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तेलुगु देशम पार्टी की कुंडली के अनुसार 2019 का चुनावी भविष्य

तेलुगु देशम पार्टी की कुंडली के अनुसार 2019 का चुनावी भविष्य

लोकसभा चुनाव 2019 के आम चुनावों के साथ आंध्रप्रदेश के चंद्रबाबू नायडू़ तेलुगु देशम पार्टी (TDP) को लेकर पूरी तरह से आशान्वित है। इस बार वे एनडीए का हिस्सा नहीं है और आंध्रप्रदेश के साथ पूरे दक्षिण भारत में भाजपा के विरुद्ध प्रचार अभियान से जुड़ रहे हैं। आंध्रप्रदेश में 11 अप्रेल को पहले ही फेज में वोटिंग होगी। इस साल चुनाव में शनि-केतु की युति बहुत सी पार्टियों के अरमान पर पानी फेर सकती है। हालांकि तेलुगु देशम पार्टी की कुंडली आगामी लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर क्या कहती है, देखते हैं-

तेलुगू देशम पार्टी का स्थापना दिन

29 मार्च 1982दोपहर 2.30, हैदराबाद
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ग्रहों की स्थिति

वोटिंग यानी कि 11 अप्रेल को बृहस्पति वक्री होकर तेलुगु देशम पार्टी की जन्मकुंडली के छठे भाव से गुजरेगा।- राहु टीडीपी की कुंडली के 12वें भाव से गुजर रहा है।- वोटिंग के दिन चंद्रमा मृगशिरा नक्षत्र में राहु के साथ युति में रहेगा। टीडीपी की कुंडली के अनुसार अभी पार्टी बृहस्पति की दशा और बृहस्पति के ही भुक्ति पीरियड में चल रही है।

टीडीपी की कुंडली का ज्योतिषिय आकलन

बृहस्पति की दशा पार्टी के लिए बेहद अच्छी है, लेकिन बृहस्पति का राहु के नक्षत्र में होना पार्टी को चारों ओर से टफ कॉम्पिटिशन देता है। पार्टी अपने बलबूते पर पूरी कोशिश करके आगामी लोकसभा चुनाव 2019 में एक अच्छी पॉजिशन में रह सकती है। ग्रहों की स्थिति बता रही है कि पार्टी के तमाम नेता टीडीपी को जीत दिलवाने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे, हालांकि टीडीपी के पारंपरिक वोटर्स का इस बार इतना अधिक सपोर्ट नहीं मिलेगा। वोटिंग के दिन सूर्य-शनि का केंद्र योग दर्शाता है कि टीडीपी के नेता मतदाताओं को अपने पक्ष में मतदान करने के लिए प्रोत्साहित नहीं कर सकेंगे। कई सीटों पर पार्टी को सीधा नुकसान हो सकता है। अन्य प्रतिद्वंदी दलों से कठिन लड़ाई मिलेगी। परिणाम इसकी अपेक्षाओं से मेल नहीं खाएंगे। कुल मिलाकर संभावना यह है कि टीडीपी अपने वोट बैंक को बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही होगी।

निष्कर्ष

हालांकि बृहस्पति की दशा में टीडीपी अपने आधार में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनी रहेगी। लेकिन, टीडीपी का प्रदर्शन इस लोकसभा चुनाव 2019 में काफी औसत रहेगा। पार्टी के लिए अपनी लोकसभा चुनाव 2019 में सीटों को बरकरार रख पाना मुश्किल होगा। आगामी चुनावों में पार्टी की लोकसभा सीटों में काफी कमी हो सकती है।

आचार्य भारद्वाज के इनपुट के साथ
गणेशास्पीक्स डॉट कॉम/ हिंदी

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