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क्या कहती है सरयू राय की कुंडली जो भाजपा में रहते हुए भी भाजपा के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ रहे

सरयू राय

झारखण्ड राजनीति का जाना-पहचाना चेहरा, भूत-पूर्व पत्रकार, जन-सेवक एवं वर्तमान भाजपा सरकार के रघुवर दास कैबिनेट में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री। सरयू राय अपनी पार्टी या कहें कि अपने ही मुख्यमंत्री रघुवर दास के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ रहे हैं। झारखण्ड विधानसभा चुनाव 2019 में इस अजीबो-गरीब संयोग को देखने का मौका सबको मिल रहा है। क्योंकि अपनी ही पार्टी के ख़िलाफ़ असंतोष की भावना के चलते सरयू राय को भाजपा ने जमशेदपुर पश्चिम सीट से टिकट नहीं दिया। ऐसे में सरयू राय ने जमशेदपुर पूर्व सीट से 5 बार विधायक, मुख्यमंत्री रघुवर दास के विरोध में नामांकन कर दिया। अब इस सीट पर रोमांचक त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा। पहले उम्मीदवार तो रघुवर दास है हीं, दूसरे उम्मीदवार सरयू राय और तीसरे उम्मीदवार कांग्रेस के टीवी प्रवक्ता गौरव बल्लभ हैं। लेकिन एक बड़ी बात और है कि सरयू राय भले ही भाजपा के ख़िलाफ़ बग़ावत कर चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन उन्होंने अभी तक भाजपा की सदस्यता से इस्तीफ़ा नहीं दिया है। ऐसे क्या उनकी कुंडली उनके पक्ष में है या नहीं आइये देखते हैं।

व्यक्तिगत जानकारी
नाम – सरयू राय
जन्म तारीख – 16 जुलाई 1951
जन्म समय – अज्ञात
जन्म स्थल – खनैता गांव, इटाही ब्लॉक, शाहाबाद जिला, बिहार

ज्योतिषीय विश्लेषण

प्रथम भाव में, मिथुन राशि में सूर्य-मंगल की उपस्थिति तेज और पराक्रम का संकेत देती हैं। जीवन में सफलता प्रदान करती है। विशेषकर कार्य क्षेत्र में सम्मान, सामाजिक और सरकारी कार्यों में कामयाबी मिलती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में सूर्य-मंगल की स्थिति शुभ है, यह राजनीतिक जीवन में सफलता की संभावना को बढ़ती है। वैदिक ज्योतिष में वर्णित नव ग्रहों में, सूर्य को राजा और मंगल को सेनापति की उपाधि दी गई है। यह स्थिति व्यक्ति के विशेष सम्मान, सफलता, प्रगति और उच्च रैंक को दर्शाती है। सूर्य-मंगल की प्रथम भाव में युति, मजबूत निर्णय लेने की क्षमता और आत्मविश्वास को मजबूत बनाती है। साथ ही स्वभाव में जोश देती है, जो कार्य-स्थल पर अपना प्रभाव छोड़ने में सहायक होती है। ये स्थिति अच्छे लोगों के बीच सकारात्मक छवि और भ्रष्ट अधिकारियों में ख़ौफ़ बनाये रखती है। राजनीतिक जीवन में ऐसे व्यक्ति का प्रवेश, पार्टी और राज्य के भविष्य के बारे में नए सिरे से जागरूकता दिखाता है। राजनीतिक जीवन में, लोगों से अच्छे संबंध और पार्टी के लिए नई प्रेरणा का स्रोत बनते हैं।

कुंडली में सबसे महत्वपूर्ण भाव दशम भाव हैं। इसे राजनीति, राजस्व, प्रतिष्ठा, विश्व प्रसिद्ध का कारक माना जाता है। इसे कर्म भाव भी कहा जाता है। दशम भाव में स्वग्रही गुरु का होना बताता है कि जातक अपने कर्मों से बहुत प्रसिद्ध और सफल होगा। ये राजनीति में विशेष उन्नति पाते हैं।। अपने पराक्रम से सभी कार्यों में सफलता हांसिल करते हैं। ऐसे जातक विवेकशील, बुद्धिमान, लोकप्रिय और अच्छे शासक या मंत्री होते हैं। ये राजनीति में उच्च स्थान प्राप्त करते हैं।

अब आगे और क्या होने की संभावना है?

गोचर गुरु, धनु राशि में सप्तम भाव से भ्रमण करेंगे और इसकी दृष्टि लाभ भाव, लग्न भाव तथा पराक्रम भाव पर होगी। अपनी कुशाग्र बुद्धि से राजनीति में सफलता और पराक्रम से विरोधियों को परास्त कर सकते हैं। लेकिन गोचर गुरु, शनि-केतु के साथ भी भ्रमण करेंगे इसलिए यह सारी बातें सकारात्मक होने के बावज़ूद शनि-केतु के कारण अपने प्रतिद्वन्द्वी को परास्त करन में परेशानी भी हो सकती है। जीत के लिए कड़ी महनेत की आवश्यकता होगी। प्रतिद्वन्द्वी को कमजोर मानना जीत की संभावना पर प्रश्न चिन्ह लगा सकता है। इसलिए इस समय चुनाव में कड़ी महनेत पर भरोसा रखकर आगे की योजना बनानी चाहिए। जिससे उन्हें अपने क्षेत्र में अधिक वोट हासिल करने में मदद मिलेगी।

निष्कर्ष

अपनी जीत को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। प्रतिद्वन्द्वी को परास्त करने में काफी परेशानी का सामना करना पड सकता है।

गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम

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