क्या मंगली व्यक्ति अमंगलकारी होता है या मांगलिक और गैर-मांगलिक का विवाह हो सकता है?

क्या मंगली व्यक्ति अमंगलकारी होता है या मांगलिक और गैर-मांगलिक का विवाह हो सकता है?

वैदिक ज्योतिष में विवाह के लिए सबसे प्रसिद्ध और भयानक दोषों में से एक है मांगलिक दोष। मांगलिक व्यक्ति की गैर-मांगलिक व्यक्ति से शादी करने को लेकर हमेशा बहस होती रही है। हालांकि, कई बार गैर-मांगलिक व्यक्ति से मांगलिक से विवाह के जोखिमों को बढ़ा-चढ़ाकर बताया जाता है। कई लोग तो यहाँ तक कहते है कि एक मांगलिक व्यक्ति से विवाह करने पर गैर-मांगलिक साथी को अकाल मृत्यु या तलाक का सामना करना पड़ सकता है। अंततः भले ही यह एक अच्छा रिश्ता हो लेकिन फिर भी मांगलिक और गैर-मांगलिक जोड़ों को अपने माता-पिता को शादी के लिए मनाने में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता है। हमारे आस-पास कुछ ऐसे उदाहरण भी देखने को मिल जाते हैं। जब हम मांगलिक और गैर-मांगलिक लोगों के सफल वैवाहिक जीवन के उदाहरण देखते और सुनते हैं। लेकिन फिर भी यह सलाह दी जाती है कि आप जिस भी व्यक्ति से विवाह करना चाहते हैं, उसकी जन्म कुंडली में मौजूद मंगल दोष की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए।


कुंडली के अनुसार मांगलिक होने का क्या मतलब है?

यदि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में पहले, चौथे, सातवें, आठवें और 12वें घर में मंगल ग्रह स्थित होता है, तो वास्तविक रूप से इसे जन्म कुंडली में मंगल दोष माना जाता है। ऐसे व्यक्ति को मांगलिक कहा जाता है।


वैवाहिक जीवन पर मांगलिक दोष क्या प्रभाव डालता है?

किसी दांपत्य जीवन में मंगल अरुचि, दूरी, अलगाव या कानूनी विवाह विच्छेद का कारण बन सकता है। जैसा कि मंगल प्राकृतिक रूप से एक हानिकारक ग्रह है, जो स्वभाव से आक्रामक और अभिमानी होता है। यह संबंधों को बुरी तरह से नुकसान पहुंचा सकता है और रिश्तों में विनाश का कारण बन सकता है। क्या एक मांगलिक व्यक्ति से शादी करने के बाद एक गैर-मांगलिक व्यक्ति वास्तव में मर जाता है? या बुरे प्रभाव का सामना करता है। आईये जानते हैं मंगल की स्थिति के अनुसार यह किस प्रकार जातक और जीवन-साथी पर असर डालता है।

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यदि मंगल चौथे घर में स्थित होता है, और सातवें घर पर दृष्टि डालता है। तो घरेलू जीवन में खुशी की कमी का कारण बन सकता है।

  • यदि मंगल 12वें घर में स्थित होता है, और सातवें घर पर दृष्टि डालता है, जो की विवाह का कारक होता है। तो ये रिश्ते में दूरी पैदा कर सकता है।
  • यदि मंगल सातवें घर में स्थित होता है जो स्वाभाविक रूप से वैवाहिक सुख का घर है, तो इससे विवाह में अलगाव या कानूनी समस्या आ सकती है।
  • यदि मंगल पहले घर में स्थित होता है, तो जातक अभिमानी और अधिक गुस्से वाला हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप रिश्ते में दरार आ सकती है।
  • यदि मंगल आठवें घर में स्थित होता है, और दूसरे घर को प्रभावित करता है, जो परिवार का घर होता है। तो पारिवारिक संबंधों में बाधा आ सकती है।

क्या मांगलिक और गैर-मांगलिक जातकों का विवाह हो सकता है?

मंगल एक जातक के लिए ऊर्जा, साहस और आत्मविश्वास का प्रतीक होता है। इसलिए, वैदिक ज्योतिष में मंगल को एक बहुत महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है। हालांकि, जहां तक ​​मांगलिक या कुजा दोष का सवाल है, तो वैवाहिक मामलों के लिए इसे अशुभ माना जाता है। आम तौर पर, माना जाता है कि यदि किसी मांगलिक व्यक्ति की शादी करनी है तो उसके लिए ऐसा जीवनसाथी ढूंढना चाहिए जो मांगलिक ही हो। ऐसे विवाह से दोनों का मंगल दोष समाप्त हो जाता है। लेकिन इसके अलावा अन्य ग्रहों के प्रभाव को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए। गैर-मांगलिक व्यक्ति के साथ मांगलिक व्यक्ति का विवाह कराने के कुछ उपाय हैं। यदि गैर-मांगलिक जातक की कुंडली में शनि का मजबूत स्थान और प्रभाव रखता है तो दोनों विवाह कर सकते हैं। हालांकि, विवाह संपन्न कराने से पहले दोनों की कुंडलियों का अच्छी तरह से मिलान कर लेना चाहिए। जिसके लिए किसी ज्योतिषी विशेषज्ञ से परामर्श कर उसके प्रभाव और उपचार के बारे में उचित जानकारी ले सकते हैं।


क्या मांगलिक दोष समाप्त किया जा सकता है?

ये बात ध्यान में रखना अतिमहत्वपूर्ण है कि कुंडली में स्थित किसी भी बुरे योग या दोष को समाप्त नहीं किया जा सकता। लेकिन, हाँ, इसका उपाय कर परेशानी मुक्त जीवन का आनंद लेने के लिए इसको बेअसर ज़रूर किया जा सकता है। लंबे समय तक अच्छा वैवाहिक जीवन जीने के लिए दोषों को निष्क्रिय कर लेना फ़ायदेमंद होता है।


विवाह से पहले मांगलिक दोष को दूर करने के लिए क्या उपाय कर सकते हैं?

मंगल दोष दूर करने के लिए केवल उपचार की दृष्टि से कोई रत्न धारण करने का सुझाव नहीं दिया जा सकता। वैदिक शास्त्रों में कुछ पूजा एवं विधियां वर्णित हैं। जिनकी सहायता से कुंडली में स्थित मज़बूत मंगल दोष को निष्क्रिय किया जा सकता है। दोष निवारण उपाय करने के लिए पूजा विधि के अलावा एक यंत्र पूजा भी की जाती है। मंगल दोष दूर करने में कौन सा यंत्र सहायक है, यह जानने के लिए हमारे विशेषज्ञ ज्योतिषी से बात करें। यदि किसी जातक की कुंडली में मंगल दोष है, तो लड़कियों को कुंभ विवाह और लड़कों को अर्क विवाह की सलाह दी जाती है। यह जातकों के लिए मंगल के हानिकारक प्रभावों को कम करने में सहायक होता है।

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लेकिन मंगल दोष से बचाव ही उपचार है

हालांकि मांगलिक दोष जातक के विवाह में परेशानी ला सकता है, लेकिन बेहतर होगा कोई भी निर्णय लेने से पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी से सलाह ले लें। क्योंकि ज्योतिष विशेषज्ञ खुशहाल और संपन्न वैवाहिक जीवन की सलाह देने से पूर्व लड़के और लड़की की कुंडलियों का सावधानीपूर्वक गहनता से विश्लेषण करते हैं। तब जाकर किसी अंतिम निर्णय पर पहुंचते हैं।
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