दिवाली/दीपावली (प्रकाश का त्योहार) के 5 दिनों के दौरान विभिन्न देवी-देवताओं की पूजा करना भारत में अत्यधिक महत्वपूर्ण है। लोग इन शुभ दिनों में अपने घर में सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त करने के लिए पूजा-अर्चना करते हैं, साथ ही किसी भी तरह की बुराई से मुक्ति पाने के लिए भी। इन दिनों में व्यक्तिगत, पेशेवर या व्यवसाय में वृद्धि प्राप्त करने के लिए की गई प्रार्थना अत्यधिक लाभकारी होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, भारत में विभिन्न व्यवसाय खंड/बाजार दिवाली से नए साल की शुरुआत मानते हैं। चोपड़ा पूजन (नए बही-खाते खोलने की रस्म/देवी सरस्वती से संबंधित प्रार्थना), लक्ष्मी पूजन (देवी लक्ष्मी से संबंधित प्रार्थना) और इस वर्ष दिवाली के त्यौहार के दौरान नई चीजें खरीदने के लिए शुभ समय/मुहूर्त नीचे सूचीबद्ध हैं:
धनतेरस मुहूर्त: शनिवार, 18 अक्टूबर 2025
धनतेरस पूजा मुहूर्त – शाम 07:44 बजे से रात 08:41 बजे तक
अवधि – 00 घंटे 57 मिनट
काली चौदश: रविवार, 19 अक्टूबर 2025
काली चौदस मुहूर्त – 20 अक्टूबर, दोपहर 12:00 बजे से 12:50 बजे तक
अवधि – 00 घंटे 50 मिनट
दिवाली मुहूर्त: सोमवार, 20 अक्टूबर 2025
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त – शाम 07:36 बजे से रात 08:40 बजे तक
अवधि – 01 घंटा 04 मिनट
प्रदोष काल- शाम 06:10 बजे से रात 08:40 बजे तक
वृषभ काल- 07:36 PM से 09:34 PM तक
अमावस्या तिथि प्रारम्भ – 20 अक्टूबर 2025 को अपराह्न 03:44 बजे
अमावस्या तिथि समाप्त – 21 अक्टूबर, 2025 को शाम 05:54 बजे
नया साल/बेस्टु वर मुहूर्त: बुधवार, 22 अक्टूबर, 2025
गुजराती विक्रम संवत 2082 प्रारंभ
प्रतिपदा तिथि आरंभ – 21 अक्टूबर 2025 को शाम 05:54 बजे से
प्रतिपदा तिथि समाप्त – 22 अक्टूबर 2025 को रात्रि 08:16 बजे
भाई बिज/भाई दूज: गुरुवार, 23 अक्टूबर, 2025
भाई दूज अपराहन समय – दोपहर 01:33 बजे से दोपहर 03:50 बजे तक
अवधि – 02 घंटे 18 मिनट
लाभ पंचम मुहूर्त: रविवार, 26 अक्टूबर 2025
प्रातःकाल लाभ पंचमी पूजा मुहूर्त – 06:41 AM से 10:29 AM तक
अवधि – 03 घंटे 48 मिनट
पंचमी तिथि प्रारंभ – 26 अक्टूबर, 2025 को 03:48 AM बजे
पंचमी तिथि समाप्त – 27 अक्टूबर, 2025 को 06:04 AM बजे
गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
धर्मेश जोषी
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम