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जानिये कैसे ज्योतिष की मदद से आप भी शेयर बाज़ार में ढेर सारा धन कमा सकते हैं!

जानिये कैसे ज्योतिष की मदद से आप भी शेयर बाज़ार में ढेर सारा धन कमा सकते हैं!

शेयर बाजार एक ऐसा व्यवसाय है, जहाँ लोग एक दिन में राजा बन जाते हैं तो अगले दिन रंक। इसके साथ-साथ शेयर बाज़ार की किसी भी देश की आर्थिक स्थिति को भी दर्शाता है। अगर किसी देश के शेयर बाजार में तेजी चल रही है, यानि बाजार में उछाल है तो इसका मतलब है कि उस देश की आर्थिक स्थिति काफी मज़बूत है, और लगातार बढ़ रही है। ऐसी हालत में उस देश के लोग और अन्य विदेशी निवेश आने वाले समय में उस देश की अर्थव्यवस्था के प्रति आशान्वित होते हैं। इसके विपरीत यदि शेयर बाजार मंदी में है, यानि नीचे गिर रहा है, तो इसका मतलब है कि आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। वहां की सरकार वित्तीय हालातों के प्रति गंभीर नहीं है। ऐसे में देश में मंदी का दौर आ सकता है। महँगाई दर में बढ़ोतरी भी हो सकती है। जिसे सभी प्रकार के निवेशकों का बाजार के प्रति अलगाव हो जाता है।

शेयर बाजार में काम करने के लिए व्यक्ति के पास उचित योग्यता होने के साथ-साथ अच्छा भाग्य भी होना चाहिए। क्योंकि शेयर बाजार एक मात्र ऐसा व्यवसाय होता है, जहाँ कम समय में बहुत तेजी से उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं। बाज़ार में कभी भी तेजी आ सकती है और कभी भी मंदी। ऐसे में हर व्यक्ति को मेहनत के साथ-साथ भाग्य के बिना सफलता नहीं मिल सकती।

भारतीय वैदिक ज्योतिष में बताया गया है कि ग्रहों की स्थिति और उनकी चाल से बाज़ार बहुत अधिक प्रभावित होता है। तो आईये जानते हैं शेयर बाजार ज्योतिष के बारे में।

क्या है शेयर बाजार ज्योतिष?

भारतीय वैदिक ज्योतिष को अलग-अलग क्षेत्रों में बांटा गया है। जिस प्रकार से हर क्षेत्र के लिए एक अलग ज्योतिषीय विभाग को आवंटित किया गया है, जैसे चिकित्सा ज्योतिष, उपाय ज्योतिषी, विवाह ज्योतिषी, शिक्षा ज्योतिषी, प्रेम ज्योतिषी, करियर ज्योतिषी, संपत्ति ज्योतिषी होती है। उसी प्रकार से आर्थिक ज्योतिषी भी होती है।

चूंकि शेयर बाज़ार में सिर्फ और सिर्फ आर्थिक व्यापार होता है। इसलिए ये आर्थिक ज्योतिषी के तहत आता है। किसी भी व्यक्ति की कुंडली में 5वां, 8वां और 11वां भाव, घर या खाना धन के कारक होते हैं। इसलिए इनकी बेहतर स्थिति के बिना हम आर्थिक विकास नहीं कर सकते। 5वां हमारी कुंडली का प्राण केंद्र होता है। इसलिए शेयर बाजार में अच्छे लाभ के लिए इसका मजबूत होता अतिआवश्यक है। जिसके फलस्वरूप आकस्मिक धन एवं आर्थिक सफलता मिलती है। यदि किसी व्यक्ति का 5वां भाव कमज़ोर है तो उसे शेयर बाजार में काम नहीं करना चाहिए। वरना परिणाम भयाभय भी हो सकते हैं। जातक आर्थिक रूप से पूरी तरह बर्बाद भी हो सकता है।

राहु और चंद्रमा लाभ-हानि के लिए ज़िम्मेदार होते हैं। क्योंकि राहु की भी प्रकार की अनिश्चितता और आकस्मिकता का कारक होता है, और शेयर बाजार तो है ही अनिश्चितताओं से भरा। जबकि चंद्रमा दिन-प्रति दिन की स्थिति को दर्शाता है। जिस प्रकार से चंद्रमा हर दिन अपना रूप और आकर बदलता है, उसी प्रकार ये बाजार को भी प्रभावित करता है।

