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महिलाओं का भविष्य उज्ज्वल है, लेकिन भारत में अपने अधिकारों के लिए लड़ना होगा – गणेशजी की भविष्यवाणी!

महिलाओं का भविष्य उज्ज्वल है, लेकिन भारत में अपने अधिकारों के लिए लड़ना होगा

भले ही भारतीय संविधान पुरुषों एवं महिलायों को हर मामले में बराबरी का अधिकार प्रदान करता है, लेकिन भारत का एक कड़वा सच यह भी है कि आज भी महिलायों का एक बड़ा तबका दीन, अधिकारों से वंचित व समाज की पुरुषवादी सोच से परेशान है। नारीवादी भारत में महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं, लेकिन सामान्य परिदृश्य में सालों से कोई ज्यादा बदलाव नजर नहीं आ रहे हैं। सोशल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की निरंतर कोशिशों के बाद अब कहीं जाकर महिलायों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के प्रति सरकार हरकत में आयी है, जो अब अपराधी किस्म के लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए प्रयासरत नजर आ रही है। हालांकि अभी भी बहुत लम्बी लड़ाई लड़नी बाकी है। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से महिलायों का स्वामि चंद्रमा, कर्क व शुक्र है। उनकी स्थिति को एक राष्ट्र की कुंडली के सातवें घर में देखा जा सकता है। गणेशजी स्वतंत्र भारत की जन्म कुंडली का अध्ययन करते हुए भारत में महिलायों की स्थिति को लेकर भविष्यवाणी करते हैं।

भविष्यवाणी
अगर आप स्वतंत्र भारत की जन्म कुंडली देखते हैं, तो आप देखेंगे कि केतु सातवें घर में स्थित है। गणेशजी के अनुसार सातवें घर में केतु का होना संकेत करता है कि महिलायों को अपनी प्रतिष्ठा एवं अपने हकों के लिए संघर्ष करना होगा। इसके साथ ही केतु की स्थिति से इस बात की संभावना देखी जा सकती है कि महिलायों के अधिकारों से संबंधित कानूनों में बदलाव व बिलों में सुधार होगा।

स्वतंत्र भारत की जन्म कुंडली
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स्वतंत्र भारत की जन्म कुंडली में बहुत सारे ग्रह कर्क राशि में स्थित हैं। कोई आश्चर्य नहीं कि पंडित जवाहर लाल नेहरु के बाद श्रीमति इंदिरा गांधी भारत में सबसे अधिक समय (5829 दिन) तक बतौर प्रधान मंत्री कार्यरत रहीं। उसी वक्त, शनि की महादशा चल रही थी। उसके बाद, बुध महादशा चली। स्वतंत्र भारत की कुंडली में शनि व बुध दोनों कर्क राशि में।

अब देखते हैं – निकट भविष्य में क्या है?
ज्योतिषीय विश्लेषण संकेत करता है कि भारत की जन्म कुंडली में 5 मई 2014 से सूर्य महादशा व केतु अंतर्दशा शुरू होगी, जिसके बाद शुक्र अंतर्दशा शुरू होगी, जो कि सितंबर 2015 तक चलेगी।

इन बातों को ध्यान में रखते हुए गणेशजी लगता है कि महिलायों से संबंधित गतिविधियां 5 मई 2014 से 10 सितंबर 2014 तक की समयावधि के बीच अधिक तेज होंगी – इस समय के दौरान केतु अंतर्दशा काम करेगी। इसके बाद लगभग एक साल के लिए महिलाएं अच्छा व बढ़िया समय व्यतीत करेंगी। महिलायों संबंधित अंदोलन अगले डेढ़ साल के समय में काफी आक्रामक होने की संभावना है एवं भारत में महिलाएं अपने अधिकारों के लिए संबंधित प्रशासन के साथ संघर्ष करेंगी।

क्या आप अपनी समस्या अपने खास लोगों के साथ बांटने से हिचकचाते हैं? अगर हां तो, अपनी कुण्डली के विश्वसनीय ज्योतिषीय विश्लेषण व उस मामले, जिससे आप परेशान हैं के संदर्भ में निष्पक्ष सलाह लेने के लिए ज्योतिषी से बात करें। इतना नहीं, आपकी निजता शत प्रतिशत गोपनीय रखी जाएगी।

गणेशजी के आशीर्वाद सहित
भावेश एन पटनी
द गणेशास्पीक्स टीम

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