16अगस्त, 2016 के बाद विराट कोहली के व्यक्तित्व का विराट स्वरूप उभरकर सामने आएगा…ये कहना है गणेशजी

विराट कोहली आज भारतीय क्रिकेट के स्टार बल्लेबाज है। वे अपने साहस, क्षमता और बल्लेबाजी के जौहर से दुनिया भर के क्रिकेट प्रेमियों को प्रभावित करते रहे हैं। ये सफलता प्राप्ति हेतु हमेशा कटिबद्ध रहते हैं। हमेशा रन बटोरने के लिए व्याकुल रहने के कारण, इन्हें भारत की रन बनाने वाली मशीन भी कहा जाता है। वर्ष 2016 के टी -20 विश्व कप में अपने कमाल के प्रदर्शन से इस सितारे ने अपनी चमक से सबको चकाचौंध कर मैन ऑफ द सीरीज पुरस्कार हासिल किया। भारत के इस हरफलमौला बल्लेबाज को अाईसीसी विश्व टी-20 इलेवन टीम का कप्तान चुना गया है। आज एक अरब से भी अधिक भारतीयों की उम्मीदें इस युवा क्रिकेटर पर टिकी हैं।
क्या विराट कोहिली आने वाले समय में अपनी यही लय बनाए रखने में समर्थ रहेंगे? चलिए! गणेशजी से ही जानने का प्रयास करते हैं, कि कोहली की नियति में क्या लिखा हुआ है…

विराट कोहली
जन्म स्थानः5नवंबर, 1988 के
जन्म समयः10:28 (अपुष्ट)
जन्म स्थानःदिल्ली, भारत
जन्म कुंडली

kundali

 


महत्वपूर्ण ज्योतिषीय विश्लेषण और भविष्यवाणी-

एेसे कौन से ग्रहों के विन्यास हैं, जो इन्हें चमत्कृत करने में मददगार हो रहे हैं?

गणेशजी का कहना है कि विराट की कुंडली में इस समय राहु की महादशा और शनि की अंतर्दशा चल रही है। इनकी जन्म कुंडली में खेलकूद से जुड़े तीसरे भाव का स्वामी शनि लग्न भाव में और राहु तीसरे भाव में विद्यमान है। एक खिलाड़ी के लिए ग्रहों का यह अभूतपूर्व संयोजन है, जो कि क्रिकेट के खेल में इन्हें असाधारण क्षमता से लैस करता है। वर्तमान में गोचर के गुरू का इनके नौवें भाव (भाग्य स्थान) में से पारगमन हो रहा है और इसकी दृष्टि लग्न में स्थित शनि पर भी पड़ रही है। तो, इस प्रकार से इनका कैरियर ग्राफ तेजी से ऊपर की ओर जा रहा है।

विराट निरंतर अपनी अच्छी बल्लेबाजी के कारनामों से दुनिया भर में फैले अपने प्रशंसको, क्रिकेट के दिग्गजों और इस खेल के पूर्व सितारों से ढेर सारी बधाईयां बटोर रहे हैं। जब सबसे सौम्य ग्रह, गुरु का अाशीर्वाद ही सर पर हो तो इसमें कोई हैरत की बात नहीं। गणेशजी विराट कोहली के भविष्य के प्रति बहुत आशावान हैं।

गणेशजी को लगता है कि अगस्त, 2016 तक गुरु का पारगमन राहु के साथ होने के कारण इनके स्वभाव को लेकर सवाल उठाए जा सकते हैं। अपने शानदार प्रदर्शन के बावजूद कुछ अवसरों पर अपेक्षित परिणाम नहीं मिलने से कोहली निराश रहेंगे।

क्रिकेट का खेल सदा से ही रोमांचक, दिलचस्प और अप्रत्याशित रहा है। इसलिए विरोट को हमेशा चौकन्ना व वास्तविकता से अवगत रहना होगा। बारहवें भाव में शनि और मंगल के भ्रमण के कारण हालात एकाएक पेचीदा रुख अख्तियार कर सकते हैं। इनके सब्र का इम्तिहान लिया जा सकता है। गणेशजी का परामर्श है कि फास्ट एंड द फ्यूरियस, कोहली सितंबर के महीने तक जितना संभव हो सके उतना शांत रहें। इसका कारण यह है कि मंगल और शनि का विरोधी प्रभाव इस दौरान अशांति, अनावश्यक तर्क और आवेश को उत्पन्न करेगा।

एक बल्लेबाज और कप्तान के रुप में इन्होंने खुद की जो भूमिका तय की थी, उसकी शक्ति और उद्देश्य का पुनः मूल्यांकन हो सकता है, जिसके वास्तविकता से परे रहने के आसार अधिक हैं। इसमें गोचर के शनि की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।

11अगस्त, 2016 को गुरु के कन्या राशि में प्रवेश से विश्व क्रिकेट में विराट की स्थिति मजबूत होगी। गणेशजी के अनुसार, ये सफलता की सीढ़ी के अगले स्तर पर कदम रखेंगे। विराट टीम इंडिया की टीम में प्रेरणा उत्पन्न कर उसे ख्याति दिलाने में कामयाब रहेंगे। अगस्त, 2016 के मध्य से ये अपने कैरियर की ऊंचाईयों को प्राप्त कर सकते हैं। इनकी शानदार बल्लेबाजी और अाक्रामक कप्तानी देखते ही बनेगी। कोहली के जो प्रशंसक इनकी सफलता के रिकाॅर्ड पर अाखें गड़ाए रखते हैं,उन्हें कुछ और खुशखबरियां प्राप्त हो सकती हैं। अगस्त 2016 और सितंबर 2017 के बीच की अवधि में विराट कोहली कुछ और हैरतअंगेज कारनामें दिखाकर और कुछ पुराने रिकाॅर्ड ध्वस्त करके क्रिकेट जगत में एक नया कीर्तिमान स्थापित कर सकते हैं।

गणेशजी विराट कोहली को अपनी शुभेच्छाएं देते हैं।

गणेशजी की कृपा से,
तन्मय के.ठाकर
(रचनात्मक सहयोग: आदित्य सेन)
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम



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