akshaya tritiya कब है, और इसे कैसे मनाया जाता है, आइए जानते हैं…

akshaya tritiya कब है, और इसे कैसे मनाया जाता है, आइए जानते हैं...

akshaya tritiya कब है, और इसे कैसे मनाया जाता है, आइए जानते हैं…

अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) की पूजा का हिंदू धर्मावलंबियों में विशेष महत्व है। मान्याताओं के अनुसार अक्षय तृतीया से सुख समृद्धि की वृद्धि होती है। यह दिन वस्तुओं की खरीदारी के लिए विशेष होता है। इस दिन भगवान गणेश तथा मां लक्ष्मी की पूजा विशेष रूप से की जाती है। अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) 2024 का आयोजन शुक्रवार, 10 मई 2024 को किया जाएगा। यह पूजा पूरे भारत वर्ष में धूमधाम से की जाती है। इसे आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है। मान्याताओं के अनुसार इस दिन नया फर्नीचर, वाहन खरीदना बेहद शुभ माना गया है। इस दिन माता लक्ष्मी तथा भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इस दिन पूजा करने से भगवान भक्तों को मनवांक्षित फल प्रदान करते है। इस दिन लोग विशेश रूप से आभूषण भी खरीदते है। सोने के आभूषण की खरीदारी शुभ माना गया है। अक्सर लोग सोना की खरीदारी के लिए अक्षय तृतीया के दिन का इंतजार करते हैं और आखा तीज पर भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की जोड़ी की पूजा करते हैं। साथ ही जरूरतमंदों को दान भी दिया जाता है।

अक्षय तृतीया 2024, तिथि और पूजा मुहूर्त

आखा तीज यानी अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष के तीसरे दिन मनाई जाती है। जो आमतौर पर हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर साल अप्रैल और मई के बीच आती है। इस वर्ष अक्षय तृतीया की तिथि इस प्रकार है:

अक्षय तृतीया: शुक्रवार, 10 मई 2024
अक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त: 05:38 ए एम से 12:10 पी एम
तृतीया तिथि प्रारंभ: मई 10, 2024 को 04:17 ए एम बजे
तृतीया तिथि समाप्त: मई 11, 2024 को 02:50 ए एम बजे

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अक्षय तृतीया का ज्योतिषीय महत्व

आखा तीज यानी अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) साल में एक बार ही मनाई जाती है। यह पूजा तब मनाई जाती है जब सूर्य और चंद्रमा की चमक दिन के वक्त ज्यादा होती है। साथ ही सूर्य और चंद्रमा चमक के चरम स्तर पर होने के साथ-साथ उच्च अवस्था में होते हैं। वास्तव में यह एक दुर्लभ घटना होती है। वैदिक ज्योतिष में 3 चंद्र अवधियों को वर्ष में अत्यंत शुभ माना जाता है। इन चरणों को ‘साढ़े तीन मुहूर्त’ भी कहा जाता है। चैत्र शुक्ल पक्ष का पहला चंद्र चरण, अश्विन का 10वां चरण, वैशाख में तीसरा चरण और कार्तिक शुक्ल पक्ष का पहला चरण होता है। पहले 3 चरणों को चंद्र माह के पूर्ण चरणों के रूप में जाना जाता है। जबकि अंतिम चरण आधे चरण का प्रतिनिधित्व करता है।

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अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) की कहानी

मान्यताओं के अनासर अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) की पूजा बचपन में भगवान कृष्ण और उनके ब्राह्मण मित्र सुदामा से जुड़ी हुई है। आखा तीज के दिन सुदामा कुछ आर्थिक सहायता के लिए द्वारका में भगवान कृष्ण से मिलने जाते हैं। जहां भगवान सुदामा का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए ‘अतिथि देवो भव’ का पालन करते हैं। उस दौरान भगवान कृष्ण के धन को देखकर सुदामा उन्हें उपहार के लिए लाए चुड़ा की पोटली के कारण खुद को अपमानित महसूस करते हैं। हालांकि भगवान श्रीकृष्ण ने बड़ी सहजता से उस उपहार को स्वीकार किया था। उन्होंने दोस्ती और मिठास के रूप में इस उपहार का आनंद लिया। आर्थिक सहायता मांगने में लज्जित हुए सुदामा शांत मन से घर लौट जाते हैं। उनके अपने घर पहुंचने पर सब बदला बदला सा नजर आता है। उस दौरान सुदामा ने पाया कि उनकी झोपड़ी महल में बदल गई है। उनकी सत्यनिष्ठा और सादगी को भगवान कृष्ण सहजता से स्वीकार करते हैं। इस प्रकार आखा तीज का दिन भौतिक लाभ और धन समृद्धि के लिए जाना जाता है।

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अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) अनुष्ठान

अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) के पवित्र दिन आपको विभिन्न नियमों और अनुष्ठानों का पालन करना चाहिए।

• जल्दी सुबह उठकर स्नान करें
• दिन में उपवास रखना चाहिए।
• इसके बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को फूल और चंदन का लेप लगाएं और जीवन में उनका आशिर्वाद प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करें।
• धन समृद्दि के लिए मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा करना लाभकारी होता है।
• इसके बाद दूध, चना दाल, गेहूं, सोना और वस्त्र चढ़ाकर विधिवत पूजा करना चाहिए।
• इसके बाद श्रद्धा और भक्ति के साथ ‘विष्णु सहस्रनाम’ का पाठ करना लाभकारी होता है।
• इस दिन भगवान कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए ‘पोहा’ का प्रसाद चढाएं।
• गाय और बछड़ों को घास खिलाने के साथ-साथ गरीबों और ब्राह्मणों को दान देने से दैवीय कृपा की प्राप्त होती है।

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अक्षय तृतीया (akshaya tritiya) पूजा मंत्र

नीचे दिए गए मंत्र का जाप करने से मानसिक शांति के साथ अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त होता है…
“जमादग्न्य महावीर क्षत्रियंत करा प्रभु”
गृहणर्घ्यम मायादत्तम कृपाया परमेश्वर”

आखा तीज में धन की वृद्धि के लिए मंत्र का जाप करें…

“कुबेर त्वम दानदीसम गृह ते कमला स्थित”
तम देवेम प्रेहयासु त्वम मदग्रुहे ते नमो नमः”

प्रभु आपकी सभी समस्याओं का समाधान करें और आपको जीवन में समृद्धि और प्रचुरता प्रदान करें। अक्षय तृतीया की शुभकामनाएं!

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