पुनर्वसु नक्षत्र

रंगः ग्रे और शीशे जैसा
भाग्यशाली अक्षरः क, ह

पुर्नवसु राशिचक्र का सातंवा नक्षत्र है और ईश्वर की माता अदिति इस नक्षत्र की इष्टदेव है। इस नक्षत्र के अंतर्गत पैदा होने वाले जातक धार्मिक होते हैं तथा अक्सर अनजाने में लेकिन निश्चित रुप से कट्टरपंथी को पार कर जाता है। वे आम तौर पर लंबे पैर, घुंघराले बाल, लंबी नाक के साथ सुंदर होते हैं । हमेशा मदद करने की प्रकृति के होते हैं तथा काफी साधारण जीवन व्यतीत करते हैं लेकिन जहां अनैतिक व अवैध के संबंध में कुछ होता है तो वे काफी जिद्दी तथा प्रतिरोधी हो जाते हैं। ऐसे कार्यों में भाग नहीं लेते तथा दूसरों को ऐसा करने से रोकने की कोशिश करते हैं। वे एक निश्चित तरह के व्यवहार को बदलने में सक्षम होते हैं, यह दूसरों को भ्रमित और भयभीत करता है। वे व्यापार या कारोबार की तुलना में सार्वजनिक उपक्रमों में ज्यादा सफल होते हैं और धन से अधिक प्रसिद्धि संचित करते हैं। विवाह के समय वे उदार नहीं होने के कारण उनका विवाहित जीवन सौहार्दपूर्ण नहीं होता और इनमें से कई को दूसरी शादी करते हैं। इस नक्षत्र के जातक का स्वास्थ्य आमतौर पर अच्छा होता है। इस नक्षत्र के अंतर्गत जन्म लेने वाली महिलाएं पीलिया, गण्डगल और पेट जैसी समस्याओं से परेशान होती हैं।

अपनी सभी समस्याओं का तुरंत समाधान पाएं,  अभी भारत के सर्वश्रेष्ठ ज्योतिषियों से बात करें!

सभी 28 नक्षत्रों की सूची
अश्विनी भरणी कृतिका रोहिणी मृगशीर्ष आर्द्रा पुनर्वसु पुष्य अश्लेषा मघा पूर्वा फ़ाल्गुनी उत्तरा फ़ाल्गुनी हस्त चित्रा स्वाति विशाखा अनुराधा ज्येष्ठा मूल पूर्वाषाढा उत्तरा षाढा श्रवण धनिष्ठा शतभिषा पूर्वाभाद्रपद उत्तरा भाद्रपद रेवती अभिजीत

Continue With...

Chrome Chrome