कॉर्डिसेप्स या कीड़ा जड़ी क्या हैं?

कॉर्डिसेप्स या कीड़ा क्या है?

कॉर्डिसेप्स या कीड़ा जड़ी (keeda jadi booti) एक प्रकार की जड़ी बुटी होती है। जो हिमालय के ऊंचाई वाले इलाकों में पाई जाती है। यह एक नायाब जड़ी बुटी है। सामान्य तौर पर इसे जंगली मशरूम के नाम से जानते हैं। कीड़ा जड़ी (keeda jadi) का वैज्ञानिक नाम कॉर्डिसेप्स साइनेसिस है। कीड़ा जड़ी एक प्रकार का फंगस है जो कुछ खास कीड़ों के लार्वा पर उगता (keeda jadi plant) है। इस कारण इसे कीड़ा-जड़ी भी कहते हैं। इसके इस नाम के पीछे का मुख्य कारण यह है कि इसका आधा भाग कीड़ा तथा आधा भाग जड़ी है। यह काफी महंगी और दुर्लभ जड़ी बुटी है। रंग की बात करें तो यह हल्के भूरे रंग की होती है। इस जड़ी बुटी को इसके कामोद्दीपक गुणों के लिए भी जाना जाता है। इसके अलावा यह कई बीमारियों में लाभकारी होता है। इसके सेवन से खांसी, क्रोनिक ब्रोंकाइटिस, श्वसन संबंधी विकार, किडनी विकार, रात में पेशाब आना, पुरुष यौन समस्याएं, एनीमिया, अनियमित दिल की धड़कन, उच्च कोलेस्ट्रॉल, यकृत विकार, चक्कर आना, कमजोरी, कानों में बजना, वजन कम होना और अफीम की लत इन सभी चीजों में इसका इस्तेमाल कर इलाज किया जाता है। इसके साथ ही इसका उपयोग हेपेटाइटिस बी वाले मरीजों में उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। इसके सेवन से परिश्रम करने की क्षमता बढ़ जाती है। इसके अलावे उम्र बढ़ने के प्रभावों को धीमा करने और यकृत की क्षमता में सुधार करने का काम करता है। कुछ लोग कॉर्डिसेप्स का उपयोग अपनी ऊर्जा को बढ़ाने के लिए करते है। यह प्रतिरोध में सुधार करने और थकान को कम करने के लिए उत्तेजक और टॉनिक के रूप में काम करता है।

कॉर्डिसेप्स कैसे काम करता है?

कॉर्डिसेप्स (Cordyceps) या कीड़ा जड़ी (keeda jadi) कोशिका प्रतिरक्षा (Improve cell immunity) और विशिष्ट प्रतिरक्षा प्रणाली के रासायनों में सुधार करने में लाभकारी साबित होता है। यह कैंसर कोशिकाओं पर लाभकारी रूप से काम करता है। साथ ही यह ट्यूमर के आकार को भी कम कर सकता है। विशेषकर फेफड़ों या त्वचा के कैंसर के मामले में यह ज्यादा कारगर होता है।

सावधानियां और चेतावनी

कॉर्डिसेप्स या कीड़ा जड़ी के इस्तेमाल के दौरान कुछ विशेष परिस्थितियों में सावधानी बरतने और ध्यान (Precautions and warnings) देने की जरूरत होती है।

गर्भावस्था और स्तनपान

गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसके इस्तेमाल से बचने की जरुरत होती है, क्योंकि महिलाओं की इस स्थिति में कीड़ा जड़ी के सुरक्षित इस्तेमाल के बारे में अबतक कोई पर्याप्त विश्वसनीय जानकारी मौजूद नहीं है। मल्टीपल स्केलेरोसिस (एमएस), ल्यूपस (सिस्टमिक ल्यूपस एरिथेमेटोसस, एसएलई), रुमेटोइड आर्थराइटिस या अन्य स्थितियों जैसे “ऑटो-इम्यून डिजीज” के लिए कॉर्डिसेप्स अधिक सक्रिय प्रतिरक्षा प्रणाली को जन्म दे सकता है, जो ऑटोइम्यून के लक्षणों को बढ़ाता है। यदि आप इनमें से किसी स्थिति से ग्रस्त हैं तो आप कॉर्डिसेप्स का उपयोग करने से बचना चाहिए।

रक्तस्राव विकार

कॉर्डिसेप्स के इस्तेमाल से रक्त के थक्के धीमा हो जाते हैं। साथ ही इसके इस्तेमाल से रक्तस्राव विकार (Bleeding disorders) वाले लोगों में रक्तस्राव का खतरा बढ़ सकता है।

सर्जरी

ऑपरेशन (Surgery) के दौरान कॉर्डिसेप्स रक्तस्राव के खतरे को बढ़ा सकता है। सर्जरी से दो सप्ताह पहले कॉर्डिसेप्स का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए।

