एकादश भाव में सूर्य – कुंडली के ग्यारहवें भाव में सूर्य की महत्ता जातक को धन का लाभ देती है

कुंडली के ग्यारहवें भाव में सूर्य की महत्ता जातक को धन का लाभ देती है

11वां भाव एक भाव घर है, जिसे लाभ भाव या लाभ का भाव भी कहा जाता है। वैसे, यह आय और लाभ का एक मजबूत संकेतक होता है। यह कमाई, लाभ और प्राप्ति, धन, संपन्नता के लिए जाना जाता है। आप जो भी कमाई और इच्छा करते हैं, और वे इच्छाएं पूरी होंगी या नहीं, इसका फैसला 11वें भाव द्वारा ही किया जाता है। साथ ही, 11 वां भाव सामाजिक गतिविधियों में आपकी रुचि के बारे में भी होता है। यह तय करता है कि आपके कई शुभ चिंतक होंगे या नहीं। यदि जातक की कुंडली के ग्यारहवें भाव में सूर्य मौजूद है, तो इसका मतलब है, कि वह अपने सपनों की आकांक्षाओं को साकार करने में सक्षम होगा, जो उसके और उसके दोस्तों की मदद से होगा, जो प्रभावशाली स्थिति में होंगे और जिनके पास अधिकार होंगे।

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11 वें भाव में सूर्य के कारण प्रभावित क्षेत्र

  • संबंध
  • धन और वित्त
  • लोगों के प्रति रवैया
  • दर्शन और आध्यात्म के प्रति दृष्टिकोण

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सकारात्मक लक्षण/प्रभाव

11 वें भाव में सूर्य की उपस्थिति वाले जातक सत्ता पाने या लोगों पर अधिकार करने से ज्यादा उनका दिल जीतना चाहते हैं। ये बहुत ही मिलनसार होते हैं, और आसानी से दोस्त बना लेते हैं। साथ ही, इनकी संगठनात्मक क्षमताएं बहुत अच्छी होती हैं। ये धनी होते हैं तथा लंबे व स्वस्थ जीवन का आनंद लेते हैं।ग्यारहवें भाव में सूर्य की स्थिति वाले जातक आदर्शवादी होते हैं। ये हमेशा अधिक सामंजस्यपूर्ण भविष्य का सपना देखते हैं। ये दृढ़ता और खुशी की शक्ति में विश्वास करते हैं। ये दुनिया को बदलना चाहते हैं और इसे दूसरों के रहने हेतु बेहतर जगह बनाना चाहते हैं।इसके अलावा, ग्यारहवें भाव में सूर्य वाले जातक दयालु और नरम दिल होते हैं। ये दूसरों के दर्द को महसूस कर सकते हैं और उनकी स्थिति को समझ सकते हैं। ये सहानुभूति पूर्ण होते हैं और इनके मानवीय, धर्मार्थ समूहों और संगठनों में शामिल होने की संभावना होती है।11 वां भाव लाभ अर्जित करने के लिए उत्तरदायी होता है और सामाजिक गतिविधियों में भी ऐसे जातकों की भागीदारी होती है। ये दो कारक इनके भाग्य के साथ दृढ़ता से जुड़े होते हैं। 11 वें भाव में सूर्य वाले जातक केवल सामाजिक होने के कारण ही उच्च होते हैं, और तभी इनका लाभ होता।

नकारात्मक लक्षण/प्रभाव

11 वें भाव में सूर्य वाले जातक किसी व्यक्ति विशेष के बजाय समूह को अधिक महत्व देने की संभावना रखते हैं। वे दूसरों के कल्याण में अधिक लगे होते हैं। आदर्श रूप से, स्वार्थ और दूसरों के कल्याण के बीच संतुलन होना चाहिए। हालांकि, 11 वें भाव में सूर्य होने पर वैदिक ज्योतिषी के अनुसार, समाज को अधिक महत्व देना उनके व्यक्तिगत हितों के लिए हानिकारक हो सकता है, जो उनके पारिवारिक सदस्यों की संभावनाओं को भी चोट पहुंचा सकता है।11 वें भाव में सूर्य की उपस्थिति वाले जातक तब अधिक विकसित होते हैं, जब वे अपने आप में होने के बजाय एक समूह का हिस्सा बनते हैं। यदि 11 वें भाव में सूर्य का पहलू अच्छा है, तो जातक के समूह के अन्य सदस्यों के साथ अच्छे और सहज संबंध होने की संभावना होती है। दूसरी ओर, यदि सूर्य का पहलू अनुकूल नहीं है, तो इससे समूह के अन्य सदस्यों के साथ संघर्ष, ग़लतफहमी, विवाद हो सकता है। यदि 11 वें भाव में सूर्य वाले जातक अपने आसपास के लोगों से जुड़ने में असमर्थ होते हैं, तो वे उन लाभों को भुनाने में सक्षम नहीं होंगे जो उनके लिए उपलब्ध हैं। यदि ग्यारहवें भाव में सूर्य स्थित होता है तो जातक अपने आसपास के लोगों के साथ अच्छे संबंधों का प्रबंधन करने में असमर्थ होते हैं, और यह काफी संभावना होती है कि वे मन के एक निराशाजनक चरण में आ सकते हैं, जो दूसरों को चोट पहुंचाने की तुलना में स्वयं को अधिक चोट पहुँचाएगा।

निष्कर्ष

यह बहुत अच्छी बात है कि ये जातक अच्छाई और खुशी में विश्वास करते हैं। हालाँकि, इनको व्यावहारिक वास्तविकता को भी ध्यान में रखना चाहिए। यह इनको अच्छाई से दूर करने के लिए नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए है कि ये अपने मूल्यों और नैतिकता का पालन करते हुए वास्तविकता में अधिक जियें। उनके विचार तभी वास्तविकता में परिवर्तित होंगे जब ये उन्हें व्यावहारिक जीवन से जोड़े रखेंगे।

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गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
गणेशास्पीक्स टीम

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