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ममता बनर्जी के मंसूबों पर पानी फेर सकते हैं कुंडली में मौजूद पाप ग्रह

ममता बनर्जी के मंसूबों पर पानी फेर सकते हैं कुंडली में मौजूद पाप ग्रह

तृणमूल कांग्रेस की तेजतर्रार नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी असाधारण प्रभाव और करिश्माई व्यक्तित्व की स्वामिनी है। अपने समर्थकों के बीच दीदी के नाम से जानी जाती हैं। अपने गृह राज्य में कम्युनिस्ट शासन को खत्म करने और खुद को दृढ़ता से स्थापित करने के बाद, ये अब राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़े पैमाने पर भाजपा विरोधी गठबंधन का नेतृत्व करती नजर आ रही हैं। क्या ममता राष्ट्रीय राजनीति की डायनामिक्स में उलटफेर कर सकेंगी? अब यह सबसे बड़ा सवाल है। गणेश जी इस लेख में ममता बनर्जी के बारे में जानने के लिए इनकी कुंडली की समीक्षा द्वारा भविष्य को लेकर सितारों की भाषा को डिकोड करने जा रहे हैं। अधिक जानने के लिए आगे पढ़ें –

ममता बनर्जी का जन्म विवरण:
जन्म तिथि: 5 जनवरी 1955
जन्म समय: अनुपलब्ध
जन्म स्थान: कोलकाता, पश्चिम बंगाल, भारत

साफ दृष्टिकोण और सक्रिय भूमिका

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कुंडली की यहां चर्चा करें तो धनु राशि में ग्रहों के राजा सूर्य के राजकुमार बुध और छायाग्रह राहु के साथ होने से ममता बनर्जी का व्यक्तित्व करिश्माई और तेजतर्रार नेता का बन जाता है। समस्याओं के समाधान को लेकर ये अपने मन में एक साथ तसवीर और योजना रखती हैं। ये जानती है लक्ष्य हासिल करने के लिए इन्हें क्या-क्या करना है। दूरदर्शिता के इन गुणों ने अतीत में ममता बनर्जी की काफी मदद की है और भविष्य में मिलती रहेगी।

निहायत जरूरी अग्रेशन पर कंट्रोल रखना

इसके अलावा, सुश्री बैनर्जी एक अच्छी सुवक्ता होने की वजह से दमदार तरीके से बात करने में माहिर हैं। हालांकि, इसके हानि-लाभ दोनों ही हैं। इससे इनकी छवि एक बहुत ही अड़ियल, अति-आक्रामक और कभी-कभी अविवेकीपूर्ण इंसान की बन जाती है। किसी बात पर यकायक गुस्सा हो जाना या झट से उस बात को गलत ठहराने जैसे वाकया आम रहता है। मुद्दों पर स्पष्ट और खरी-खरी राय रखने की वृत्ति रखती हैं। ममता बनर्जी को इस स्वभाव को जरा लगाम लगाने की जरूरत रहेगी।

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सरल व्यवहार रखना हितकारी

शनि की दृष्टि सूर्य पर पड़ रही है। इससे ये अनुशासित, मेहनती होने के साथ ही लक्ष्य के प्रति ध्यान केंद्रित रखती हैं। ढके-छिपे तरीके से शब्दों का इस्तेमाल नहीं करती हैं। राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी हमेशा अपनी कमियों को दूर करते हुए अपने क्षितिज का विस्तार करने के इच्छुक रहती हैं। राजनैतिक जीवन में ममता बनर्जी के एक्सेल रहने का राज भी यही है। आने वाले कुछ महीनों में ये गुण इनकी और अधिक मदद करेंगे।

फेडरल फ्रंट का नेतृत्व करने के लिए एक मजबूत उम्मीदवार

शनि का इनकी जन्मकुण्डली में मजबूत होना एक वरदान है। नतीजतन, ममता बनर्जी प्रभावी रणनीति तैयार करने में सक्षम हैं। एक उत्कृष्ट ढंग से आम जनता के साथ कनेक्ट होती हैं। चंद्रमा उच्च का है और शुक्र यानी वीनस को देख रहा है। यह इस बात का सूचक है कि सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्रों में इनकी लोकप्रियता बढ़ जाएगी। इन मजबूत ग्रहों के विन्यास ने इन्हें संघीय मोर्चे का नेतृत्व करने के लिए एक मजबूत उम्मीदवार बना दिया है।

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राजनीतिक जीवन में उठा-पटक

वर्तमान में, गोचर का गुरु बृहस्पति इनके पक्ष में कार्य कर रहा है। राज्य की राजनीति में आने वाली बाधाओं को तोड़ने की योग्यता इनके अंदर है। ममता बनर्जी निश्चित रूप से राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पैठ बनाने की कोशिश करेंगी। लेकिन, कपटी राहु इनकों इस दौरान कई विवादों में फंसाने की साजिश रचेगा। कर्क राशि में भ्रमण कर रहा राहु इनके मार्ग में अवरोध व रुकावटें पेश करेगा। लेकिन, ममता इतने कमजोर दिल की नहीं है कि आसानी से हार मान जाए।

एक सिरदर्द बन सकती है पश्चिम बंगाल की हिंसात्मक स्थिति

धनु राशि में सूर्यपुत्र शनि का होना आगे की यात्रा के उबड़-खाबड़ होने का सूचक है। आव देखा न ताव वाला रवैया राय सत्ता समीकरण को तहस-नहस कर सकता है। इसके अलावा, आगामी मंगल-केतु की युति से पता चलता है कि ममता बनर्जी को अपने गृह राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने में मुश्किल हो सकती है। मई और सितंबर 2018 के बीच का चरण पश्चिम बंगाल में होने वाली हिंसक घटनाओं का साक्षी हो सकता है।

प्रतिद्वंद्वी इनकी प्रगति में रोड़े रहेंगे

राजनैतिक जीवन ममता बनर्जी के लिए जरा भी फूलों की सेज नहीं होगा। आला दर्जे के नेता के रूप में पार्टी कार्यकर्ता इनकी नेतृत्व क्षमता पर शक कर सकते हैं। इसके अलावा, समाज के कुछ वर्ग इनकी नीतियों को लेकर चिंता जता सकते हैं। कुछ सहयोगी अपनी प्रगति को रोकने और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी वृद्धि में बाधा डालने की कोशिश करने की संभावना है।

ग्रहों का बर्ताव खराब हो सकता है इनके प्रति

क्षेत्रीय मोर्चे को एकजुट करने और तीसरे मोर्चे को रूप देने की किवायद में जुटी ममता के लिए सब कुछ इतना आसान नजर तो नहीं आता। ट्रांज़िटिंग जुपिटर ममता बनर्जी को राज्य की राजनीति में अपनी पकड़ बनाए रखने में मदद करेगा। लेकिन, यहां एक चिंता की बात यह है कि धनु राशि में पारगमन कर रहा गोचर का शनि इनके मार्ग में रुकावटें डालेगा।

फेडरल फ्रंट को मजबूत करने की कोशिश

बहरहाल, कुंडली को जांचने-परखने से तो यही बात सामने आ रही है कि ये अपने एप्रोच को लेकर प्रो-एक्टिव और डाइनेमिक रहेंगी। विपक्ष की नेता के तौर पर अपनी भूमिका यूं ही निभाती रहेंगी। ममता बनर्जी विपक्ष में एकता बनाए रखने की कोशिश करते हुए तीसरे मोर्चे को एकजुट करने और मजबूत बनाने की कोशिश करती रहेंगी।

गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
तन्मय के ठाकर
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम

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