति के लिए अपरिवर्तनीय बनाने का कार्य करती है। ऐसे जाताकों को अपने वैवाहिक संबंधों में अपनी हठधर्मिता का नुकसान उठाना पड़ता है, और वैवाहिक जीवन में क्लेश और टकराव की स्थिति पैदा हो सकती है।जिन जातकों की कुंडली में चंद्रमा आठवें भाव में बैठे हों उन्हें तलाबों, नदियों, झीलों सहित किसी भी प्रकार के जल निकायों से दूरी बनाने की सलाह है। क्योंकि आठवें भाव में चंद्रमा, जल के माध्यम से किसी बड़ी अनहोनी की ओर इशारा करते हैं।

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निष्कर्ष

कुंडली के आठवें भाव में चंद्रमा के प्रभावों का आंकलन करने के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है, कि चंद्रमा आठवें भाव में लंबी उम्र, दुर्घटना की संभावना, मृत्यु और दूसरों के धन के साथ ही, साथी के साथ शारीरिक अंतरंगता आदि को प्रभावित कर सकते हैं। यदि चंद्रमा सकारात्मक स्थिति में है, और किसी विरोधी ग्रह के प्रभाव में नहीं है, तो कुंडली के आठवें भाव से अच्छे और शुभ प्रभाव प्राप्त होते हैं। लेकिन इसके विपरीत यदि चंद्रमा किसी विरोधी ग्रह के प्रभाव में हैं, तो उन्हें कई प्रतिकूल प्रभावों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे जातक वैवाहिक जीवन में मुश्किलों का सामना करते हैं, और उन्हें बड़े नुकसान उठाने पड़ सकते हैं। वैवाहिक जीवन में चल रही हैं परेशानी तो लीजिये सलाह हमारे ज्योतिषियों से गणेशजी के आशीर्वाद के साथ।

आठवें भाव में अनुकूल चंद्रमा उन्हें संकट में मजबूत इच्छा शक्ति प्रदान करते हैं, वहीं प्रतिकूल चंद्रमा जातकों पर इससे विपरीत प्रभाव डालने का कार्य करते हैं। हालांकि वैदिक ज्योतिष में चंद्रमा से संबंधित सभी प्रतिकूल परिस्थितियों से निपटने के लिए भी कुछ उपायों का उल्लेख किया गया है। चंद्रा के नकारात्मक प्रभावों को दूर करने के लिए जातक को चंद्र यंत्र की पूजा करनी चाहिए, वहीं चंद्रमा को बलवान करने के लिए चंद्र मोती धारण करना चाहिए, स्फटिक माला अथवा दो मुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए। कुंडली में चंद्रमा के नकारात्मक प्रभावों का आभास होने पर बिना हिचकिचाए हमारे विशेषज्ञ ज्योतिष से परामर्श करें।

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गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
गणेशास्पीक्स टीम

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