दवाएं जो प्रतिरक्षा प्रणाली को कम करती हैं (immunosuppressants)

कॉर्डिसेप्स या कीड़ा जड़ी के उपयोग से प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाया (Improve cell immunity) जा सकता है। कॉर्डिसेप्स प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाकर प्रतिरक्षा प्रणाली की शक्ति को कम करने वाली दवाओं को प्रभाव को कम कर सकता है। प्रतिरक्षा प्रणाली को दबाने वाली कुछ दवाओं में एज़ैथियोप्रिन (imuran), बेसिलिक्सिमैब (simulect), साइक्लोस्पोरिन (neoral, sandimmune), डैक्लिज़ुमैब (zenapax), मुरोमोनाब-सीडी 3 (OKT3, orthoclone OKT3), माइकोफेनोलेट (cellcept), टैक्रोलिमस ((FK506, prograf) और सिरोलिमस (rapamune) शामिल है।

ब्लड क्लॉटिंग को धीमा करने वाली औषधियां

कॉर्डिसेप्स (Cordyceps) में रक्त के थक्के को धीमा करने की क्षमता होती है। इसे  अन्य दवाओं के साथ सेवन करने से रक्तस्राव की संभावना बढ़ जाती है। एस्पिरिन, क्लोपिडोग्रेल ((plavix), डाल्टेपैरिन (fragmin), एनोक्सापारिन (lovenox), हेपरिन, टिक्लोपिडीन (ticlid), वारफारिन (coumadin) आदि कुछ दवाएं रक्त का थक्के बना सकती हैं। इसलिए इन दवाओं के साथ कॉर्डिसेप्स के इस्तेमाल से बचने की जरूरत होती है।

प्रेडनिसोलोन (Prednisolone)

प्रेडनिसोलोन का उपयोग कभी-कभी प्रतिरक्षा प्रणाली को दबाने के लिए किया जाता है। हालांकि कॉर्डिसेप्स के इस्तेमाल से प्रेडनिसोलोन की प्रभावशीलता कम हो जाती है।

टेस्टोस्टेरोन (Testosterone)

कॉर्डिसेप्स द्वारा टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ाया जा सकता है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि यह प्रभावी है या नहीं, क्योंकि यह अभी भी अध्ययन का विषय है। जो लोग टेस्टोस्टेरोन का सेवन करते है, उन्हें इससे बचना चाहिए। 

कॉर्डिसेप्स या कीड़ा जड़ी की मात्रा

कॉर्डिसेप्स की उपयुक्त खुराक कई कारकों जैसे कि उम्र, स्वास्थ्य और उपयोगकर्ता की अन्य स्थितियों पर निर्भर करती है। हालांकि इसके उपयुक्त खुराक के लिए वर्तमान में कोई पर्याप्त वैज्ञानिक डेटा उपलब्ध नहीं है। यहां यह ध्यान रखना जरूरी है कि प्राकृतिक उत्पाद हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसके इस्तेमाल के लिए चिकित्सक से परामर्श अवश्य लेना चाहिए।

कॉर्डिसेप्स या कीड़ा जड़ी के लाभ

कॉर्डिसेप्स या कीड़ा जड़ी से होने वाले फायदों (Benefits of cordyceps) की बात करें तो, इसके कई लाभ हैं। आइए जानते हैं, इससे होने वाले छह महत्वपूर्ण फायदों के बारे में…

व्यायाम करने की क्षमता में बढ़ोतरी

एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट मॉड्यूल शरीर की मांसपेशियों को ऊर्जा प्रदान करने के लिए आवश्यक है। यह मुख्य रूप से वर्कआउट के दौरान आपके शरीर द्वारा ऑक्सीजन का उपयोग करने के तरीके को बढ़ा सकता है। इसे लेकर कई रिसर्च भी हो चुके हैं। हालांकि अध्ययन के कुछ परिणामों से पता चला है कि कॉर्डिसेप्स (Cordyceps) एथलीटों के प्रदर्शन और उनकी कुशलता में सुधार नहीं करता है।

एंटी-एजिंग गुण

बुजुर्गों द्वारा पारंपरिक रूप से थकान को कम करने के साथ ही ताकत और कामुकता को बढ़ावा देने के लिए कॉर्डिसेप्स (Cordyceps) का उपयोग किया जाता है। इनमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट उनकी उम्र बढ़ने की संभावनाओं को कम करता है। एक अन्य शोध से पता चला है कि कॉर्डिसेप्स चूहों में एंटीऑक्सिडेंट की मात्रा को बढ़ाता है। यह उनमें ज्यादा जीवित रहने और और उनके कामुकता की क्षमता में सुधार करने का काम करता है। एंटीऑक्सिडेंट पदार्थ वैसे पदार्थ होते हैं जो मुक्त कणों को निष्क्रिय करके ऊतक क्षति को रोकने का काम करते हैं, जो बीमारी और उम्र वृद्धि को धीमा कर देते हैं।