बुध और गुरु (बृहस्पति) की स्थिति शेयर बाजार की स्थिति को सीधे तौर पर प्रभावित करती है। चूँकि बुध धन का स्वामी होता है और गुरु खज़ाने का तो कुंडली में इनकी मजबूत स्थिति जातक को बड़ा लाभ दिलाती है जबकि कमज़ोर स्थिति होने पर हानि उठानी पड़ती है। ये दोनों ग्रह शेयर सूचकांक को ऊपर उठाने में ज़िम्मेदार होते हैं।

इसलिए ये चार ग्रह राहु, चंद्रमा, बुध, गुरु शेयर बाज़ार में काम करने और लाभ कमाने के लिए आपके पक्ष में होना बहुत जरुरी है।

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कौन-सा ग्रह किस क्षेत्र के लिए ज़िम्मेदार?

शेयर बाज़ार में कोई भी कंपनी अपने व्यापार को बड़ा करने के लिए जनता से पैसे जुटाती है। उन पैसों को व्यापार में लगाती है, और उससे होने वाले लाभ का हिस्सा लाभांश के रूप में अपने शेयर धारकों को देती है। ऐसे में किसी भी शेयर धारक के लिए शेयर बाज़ार में लाभ कमाने के लिए राहु की स्थिति पक्ष में होना बहुत जरुरी है। क्योंकि कुंडली में राहु की स्थिति बेहतर होने पर ही आपको मुनाफ़ा हो सकता है, अन्यथा ऐसी हानि होगी कि जिससे आप जीवन भर नहीं उबर पाएंगे। कुंडली में पंचम भाव और इसका स्वामी मजबूत होने पर ही किसी को लाभ मिल पाता है। इसके अलावा हर ज्योतिषीय ग्रह का अपना प्रभाव क्षेत्र होता है। जिससे जुड़े क्षेत्र के शेयरों में लेन-देन करने से आपको अच्छा मुनाफ़ा हो सकता है। आइये जानते है कौनसे ग्रह किस क्षेत्र को प्रभावित करते हैं…

सूर्य – समस्त ग्रहों का स्वामी और सौरमंडल का राजा सूर्य आर्थिक रूप से सबका स्वामी होता है। यह बाजार के सबसे क्षेत्र को अपने प्रभाव में रखता है। सूर्य राजकोष का स्वामी है, ये सरकारी योजनाओं, सरकारी लेन-देन आदि को प्रभावित करता है। जिनकी कुंडली में सूर्य अनुकूल स्थिति में होता है। इनसे जुड़े शेयरों जैसे सार्वजनिक इकाइयां, म्यूचुअल फंड, लकड़ी के कारोबार, आयुर्वेदिक एवं एनएसई के शेयरों में सौदा बनाना चाहिए। इसमें जातक को अघिक लाभ मिलने की संभावना होती है।

चंद्र – चन्द्रमा अर्थात सोम जो की द्रवीय वस्तुओं का कारक होता है। इसलिए ये जलीय क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में लाभ का कारक होता है। जैसे समुद्री व्यापार, जहाज़, समुद्री भोजन आदि। दुग्ध उत्पाद यानि दूध से बनने वाली वस्तुएँ जो डेयरी कम्पनियाँ बनाती हैं। कपास के क्षेत्र में काम करने वाली कम्पनियाँ। कांच यानि शीशा के व्यापार से जुड़ी कम्पनियाँ। इसलिए इसकी कुंडली में चन्द्रमा मजबूत होता है, वे इन सभी क्षेत्रों से जुड़े व्यापार के शेयरों में सौदा बना सकते हैं।

मंगल – चूँकि मंगल ज्वलंत प्रवर्ति का होता है। इसलिए ये गर्म वस्तुओं के लिए ज़िम्मेदार होता है। जैसे चाय, क़ॉफ़ी, खनिज पदार्थ, इंफ्रास्ट्रक्चर, रियलिटी क्षेत्र आदि। इसलिए जिन लोगों की कुंडली में मंगल मज़बूत और अनुकूल होता है, वे इन सभी क्षेत्रों से जुड़े शेयरों में सौदा बना सकते हैं।

