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प्रियंका गांधी वाड्रा : 2019 लोकसभा चुनाव में क्या रहेगा भविष्य?

प्रियंका गांधी वाड्रा : 2019 लोकसभा चुनाव में क्या रहेगा भविष्य?

लोकसभा चुनाव 2019 करीब है और सभी राजनीतिक दल अपनी चुनावी तैयारियों में व्यस्त हैं। इन सबके बीच चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने प्रियंका गांधी के सक्रिय राजनीति में आने की घोषणा करके सभी को चौंका दिया है। कांग्रेस ने उन्हें पार्टी का महासचिव बनाया है। साथ ही उत्तरप्रदेश के पूर्वांचल का प्रभार भी दे दिया। राजनीति में प्रियंका की एंट्री कांग्रेस और सहयोगी दलों के लिए कितनी धमाकेदार होगी, यह तो चुनाव के बाद ही पता चल सकेगा। हालांकि प्रियंका गांधी को पूर्व में सोनिया और राहुल गांधी के साथ चुनावी रैलियों में देखा जाता रहा है, लेकिन पहली बार उन्हें कांग्रेस में जिम्मेदारी मिली है और इसके साथ ही वे गांधी परिवार से सक्रिय राजनीति में कदम रखने वाली 11वीं सदस्य बन गई हैं। ज्योतिषीय दृष्टि से इस साल प्रियंका के लिए क्या होने वाला है खास, आइए जानते हैं।

प्रियंका गांधी वाड्रा

जन्मतिथि : 12 जनवरी 1972
जन्म का समय : 17:05 (अपुष्ट)
जन्म स्थान : नई दिल्ली

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प्रियंका की कुंडली में है पंच महापुरुष राज योग

प्रियंका गांधी का जन्म मिथुन लग्न के साथ हुआ है। उनके जन्म चार्ट के 10 वें भाव और 7 वें भाव के स्वामी बृहस्पति हैं। बृहस्पति का स्व राशि होने के साथ ही केंद्र स्थिति में होना शुभ हमसा योग बनाता है, जो पंच महापुरुष राज योगों में से एक है। इसके साथ ही बृहस्पति लग्न के स्वामी बुध और तृतीय भाव के स्वामी सूर्य के साथ भी हैं। यह ग्रह स्थिति इशारा करती है कि प्रियंका एक सहज, प्रभावशाली नेता और व्यक्तिगत तौर पर गतिशील हैं, जो अच्छी स्ट्रेटेजी बना सकती हैं। यह उनके भाषण में बौद्धिक गहराई, आकर्षण और आशावाद भी पैदा करता है। उनमें योजनाओं को बेहतर तरीके से तैयार करने संबंधी विचार करने के साथ ही उन्हें लागू करने की क्षमता भी हो सकती है।

प्रियंका का विवादों से भी रहेगा नाता

सूर्य, जो अधिकार का प्रतिनिधित्व करता है, उनके चार्ट में अात्मकारक ग्रह है और 7 वें घर में बृहस्पति और बुध को शक्ति प्रदान करता है। यह इंगित करता है कि उनके पास बड़ी चीजों को प्राप्त करने का कौशल है। इसके अलावा, वह मतदाताओं को प्रभावित करने की मजबूत क्षमता रखती हैं। भाग्य स्थान को शुक्र का पूरा साथ मिला हुआ है, जो अपने मित्र की राशि में भी है। शनि भी सातवी दृष्टि से पंचम स्थान को देख रहा है। ग्रहों का यह मेल एक करिश्माई व्यक्तित्व को भी इंगित करता है, जो दूसरों को अपने विचारों के बारे में बहुत अच्छी तरह समझा सकता है। हालांकि उनके विरोधी उन्हें विवादों में घसीटने की पूरी कोशिश करेंगे।

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प्रियंका : कांग्रेस के चुनाव प्रचार में होगी महत्वपूर्ण भूमिका

अागे बात करें तो प्रियंका गांधी वाड्रा शुक्र महादशा और शनि अंतरदशा से गुजर रही हैं। शनि काफी मजबूत है और शुक्र चार्ट में 9 वें और 10 वें भाव में अच्छी तरह से स्थित हैं, जो उनके राजनीति में शामिल होने का एक कारण हो सकता है। यह एक अनुकूल दशा अनुक्रम है, जो आगामी चुनावों में मतदाताओं की मानसिकता पर सकारात्मक प्रभाव पैदा करने में उनकी मदद करेगा। यही नहीं वे कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

साढ़े साती के साथ ही ग्रहों के गोचर से प्रगति में उत्पन्न हो सकती है बाधा

जन्मकालीन सूर्य और बृहस्पति के उपर शनि के पारगमन ने उनके कॅरियर में एक बड़ा बदलाव और मौका प्रदान किया है लेकिन, शनि के साथ धनु में केतु का आगामी गोचर उनके लिए इतना अच्छा नहीं होगा। इससे पता चलता है कि उन्हें अपनी योजनाओं और नीतियों को लागू करने में समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। जैसे-जैसे 7 वां घर प्रभावित होगा, वैसे-वैसे उनके पति से जुड़े मुद्दे भी उन्हें परेशान करेंगे। 20 अप्रेल के बाद से थोड़ा कठिन समय आ सकता है। मिथुन राशि में राहु के गोचर के साथ मंगल का गोचर भी समस्या उत्पन्न करेगा, जो माहौल को प्रभावित कर सकता है। यहां यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि प्रियंका ‘साढ़े-साती’ से भी गुजर रही हैं, जिससे उनकी प्रगति में भी बाधा उत्पन्न हो सकती है।

निष्कर्ष :पार्टी को तो लाभ होगा, लेकिन चुनावी लाभ सीमित रहेगा

इन सबके बावजूद कुंडली के विश्लेषण से यह पता चलता है कि प्रियंका गांधी वाड्रा की कुंडली में उनके भाई राहुल की तुलना में बेहतर ग्रह विन्यास हैं। ऐसे में सक्रिय राजनीति में उनके प्रवेश से कांग्रेस के भाग्य में सुधार आने की संभावना है। इतना ही नहीं मतदाताओं के साथ संपर्क बनाने की उनकी क्षमता से उनकी पार्टी को मदद मिलेगी। हालांकि, इन सबके बावजूद आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान लाभ सीमित रहेगा।

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आचार्य भारद्वाज के इनपुट के साथ
गणेशास्पीक्स डॉट कॉम/ हिंदी

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