एंटी-ट्यूमर प्रभाव

अध्ययन के अनुसार कॉर्डिसेप्स में (Cordyceps) ट्यूमर के विकास को धीमा करने की क्षमता होती है। इसके उपयोग से ट्यूमर जैसी समस्या कम होती है। अध्ययनों से पता चलता है कि कवक में कई तरह से एंटी-ट्यूमर गुण हो सकते हैं। ट्यूब परीक्षण अध्ययनों में फेफड़े के कैंसर, बृहदान्त्र, त्वचा और यकृत कैंसर सहित कई प्रकार की मानव कोशिकाओं के विकास (Improve cell immunity) को रोकने वाले कॉर्डिसेप्स पाए गए हैं। कॉर्डिसेप्स कई प्रकार की कैंसर चिकित्सा के दुष्प्रभावों को कम करने में सक्षम हो सकता है।

टाइप 2 मधुमेह को करता है प्रबंधित

कॉर्डिसेप्स में एक प्रकार का शुगर होता है, जो मधुमेह के उपचार में सहायता कर सकती है। मधुमेह एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें शरीर ऊर्जा के लिए ग्लूकोज को कोशिकाओं तक ले जाने के प्रति जवाबदेह हार्मोन इंसुलिन का उत्पादन या उसके साथ प्रतिक्रिया करने में विफल रहता है। जब शरीर पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है या ठीक से प्रतिक्रिया नहीं करता है, तो ग्लूकोज कोशिकाओं तक नहीं पहुंच पाता और रक्त में ही रहता है। समय के साथ अत्यधिक रक्त शर्करा गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है।

परिणामस्वरुप मधुमेह रोगियों के लिए अपने रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करना महत्वपूर्ण होता है। कई अध्ययनों में डायबिटिक चूहों में रक्त शर्करा को कम करने में कॉर्डिसेप्स की भूमिका सामने आयी है। एक शोध के अनुसार यह गुर्दे की बीमारी (मधुमेह की एक सामान्य जटिलता) से भी रक्षा कर सकता है।

हृदय रोग में लाभ

चीन में अतालता (arrhythmia) नामक बीमारी, जिसमें नाड़ी असामान्य रुप से धीमी, तेज या अनियमित हो जाती है, के उपचार में कॉर्डिसेप्स का उपयोग किया जाता है।

एक रिपोर्ट के अनुसार क्रोनिक किडनी रोग के साथ ही ह्रदय संबंधी बीमारियों वाले चूहों में कॉर्डिसेप्स (Cordyceps) का बेहतर प्रभाव देखने को मिला। माना जाता है कि क्रोनिक किडनी रोग से संबंधित दिल की बीमारियों में खतरा बढ़ जाता है। इन स्थितियों को कम करने से हृदय रोग संबंधी स्थितियों को रोकने में मदद मिल सकती है। शोधकर्ताओं के अनुसार ऐसा कॉर्डिसेप्स में मौजूद एडीनोसिन के कारण हुआ था। एडेनोसिन एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला पदार्थ है जो हृदय की रक्षा करता है। कॉर्डिसेप्स (Cordyceps) का कोलेस्ट्रॉल पर भी प्रभाव पड़ सकता है। जानवरों पर हुए एक अध्ययन में कॉर्डिसेप्स “खराब” एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सक्षम पाया गया है। एलडीएल आपकी धमनियों में कोलेस्ट्रॉल का निर्माण कर हृदय रोग का खतरा बढ़ा सकता है।

सूजन को कम करता है

कॉर्डिसेप्स (Cordyceps) शरीर में सूजन की समस्या को कम करने में सहायक होता है। हालांकि कुछ सूजन फायदेमंद होती है, लेकिन अत्यधिक सूजन से हृदय रोग और कैंसर जैसी बीमारियां होने का खतरा बढ़ सकता है। अध्ययनों के अनुसार जब मानव कोशिकाएं कॉर्डिसेप्स के संपर्क में आती हैं तो शरीर में सूजन पैदा करने वाले विशेष प्रोटीन दब जाते हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार इन संभावित प्रभावों के परिणामस्वरूप कॉर्डिसेप्स (Cordyceps) एक दवा के रूप में उपयोगी हो सकता है। यह अस्थमा के लिए एक संभावित चिकित्सा विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि शरीर में सूजन से राहत के लिए आमतौर पर निर्धारित दवाओं की तुलना में कवक कम प्रभावी प्रतीत होता है।

संक्षेप में,

कॉर्डिसेप्स विभिन्न स्वास्थ्य स्थितियों को दूर करने के लिए लाभों के बंडल के साथ आता है। इसके अलावा, विभिन्न उपयोगों को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि कॉर्डिसेप्स नए युग की दवाओं में निश्चित रूप से अपना स्थान पा सकता है। आइए प्रतीक्षा करें और देखें।

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