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राजनीति में सिद्घू का लंबी रेस का घोड़ा साबित होना मुश्किल

राजनीति में सिद्घू का लंबी रेस का घोड़ा साबित होना मुश्किल

“ मुसीबतें बच्चों की तरह है, आप जितना उन्हें पालेंगे, वे उतनी ही विकसित होती जाएगी ”
– ये कहना है नवजोत सिंह सिद्घू का – जो अपने मजाकिया अंदाज से लोगों को लोटपोट होने पर मजबूर कर देते है। रंगबिरंगी पगड़ी पहनकर सबको आकर्षित करने वाले सिद्घू में काव्य कौशल भी कमाल का है। अपने क्रिकेट कैरियर में अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी के लिए पहचाने जाने वाले सिद्घू 1987 वर्ल्ड कप के दौरान बेहतरीन परफोमर में से एक थे। वो पहले एेसे भारतीय खिलाड़ी थे जिन्होंने 5 से ज्यादा सेंचुरी बनार्इ। हालांकि राजनीति में उनका एक अलग चेहरा देखने को मिला, उन्होंने भाजपा के साथ अपने 12 सालों का साथ समाप्त कर कांग्रेस से हाथ मिला लिया। तो आइए जानते है कि गणेशजी ने उनकी ग्रहीय स्थिति का विश्लेषण कर उनके आगामी भविष्य पर क्या भविष्यवाणी की है।

नवजोत सिंह सिद्घू
जन्म-दिनांक: 20 अक्टूबर, 1963
जन्म-समय: उपलब्ध नहीं जन्म-स्थान: पटियाला, पंजाब

सूर्य कुंडली
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“ अगर आप भारत को उसके घर में हराने की कोशिश कर रहे है, तो आप बैल का दूध निकालने की कोशिश कर रहे है। ”

आइए नवजोत सिंह सिद्घू के व्यक्तित्व को समझते हैः

बलवान ग्रहों का संयोजन सिद्घू के आकर्षक व जोशीले व्यक्तित्व का परिचायक
गणेशजी के अनुसार सिद्घू की जन्मकुंडली में काफी सारे मजबूत ग्रहों का विन्यास है। विभिन्न ग्रहों की प्रमुखताएं उन्हें विभिन्न प्रतिभाआें के साथ कलरफुल पर्सनेलिटी बनाती है।

शुक्र अच्छे स्थान पर
शुक्र अपनी खुद की राशि में विराजमान है अौर ये सूर्य के साथ युति कर रहा है। मजबूत स्थान पर बैठा शुक्र सहजता से सुर्खियां हड़पने आैर अत्यधिक लोकप्रियता का आनंद लेने की योग्यता को स्पष्ट करता है। सूर्य-शुक्र का संयोजन काफी आकर्षण देता है आैर राजनीति के क्षेत्र में पर्याप्त सफलता हासिल करने में सक्षम बनाता है। इसके अलावा, शुक्र की अत्यधिक ताकत मनोरंजन जगत में उनकी मौजूदगी बने रहने का विवरण करती है।

स्वगृही मंगल –असीमित शक्ति का कारक
सिद्घू की कुंडली में चंद्र मंगल के साथ वृश्चिक राशि में बैठा है। इस कारण वो गतिशील, आक्रामक आैर सहज है। लेकिन, वे लोगों को लेकर तुनकमिजाज है आैर कभी-कभी जिद्दी हो सकते है। ये उनकी मजबूत भावनाएं, विचार आैर अंतर्ज्ञान है, जो आमतौर पर उन्हें महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए आैर विपरित दृष्टिकोण के खिलाफ मजबूत से खड़े रहने के लिए मार्गदर्शन देता है।

गुरू आैर शनि स्वराशि में
गुरू आैर शनि अपनी स्वराशि मीन आैर मकर में विराजमान है। अत्यधिक महत्वपूर्ण ग्रहों का मजबूत स्थिति में होना चरित्र की मजबूती आैर नेतृत्व क्षमता के संकेत देता है। ये पहलू संभवतया प्रसिद्घि बनाए रखने आैर लंबे समय तक प्रभाव बनाए रखने में मदद करता है। इन दोनों ग्रहों के आशीर्वाद से वे विभिन्न प्लेटफार्म पर व्यापक प्रसिद्घि का आनंद लेने में सक्षम है। एक बात ध्यान देने योग्य है कि कि ये दोनों ही ग्रह उनकी कुंडली में प्रतिगामी है। इस कारण, वो अपने दृष्टिकोण में अपरंपरागत आैर स्थिर होंगे। वे नए तरीकों आैर विचारों के साथ कोशिश करने में संकोच नहीं करेंगे।

सितारे संकेत दे रहे है कि सिद्घू के लिए अागामी वर्ष मिश्रित परिणामों वाला रहेगा। लेकिन आपका कैसा रहेगा? इस बारे में जानें हमारी एक्सक्लूजिव तन्मय के ठाकर
गणेशास्पीक्स डाॅटकाॅम टीम

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