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जानें, साइरस की बर्खास्तगी के पीछे छिपा सच !

साइरस मिस्त्री

150 सालों के टाटा के इतिहास में छठें ग्रुप चेयरमैन रहे साइरस मिस्त्री के जीवन के अगले दो वर्षों में शनि भयंकर उपद्रव मचा सकता है। कानूनी परेशानियों के कारण जीवन अनिश्चितताओं से भरा रहने की वजह से अशांत रहेगा। गणेशजी की भविष्यवाणी है कि ताकतवर शनि के धनु व वृश्चिक राशि के मध्य मार्गी-वक्री -मार्गी पारगमन करने से आगामी लगभन तीन वर्षों का कार्यकाल मिस्त्री के लिए काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है। इसके अलावा, इस बीच राहु का प्रतिकूल गोचर भी रहेगा। साइरस के लिए ये सभी प्रतिकूल ग्रहीय हलचलें परिवार या शुभचिंतकों की तुलना में कानूनी चुनौतियां पेश कर सकती हैं। गणेशजी द्वारा पेश की गई इस ज्योतिषीय व्याख्या में हम आपके समक्ष इन खगोलीय घटनाओं के पीछे के रहस्यों पर से पर्दा हटाने जा रहे हैं। साथ ही आप ये भी जानेंगे कि साइरस का आगामी भविष्य कैसा रहने वाला है।

साइरस मिस्त्री
जन्म तिथि: 4 जुलाई, 1968
जन्म समय: ज्ञात नहीं
जन्म स्थान: मुंबई, महाराष्ट्र, भारत

साइरस मिस्त्री की सूर्य कुंडली

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[साइरस मिस्त्री का जन्म समय उपलब्ध नहीं होने के कारण संपूर्ण ज्योतिषीय विवेचन सूर्य कुंडली पर आधारित है]

1) मिस्त्री के निष्कासन के लिए कौन से ग्रहीय प्रभाव जिम्मेदार हैं?

अच्छाई पर बुराई की जीत?
कुंडली की पड़ताल करने पर गणेशजी को यह ज्ञात होता है कि अशुभ राहु, सूर्य कुंडली के दशम भाव ( पेशे) और सप्तम भाव (भागीदारी व सार्वजनिक छवि) के स्वामी गुरू बृहस्पति के ऊपर से पारगमन कर रहा है। ज्योतिष शास्त्र में गुरू बृहस्पति सबसे शुभ माना जाता है। इतने महत्वपूर्ण ग्रह के ऊपर से राहु का गोचर होना स्वाभाविक रूप से मिस्त्री के विरूद्ध कार्य करेगा। परिणामस्वरूप, इन्हें कंपनी के प्रबंधन और इसकी नीतियों की ओर से पर्याप्त सहायता नहीं मिल पा रही है। क्या आपको भी अपने कैरियर में भी इसी तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है? तो हमारे विशेषज्ञों का मार्गदर्शन अवश्य प्राप्त करें।

दोहरा अलगाव पैदा करने वाले प्रभाव
यहां ये बात उल्लेखनीय है कि तृतीय भाव और गुरू दोहरे अलगाववादी ताकतों से ग्रसित हैं। इनमें से एक तो यह कि गोचर का राहु इसके ऊपर से होकर गुजर रहा है और दूसरा यह कि गोचर के शनि की दृष्टि का इसके केंद्र स्थान से पड़ना। गणेशजी का कहना है कि इस प्रकार से पृथक्करण के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। कुंडली का चतुर्थ भाव रोजगार से संबंधित मामलों को दर्शाता है। इसके अलावा, जन्म के सूर्य से षष्ठ भाव और तीन प्रमुख ग्रहों के ऊपर से शनि का पारगमन किसी प्रकार से इनको सहायता नहीं पहुंचा पा रहे हैं। क्या आप और आपके बिजनेस भागीदार के बीच के संबंध अभी खराब चल रहे हैं? तो हमारी सेवा के जरिए जानिए कि आपके सितारें आपके इस पार्टनरशिप के बारे में क्या संकेत कर रहे हैं।

कानूनी पहेलियां
यह पारगमन कानूनी उलझनों और जटिलताओं की ओर इंगित करता है। कुंडली का षष्ठ भाव कानूनी मामलों, विवादों और अदालती मामलों का माना जाता है। सूर्य से छठवें स्थान में शनि का पारगमन इस पक्रिया में कुछ नुकसान पहुंचा सकता है। गणेशजी को लगता है कि शनि के धनु राशि में प्रवेश करते ही चीजें और भी जटिल हो सकती हैं।

2) मिस्त्री के भविष्य के बारे में सितारें क्या संकेत करते हैं?

दुविधा और अनिश्चितता और भी गहरा सकती है?
गणेशजी कहते हैं कि आगामी वर्ष मिस्त्री के जीवन के लिए सबसे ‘इवेंटफुल साबित हो सकता है। बलशाली शनि धनु व वृश्चिक राशि के मध्य मार्गी-वक्री -मार्गी पारगमन कर रहा होगा। इस सख्त व शक्तिशाली ग्रह की यात्रा साइरस के लिए काफी ढेर सारी समस्याएं खड़ी कर सकती हैं। साइरस को अपने कदम फूंक-फूंक कर बढ़ाने की जरूरत होगी। क्या आप भी अपने व्यापार से संबंधित कोई बड़ा फैसला लेने जा रहे हैं? तो अपने बिजनेस से जुड़े असरकारक फैसले लेने के लिए कोई भी प्रश्न पूछ सकते हैं।

शनि के 30 महीनों का सफरः चुनौतियों का सामना करने का समय
दिनांक 28 अक्टूबर, 2017 को आखिरकार शनि का प्रवेश धनु राशि में होगा। मिथुन राशि में विद्यमान ग्रहों के समूह के ऊपर इसकी सीधी दृष्टि पड़ना गंभीर विवादों ओर कानूनी उलझनों को जन्म दे सकता है। अतीत के कुछ मुद्दे भी एकाएक सामने आकर इन्हें तंग कर सकते हैं। नए-नए आरोप इनके खिलाफ लग सकते हैं। 18 अगस्त, 2017 से लगभग तीन साल के लिए राहु का गोचर होना इनके घावों पर नमक छिड़कने जैसा काम कर सकता है।

समस्याओं से निपटने में गुरू की कृपा काफी कम
शनि व राहु द्वारा खड़े किए गए इन हानिकारक प्रभावों के बाद भी, गुरू बृहस्पति के कारण पड़ने वाला सकारात्मक प्रभाव काफी कम रह सकता है। परंतु, फिर भी गुरू के अनुग्रह की वजह से उनको थोड़ी राहत तो मिलेगी ही।
इस तरह से यदि हम मामले की पूरी तस्वीर को गौर से देखें तो एेसा लगता है कि साइरस मिस्त्री की परीक्षा की घड़ी शुरू हो चुकी है। गणेशजी का उनको परामर्श है कि वे चल रही स्थितियों को स्वीकार करते हुए ही आगे बढ़ें।

गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
धर्मेश जोशी
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम

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