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Ekadashi Vrat 2026 List – एकादशी मंत्र, महत्व और व्रत में क्या करना चाहिए

Ekadashi Vrat 2026 List – एकादशी मंत्र, महत्व और व्रत में क्या करना चाहिए

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार ‘एकादशी व्रत’, पूर्णिमा और अमावस्या के 11वें दिन किया जाता है। इस तरह हर माह में 2 एकादशी व्रत होते हैं, एक कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष में। हिन्दू शास्त्रों में एकादशी तिथि का बड़ा महत्व बताया गया है। 2026 में 24 एकादशी की तिथि आएंगी। एकादशी को भगवान विष्णु के दिन के रूप में भी जाना जाता है। एकादशी भगवान विष्णु की प्रिय तिथि है।


माहएकादशी का नामतिथि व दिनपक्षहिंदू मासएकादशी तिथि (आरंभ – समाप्ति)
जनवरीषटतिला एकादशी14 जनवरी 2026 (बुधवार)कृष्ण एकादशीमाघआरंभ: 13 जनवरी, 03:17 PM
समाप्त: 14 जनवरी, 05:52 PM
जनवरीजया एकादशी29 जनवरी 2026 (गुरुवार)शुक्ल एकादशीमाघआरंभ: 28 जनवरी, 04:35 PM
समाप्त: 29 जनवरी, 01:55 PM
फरवरीविजया एकादशी13 फरवरी 2026 (शुक्रवार)कृष्ण एकादशीफाल्गुनआरंभ: 12 फरवरी, 12:22 PM
समाप्त: 13 फरवरी, 02:25 PM
फरवरीआमलकी एकादशी27 फरवरी 2026 (शुक्रवार)शुक्ल एकादशीफाल्गुनआरंभ: 27 फरवरी, 12:33 AM
समाप्त: 27 फरवरी, 10:32 PM
मार्चपापमोचनी एकादशी15 मार्च 2026 (रविवार)कृष्ण एकादशीचैत्रआरंभ: 14 मार्च, 08:10 AM
समाप्त: 15 मार्च, 09:16 AM
मार्चकामदा एकादशी29 मार्च 2026 (रविवार)शुक्ल एकादशीचैत्रआरंभ: 28 मार्च, 08:45 AM
समाप्त: 29 मार्च, 07:46 AM
अप्रैलवरुथिनी एकादशी13 अप्रैल 2026 (सोमवार)कृष्ण एकादशीवैशाखआरंभ: 13 अप्रैल, 01:16 AM
समाप्त: 14 अप्रैल, 01:08 AM
अप्रैलमोहिनी एकादशी27 अप्रैल 2026 (सोमवार)शुक्ल एकादशीवैशाखआरंभ: 26 अप्रैल, 06:06 PM
समाप्त: 27 अप्रैल, 06:15 PM
मईअपरा एकादशी13 मई 2026 (बुधवार)कृष्ण एकादशीज्येष्ठआरंभ: 12 मई, 02:52 PM
समाप्त: 13 मई, 01:29 PM
मईपद्मिनी एकादशी27 मई 2026 (बुधवार)शुक्ल एकादशीज्येष्ठआरंभ: 26 मई, 05:10 AM
समाप्त: 27 मई, 06:21 AM
जूनपरम एकादशी11 जून 2026 (गुरुवार)कृष्ण एकादशीज्येष्ठआरंभ: 11 जून, 12:57 AM
समाप्त: 11 जून, 10:36 PM
जूननिर्जला एकादशी25 जून 2026 (गुरुवार)शुक्ल एकादशीज्येष्ठआरंभ: 24 जून, 06:12 PM
समाप्त: 25 जून, 08:09 PM
जुलाईयोगिनी एकादशी10–11 जुलाई 2026 (शुक्र–शनि)कृष्ण एकादशीआषाढ़आरंभ: 10 जुलाई, 08:16 AM
समाप्त: 11 जुलाई, 05:22 AM
जुलाईदेवशयनी एकादशी25 जुलाई 2026 (शनिवार)शुक्ल एकादशीआषाढ़आरंभ: 24 जुलाई, 09:12 AM
समाप्त: 25 जुलाई, 11:34 AM
अगस्तकामिका एकादशी9 अगस्त 2026 (रविवार)कृष्ण एकादशीश्रावणआरंभ: 8 अगस्त, 01:59 PM
समाप्त: 9 अगस्त, 11:04 AM
अगस्तश्रावण पुत्रदा एकादशी23–24 अगस्त 2026 (रवि–सोम)शुक्ल एकादशीश्रावणआरंभ: 23 अगस्त, 02:00 AM
समाप्त: 24 अगस्त, 04:18 AM
सितंबरअजाएकादशी7 सितंबर 2026 (सोमवार)कृष्ण एकादशीभाद्रपदआरंभ: 6 सितंबर, 07:29 PM
समाप्त: 7 सितंबर, 05:03 PM
सितंबरपार्श्व एकादशी22 सितंबर 2026 (मंगलवार)शुक्ल एकादशीभाद्रपदआरंभ: 21 सितंबर, 08:00 PM
समाप्त: 22 सितंबर, 09:43 PM
अक्टूबरइंदिरा एकादशी6 अक्टूबर 2026 (मंगलवार)कृष्ण एकादशीआश्विनआरंभ: 6 अक्टूबर, 02:07 AM
समाप्त: 7 अक्टूबर, 12:34 AM
अक्टूबरपापांकुशा एकादशी22 अक्टूबर 2026 (गुरुवार)शुक्ल एकादशीआश्विनआरंभ: 21 अक्टूबर, 02:11 PM
समाप्त: 22 अक्टूबर, 02:47 PM
नवंबररमा एकादशी5 नवंबर 2026 (गुरुवार)कृष्ण एकादशीकार्तिकआरंभ: 4 नवंबर, 11:03 AM
समाप्त: 5 नवंबर, 10:35 AM
नवंबरदेवउठनी (प्रबोधिनी) एकादशी20–21 नवंबर 2026 (शुक्र–शनि)शुक्ल एकादशीकार्तिकआरंभ: 20 नवंबर, 07:15 AM
समाप्त: 21 नवंबर, 06:31 AM
दिसंबरउत्पन्ना एकादशी4 दिसंबर 2026 (शुक्रवार)कृष्ण एकादशीमार्गशीर्षआरंभ: 3 दिसंबर, 11:03 PM
समाप्त: 4 दिसंबर, 11:44 PM
दिसंबरमोक्षदा (वैकुंठ) एकादशी20 दिसंबर 2026 (रविवार)शुक्ल एकादशीमार्गशीर्षआरंभ: 19 दिसंबर, 10:09 PM
समाप्त: 20 दिसंबर, 08:14 PM

