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करवा चौथ 2024 : पूजा में ना कर दें कुछ ऐसी गलती

करवा चौथ 2021 : पूजा में ना कर दें कुछ ऐसी गलती
हिंदू धर्म कैलेंडर के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन को ही करवा चौथ के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष रविवार, 20 अक्टूबर 2024 के दिन करवा चौथ का व्रत किया जाएगा। भारतीय महिलाओं के लिए विशेष माने जाने वाले इस व्रत को लेकर कई तरह की मान्यताएं देखने और सुनने को मिलती है। कुछ लोग इसे महाभारत काल से जोड़कर देखते हैं, तो वहीं कुछ लोगों की अन्य मान्यताएं है। लेकिन एक बात तो साफ है वह यह कि आज के दौर में यह व्रत देश के हर कोने और यहां तक कि विदेशों में रहने वाले भारतीयों के लिए भी महत्वपूर्ण और खास है। आइए जानते है करवा चौथ की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और इससे जुड़ी कुछ विशेष मान्यताएं-

करवा चौथ 2024 तारीख – रविवार, 20 अक्टूबर 2024

दरअसल हिंदू धर्म कैलेंडर अंग्रेजी कैलेंडर से बहुत हद तक भिन्न तरह से काम करता है। इसलिए हमें हमारे त्यौहार और तिथि अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार हर साल अलग दिन देखने को मिलते है। हिंदू धर्म कैलेंडर चंद्रमा की गति के अनुसार तिथि और समय का निर्धारण करते हैं। इसलिए कई बार त्यौहार और व्रत की तिथि आगे पीछे या समय कुछ कम ज्यादा देखने को मिलता है। जैसे इस वर्ष अधिकमास के कारण करवा चौथ सहित सभी प्रमुख त्यौहार एक महीने की देरी से आने वाले है। इस वर्ष करवा चौथ का त्यौहार अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार रविवार, 20 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा।

तिथि के अनुसार करवा चौथ कार्तिक चतुर्थी से शुरू होकर पंचमी के शुरू होने तक मानी जाती है। चतुर्थी तिथि प्रारम्भ – 20 अक्टूबर 2024 को प्रातः 06:46 बजे चतुर्थी तिथि समाप्त – 21 अक्टूबर 2024 को प्रातः 04:16 बजे

2024 करवा चौथ मुहूर्त

हिंदू धर्म में किसी भी मांगलिक कार्य को करने के लिए पहले शुभ समय पर विचार करने की प्रथा है। आज के दौर में हम इसे मुहूर्त के नाम से जानते हैं। करवा चौथ के दिन व्रत के साथ ही चौथ माता अथवा पार्वती जी की सपरिवार पूजा करने की प्रथा है। इसी पूजा के माध्यम से व्रती को व्रत का फल प्राप्त होता है। इस पूजा को शुभ मुहूर्त में करना बेहद आवश्यक है।

करवा चौथ 2024 शुभ मुहूर्त – प्रातः 06:10 बजे से रात्रि 08:44 बजे तक

(वैसे तो करवा चौथ की पूजा के लिए सूर्य अस्त के बाद का समय उत्तम माना गया है लेकिन यदि कोई व्रती इस दौरान किसी कारणवश पूजा करने में असमर्थ है तो वह दिन के किसी भी मुहूर्त में पूजा संपन्न कर सकता है। हालांकि आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि पूजा में प्रयुक्त दीपक चंद्र पूजा तक अखंड रूप से प्रज्वलित रहे। )

करवा चौथ पूजा विधि

करवा चौथ के व्रत की शुरूआत सूर्योदय के साथ व्रत के संकल्प के साथ होती है। इस दिन महिलाएं सुबह जल्दी उठकर व्रत का संकल्प ग्रहण करती है। व्रत का संकल्प ग्रहण करते समय महिलाओं को इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए।

करवा चौथ व्रत धारण मंत्रमम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये करक चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये।

इस संकल्प को ग्रहण करने के बाद महिलाएं अपने मन में अपने लिए व्रत के नियम निर्धारित कर सकती है। वैसे तो करवा चौथ का व्रत निर्जला …….बिना अन्न और बिना जल के…… किया जाता है। लेकिन अपनी क्षमता के अनुसार महिलाएं संकल्प ग्रहण करते समय इसे निर्धारित कर सकती हैं। दिन भर व्रत का कठोरता से पालन करें, खुद भी खुश रहें और दूसरों को भी खुश रखने का प्रयास करें। इसके बाद विवाहित महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए करवा चौथ का व्रत और इसकी रस्मों का पूरी निष्ठा पालन करें। विवाहित महिलाएं भगवान शिव, माता पार्वती और कार्तिकेय के साथ – साथ भगवान गणेश की पूजा आराधना करें और चंद्र दर्शन के बाद ही जल व अन्य ग्रहण करें।

करवा चौथ चंद्रमा उदय का समय

 

स्थान चंद्रोदय
अहमदाबाद 08:39 PM
बेंगलुरु 08:29 PM
चंडीगढ़ 08:28 PM
चेन्नई 08:29 PM
हैदराबाद 08:27 PM
इंदौर 08:28 PM
जयपुर 08:17 PM
जम्मू 08:09 PM
कोलकाता 07:35 PM
लखनऊ 07:58 PM
मुंबई 08:46 PM
नागपुर 08:18 PM
नई दिल्ली 08:07 PM
पटना 07:44 PM
सूरत 08:44 PM

 

(यदि आप इन शहरों के आसपास रहते हैं, तो अपने क्षेत्र चंद्रमा निकलने का समय इन्हीं शहरों की तरह मानें।)

गणेशजी के आशीर्वाद सहित
भावेश एन पट्टनी
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम

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