https://www.ganeshaspeaks.com/hindi/

बसंत पंचमी 2023 – वसंत पंचमी मुहूर्त, पूजा विधि, सरस्वती स्तोत्रम् और वंदना

बसंत पंचमी 2021 - वसंत पंचमी मुहूर्त, पूजा विधि, सरस्वती स्तोत्रम् और वंदना

विद्यारंभ करने का शुभ दिन है वसंत पंचमी या बसंत पंचमी

माघ शुक्ल पंचमी को ज्ञान और बुद्धि की देवी मां सरस्वती के प्राकट्य दिवस के रूप मे वसंत पंचमी के रुप में मनाया जाता है। इस मौके पर मां सरस्वती की पूजा की जाती है और मौसम में आसानी से उपलब्ध होने वाले फूल चढ़ाए जाते हैं। विद्यार्थी इस दिन किताब-कॉपी और पाठ्य सामग्री की भी पूजा करते हैं। जिस दिन पंचमी तिथि सूर्योदय और दोपहर के बीच रहती है, उस दिन को सरस्वती पूजा के लिए उपयुक्त माना जाता है। इस दिन कई स्थानों पर शिशुओं को पहला अक्षर लिखना सिखाया जाता है। इसका कारण यह है कि इस दिन को विद्या आरंभ करने के लिये शुभ माना जाता है। इस साल 2023 में बसंत पंचमी 26 जनवरी 2023 को मनाया जाएगा।

कब है वसंत पंचमी

बसंत पंचमी साल 2023 में 26 जनवरी को मनाई जाएगी। इस दिन देशभर में माता सरस्वती का पूजन होगा।

बसंत पंचमी है अबूझ मुहूर्त

ज्योतिष के मुताबिक वसंत पंचमी का दिन अबूझ मुहूर्त के तौर पर भी जाना जाता है, इस कारण नए कार्यों को शुरूआत के लिए यह दिन उत्तम माना जाता है। इस दिन मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा, घर की नींव, गृह प्रवेश, वाहन खरीदने, व्यापार शुरू करने आदि के लिए शुभ है। इस दिन अन्नप्राशन भी किया जा सकता है।

वसंत पंचमी की पौराणिक मान्यताएं

मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने देवी सरस्वती से खुश होकर उन्हें वरदान दिया था कि बसंत पचंमी के दिन उनकी आराधना की जाएगी। तब से बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती के पूजन की परंपरा चली आ रही है। खास कर विद्यार्थियों द्वारा सरस्वती पूजा का आयोजन किया जाता है। एक अन्य मान्यता के मुताबिक मां सीता की तलाश करते हुए भगवान श्रीराम आंध्रप्रदेश और छत्तीसगढ़ में फैले दंडकारण्य इलाके में पहुंचे। यहीं शबरी का आश्रम था। कहा जाता है कि बसंत पंचमी के दिन ही भगवान श्रीरामचंद्र यहां आये थे। इस क्षेत्र के लोग आज भी वहां मौजूद एक शिला का पूजन करते हैं। मान्यता है कि भगवान श्रीराम इसी शिला पर बैठे थे। यहीं शबरी माता का मंदिर भी है।

कैसे करें सरस्वती माता का पूजन

– बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने के लिए सबसे पहले सरस्वती की प्रतिमा या फोटो रखें।- कलश स्थापित करके सबसे पहले भगवान गणेश का नाम लेकर पूजा करें।- सरस्वती माता की पूजा करने से पहले उनका आह्ववान करके सबसे पहले उन्हें आमचन और स्नान कराएं.- माता को पीले रंग के फूल अर्पित करें, माला और सफेद वस्त्र पहनाएं फिर मां सरस्वती का पूरा श्रृंगार करें.- माता को केसर से बनी मिठाई का भोग लगाएं।- अपनी पेन या किताबों का भी पूजन करें।- सरस्वती के किसी भी मंत्र का 108 बार जाप जरूर करें।

सरस्वती वंदना

सरस्वती पूजा के मौके पर मां सरस्वती की स्तुति की जाती है। इस दौरान सरस्वती स्तोत्रम का पाठ किया जाता है। कई शिक्षण संस्थानों में भी इस स्तोत्र के जरिए मां सरस्वती की वंदना की जाती है। आप घर में भी इस स्तोत्र के जरिए मां सरस्वती की वंदना कर सकते हैं।
या कुन्देन्दु-तुषारहार-धवला या शुभ्र-वस्त्रावृता या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना। या ब्रह्माच्युत शंकर-प्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥
शुद्धां ब्रह्मविचार सारपरम- माद्यां जगद्व्यापिनीं वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्‌। हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्‌ वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्‌॥

सरस्वती स्तोत्रम्

श्वेतपद्मासना देवि श्वेतपुष्पोपशोभिता।श्वेताम्बरधरा नित्या श्वेतगन्धानुलेपना॥श्वेताक्षी शुक्लवस्रा च श्वेतचन्दन चर्चिता।वरदा सिद्धगन्धर्वैर्ऋषिभिः स्तुत्यते सदा॥स्तोत्रेणानेन तां देवीं जगद्धात्रीं सरस्वतीम्।ये स्तुवन्ति त्रिकालेषु सर्वविद्दां लभन्ति ते॥या देवी स्तूत्यते नित्यं ब्रह्मेन्द्रसुरकिन्नरैः।सा ममेवास्तु जिव्हाग्रे पद्महस्ता सरस्वती॥॥इति श्रीसरस्वतीस्तोत्रं संपूर्णम्॥

वसंत पंचमी : 2023

बसंत पंचमी तारीख – बृहस्पतिवार, जनवरी 26, 2023
पूजा मुहूर्त – 07:12 ए एम से 12:34 पी एम
अवधि – 05 घण्टे 21 मिनट्स
पंचमी तिथि आरंभ – जनवरी 25, 2023 को 12:34 पी एम बजे
पंचमी तिथि समाप्त – जनवरी 26, 2023 को 10:28 ए एम बजे

गणेशजी के आशीर्वाद सहित
भावेश एन पट्टनी
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम

Valentine Day Week: जानिए वैलेंटाइन वीक के बारे में, राशि के अनुसार कैसे रखें पार्टनर को खुश

Continue With...

Chrome Chrome