एकादशी का व्रत कई बार दो दिन का होता है। व्रत के एक दिन पहले व्रत करना वाला व्यक्ति सिर्फ दोपहर का भोजन ग्रहण करता है और रात को कुछ नहीं खाता। इसका मुख्य कारण ये माना जाता है कि व्रत के दिन पेट में खाने का कोई अवशेष नहीं रहना चाहिए। एकादशी के पूरे दिन कठिन व्रत करना होता है। एकादशी के दूसरे दिन सूर्योदय के बाद व्रत करने वाला व्यक्ति खाना खा सकता है। व्रत के दिन किसी प्रकार का अनाज नहीं लिया जा सकता है। इसके अलावा भक्त अपने समर्थ अनुसार निर्जला व्रत रख सकते हैं। भोजन में सिर्फ फल खाना चाहिए, जो की इच्छा अनुसार एक समय लिया जा सकता है।

प्रत्येक एकादशी का अपना विशेष महत्व होता है। ये व्रत भगवान विष्णु के भक्त उनके कृपा के लिए रखते हैं। एकादशी व्रत का फल किसी भी व्रत हवन, यज्ञ, वैदिक कर्म-कांड आदि से भी अधिक होता है। ये भी माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने के पितरों को स्वर्ग की प्राप्ति होती है।

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विष्णु मंत्र : ॐ नमो नारायणाय ।।
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।।
विष्णु गायत्री महामंत्र- ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि, तन्नो विष्णु: प्रचोदयात्‌।।


– सुबह सबसे पहले शुद्ध पानी से नहा कर व्रत का संकल्प करना चाहिए।
– विधि पूर्वक भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए और रात्रि में दीपदान करना चाहिए।
– भजन-कीर्तन के लिए एकदशी का दिन बहुत ही अच्छा होता है।
– दूसरे दिन यानी द्वादशी के दिन सुबह भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए और जरूरतमंद लोगों को भोजन करवाना चाहिए।
– यथासंभव दान दे कर पूजा का समापन करना चाहिए।
कई बार एकादशी व्रत की तिथि दो दिनों की होती है। ऐसे में पहले दिन विधिपूर्वक व्रत करना चाहिए, दूसरे दिन भोजन ग्रहण करना चाहिए। दो दिनों के व्रत में दूसरा दिन संन्यासियों, विधवा स्त्रियों और और मोक्ष प्राप्ति के इच्छुक लोगों के लिए होता है। दोनों दिनों में से जिस दिन भी भक्त व्रत करें, वे भगवान विष्णु की कृपा का पात्र बनते हैं।

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गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम

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