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लोकसभा चुनाव 2019: आम आदमी पार्टी की कुंडली और चुनावी भविष्य

लोकसभा चुनाव 2019: आम आदमी पार्टी की कुंडली और चुनावी भविष्य

लोकसभा चुनावों में अाप को नहीं मिल सकेगा इच्छित परिणाम

अाम अादमी पार्टी ने गत विधानसभा चुनाव में शानदार जीत दर्ज कर अपनी उपस्थिति का जोरदार अहसास कराया था। उस वक्त साबित हो गया था कि अाम जनता भी ईमानदार छवि वाले नेताओं को पसंद करती है। हालांकि धीरे-धीरे परिस्थितियां बदली और अाम अादमी पार्टी भी राजनीति में पूरी तरह रच-बस गई। अब आप भी जीत के हर वो हथकंडे अपनाने में लगी है, जिससे कोई भी राजनीतिक दल अछूता नहीं है। लोकसभा चुनाव 2019 के लिए अाम अादमी पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन की पहल की है। ऐसे में आने वाले लोकसभा चुनाव में दिल्ली सहित अन्य राज्यों में पार्टी का प्रदर्शन कैसा रहेगा। आइए जानते हैं इसका ज्योतिषीय विश्लेषण-

आप पार्टी की कुंडली

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12 मई को मतदान के समय ये रहेगी ग्रहों की स्थिति

– गोचररत शनि अाप के फाउंडेशन चार्ट में केतु के साथ 12 वें घर से वक्री स्थिति से गुजर रहा है।- चुनाव के दौरान गोचररत मंगल आप की कुंडली में राहु के साथ 6 ठे भाव से होकर गुजर रहा होगा।- बृहस्पति का पारगमन फाउंडेशन चार्ट में लाभ के 11 वें भाव से होगा।- 12 मई पर मतदान की तारीख पर चंद्रमा का पारगमन पार्टी के लिए इतना अनुकूल नहीं है। – अाप शुक्र महादशा और राहु भुक्ति से गुजर रहा है।

‘आप’ के लिए ज्योतिषिय विश्लेषण

निम्न मध्यम वर्ग और कम आय वाले मतदाताओं को लुभाने पर पार्टी को कुछ सफलता मिलेगी। अाम अादमी पार्टी को कुछ सीटों पर कुछ वोट मिलेंगे, जो प्रमुख राजनीतिक दलों की संभावनाओं को प्रभावित कर सकते हैं। पार्टी को जो समर्थन मिलेगा, वह पूरी तरह से मतदान प्रतिशत में परिवर्तित नहीं हो सकेगा। धनु राशि में शनि का गोचर पार्टी की संभावनाओं को सीमित कर सकता है। ऐसे में पार्टी के लिए राष्ट्रीय स्तर पर वांछित प्रभाव डालना मुश्किल होगा। साथ ही, पार्टी की लोकप्रियता में लगातार गिरावट आएगी और इसके परिणामस्वरूप वे आगामी चुनावों में पार्टी को वांछित परिणाम नहीं मिल सकेगा। असंतोष का स्तर बढ़ेगा और पार्टी के पारंपरिक मतदाताओं में भी काफी निराशा होगी।

आप की कुंडली का निष्कर्ष

पार्टी कैडर के भीतर निरंतर विभाजन और असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो सकती है और समर्थन को बनाए रखना पार्टी नेतृत्व के लिए एक बुरे सपने की तरह होगा। इस समय पार्टी के सामने कई बाधाएं हैं, जिस कारण अागे बढ़ने में मुश्किलें अाएंगी। पार्टी नेतृत्व अपने समर्थकों के भीतर विश्वास बढ़ाने में विफल हो सकता है। ऐसे में आगामी चुनावों में पार्टी का प्रदर्शन औसत दर्जे का होगा।

आचार्य भारद्वाज के इनपुट के साथ
गणेशास्पीक्स डॉट कॉम/ हिंदी

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