इस साल 26 अगस्त 2025 को हरितालिका तीज व्रत उत्सव मनाया जाएगा। महिलाओं का यह प्रिय त्यौहार भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इसे मुख्यत: मप्र, गुजरात, राजस्थान, यूपी के कुछ भागों में सुहागिनें और कुंवारी दोनों ही महिलाएं मनाती है। इस त्यौहार में माता पार्वती और महादेव की पूजा का विधान है। सुहागिनें व्रत करके महादेव और माता पार्वती से सौभाग्य का आशीर्वाद मांगती है। वहीं कुंवारी लड़कियां इस व्रत को अच्छे पति की कामना के लिए करती है। इसी दिन वराह जयंती भी होती है। भगवान विष्णु के वराह अवतार की पूजा का भी कई जगह विधान है।
करवा चौथ की तरह हरतालिका तीज
महिलाएं इस व्रत को पूरी श्रद्धा के साथ ही करती है। पंजाब और देश के अधिकतर भागों में मनाया जाने वाला करवा चौथ की तरह ही इस व्रत में कई महिलाएं पानी भी नहीं पीती है। कई महिलाएं कुछ विशेष खाने का भी व्रत रखती है। महिलाएं इस दिन रातभर जागरण करती है। दूसरे दिन व्रत खोलने का विधान है।
हरतालिका व्रत 2025: व्रत कथा
माता पार्वती ने शिव को प्राप्त करने के लिए कठोर तप किया। देवी सती ने हिमालय के राजा हिमावन के घर पार्वती के रूप में जन्म लिया था। पार्वती बचपन से ही शिव के प्रति आकर्षित थीं। उन्होंने भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए कठोर तप किया। पिता हिमावन अपनी पुत्री के लिए वर खोज रहे थे। यह देख पार्वती दुखी हुई और पिता को मन की बात बताकर वन में तप करने चली गई। भाद्रपद तृतीया के दिन माता ने रेत का शिवलिंग बनाकर पूजन किया, उनके कठोर तप से प्रसन्न होकर भगवान शिव प्रकट हुए और उनसे विवाह के लिए तैयार हो गए। इसी के बाद से इस व्रत को करने का विधान शुरू हुआ।
हरतालिका व्रत 2025: पूजा विधि
अलग-अलग कुल के अनुसार पूजा की परंपरा भी अलग-अलग है। वैसे व्रत में रेत का शिवलिंग बनाकर दिन के हर पहर माता पार्वती और गणेश के साथ उसकी पूजा का विधान है। भगवान को विभिन्न तरह के फल-फूल समर्पित किए जाते हैं और व्रत कथा पढ़ी जाती है। रात में जागरण करके दूसरे दिन गणेश चतुर्थी पर भगवान की रेत से बनी मूर्तियों को नदी या जलस्रोत में प्रवाहित किया जाता है। इस व्रत का पालना दूसरे दिन किया जाता है।
गणेशजी के आशीर्वाद सहित
भावेश एन पट्टनी
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम
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