Navaratri: फूल चढ़ाईये, देवी का आशीर्वाद पाईये!
भारतीय उत्सव पुष्पों के बिना अधूरे हैं। हिन्दू परम्पराओं में ये अपना एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। भगवान से जुड़कर अपनी श्रद्घा व्यक्त करने का ये बड़ा ही सुंदर व पावन तरीका है। यूं तो बाजार में आपको फूलों की कई वैरायटियां मिलेगी, लेकिन आपको पहले ये जान लेना चाहिए कि प्रत्येक देवी का अपना एक पसंदीदा फूल होता है। इस महानवरात्रि (Navaratri) में नौ अलग-अलग देवियों को नौ अलग-अलग फूल अर्पण करना अपना एक अलग महत्व रखता है।
हमारे इस लेख में गणेशजी से जानें कि वे कौन-से फूल होते हैं जो नवरात्रि के पावन अवसर पर देवी को चढ़ाने पर देवी जी का प्रसन्नतापूर्वक आशीर्वाद दिलाने में सहायक रहेंगे-
पहला दिन – शैलपुत्रीः गुड़हल
दूसरा दिन – ब्रह्मचारिणीः सेवंती
तीसरा दिन– चंद्रघंटाः कमल
चौथा दिन– कुष्मांडाः जूही
पांचवां दिन-स्कंदमाताः गुलाब
छठा दिन-कात्यायनीः चमेली
सातवां दिन-कालरात्रिः कृष्णाकमल
आठवां दिन-महागौरीः मोगरा
नौंवा दिन-सिद्घिदात्रीः चंपा
हमेशा याद रखेंः
या तो एक फूल या फिर नौ के गुणांक में फूल अर्पित करें।
खंडित फूल कभी मत चढ़ाएं। सिर्फ खुशबूदार और विकसित फूल ही अर्पण करें।
ईश्वर को फूल चढ़ाने से पहले उसकी सुगंध मत लें।
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