बुध – बुध की बात हम ऊपर भी कर चुके हैं कि बुध आर्थिक स्वामी होता है। इसलिए ये आर्थिक क्षेत्रों से जुडी कंपनियों जैसे बैंक, बीमा कंपनी आदि को प्रभावित करता है। इसके अलावा ये इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट, कंसल्टेंसी और एजुकेशनल क्षेत्रों पर भी गहरा असर डालता है। इसलिए जिनकी कुंडली में बुद्ध मजबूत यानि अनुकूल स्थिति में होता है वे इनसे जुड़े शेयरों में ख़रीद फ़रोख़्त कर सकते हैं। इसके अलावा जिनका बुध अनुकूल होता है वे शेयर बाज़ार के लिए अच्छे सलाहकार भी हो सकते हैं।

बृहस्पति – चूँकि बृहस्पति पीले रंग का प्रतीक होता है, इसलिए ये पीली वस्तुओं को अधिक प्रभावित करता है। पीले खाद्यान्न जैसे गेहूं, दालें, हल्दी, मसाले आदि। इसके साथ-साथ गुरु सोने व पीतल को भी बहुत अधिक प्रभावित करता है। इसलिए कहा जाता है की जब बृहस्पति की स्थिति मजबूत होती है तो सोने और पीतल के भाव बढ़ जाते हैं। इसके अलावा बृहस्पति धन को भी प्रभावित करता है। तो जिन जातकों की कुंडली में गुरु मज़बूत या अनुकूल होता है, वे इन सभी शेयरों में सौदा कर सकते हैं। इसके अलावा ऐसे जातक भौतिक वस्तुओं (कॉमोडिटी) के शेयरों में भी लाभ कमा सकते हैं।

शुक्र – ज्योतिषी में शुक्र प्रेम और मिठास का प्रतीक होता है। इसलिए ये चीनी, चावल, सौंदर्य प्रसाधन, मनोरंजन और रसायन से जुड़ी वस्तुओं को प्रभावित करता है। अतः जिन व्यक्तियों की कुंडली में शुक्र अनुकूल होता है, वे इस सभी वस्तुओं से संबंधित शेयरों में लाभ कमा सकते हैं।

शनि – शनि ग्रह काली वस्तुओं का प्रतीक होता है। इसलिए ये लोहा, पेट्रोलियम वस्तुएँ, डीज़ल-पेट्रोल, ईंधन, काले वस्त्र, काले मसाले, काली मिर्च, लौंग, चमड़े की वस्तुएँ एवं किसी भी प्रकार का उत्पादन करने वाली कंपनियों पर गहरा प्रभाव डालता है। इसलिए जिनकी कुंडली में शनि अनुकूल होता है वे इन सभी वस्तुओं से जुड़े शेयरों में लाभ उठा सकते हैं।

राहु-केतु – शेयर बाजार में राहु-केतु उतार-चढ़ाव लाने के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक व इलेक्ट्रिक और विदेशी वस्तुओं को प्रभावित करते हैं। इसलिए जिनकी कुंडली में राहु-केतु अनुकूल होते हैं। वे इन सब चीजों में लाभ कमा सकते हैं। क्योंकि शेयर बाजार में सभी को तभी सफलता मिलती है जब राहु आपके पक्ष में हो।

आपकी कुंडली में कौन सा ग्रह दिला सकता है शेयर बाज़ार में सफ़लता, जानने के लिए बात करें हमारे अनुभवी ज्योतिषियों से अभी!

ग्रहों की प्रतिकूल स्थिति जिससे नुकसान भी हो सकता है

  • कुंडली के पांचवें भाव में राहु की दशा चल रही है तो शेयर बाजार में काम न करें।
  • यदि किसी की कुंडली में सूर्य-राहु या चंद्र-राहु या बृहस्पति-राहु, इनमें से कोई एक भी स्थिति बनती है तो जातक को शेयर बाजार में काम नहीं करना चाहिए। अन्यथा भरी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
  • यदि किसी की कुंडली में शनि की साढ़े साती या ढैया का समय उतर रहा हो यानि ख़त्म हो रहा हो तो बाजार में काम नहीं करना चाहिए। इस स्थिती में जातक को भारी-भरकम नुकसान उठाना पड़ सकता है।
  • यदि किसी की कुंडली के दूसरे भाव जो कि धन का भाव होता है, उसमें राहु बैठा है तो भी व्यक्ति को शेयर बाजार में कतई काम नहीं करना चाहिए। इसके अलावा कुंडली के केंद्र भाव में यानि लग्न, चौथे, सातवें और दसवें भाव में भी राहु स्थित हो तो शेयर बाजार में काम न करें नहीं तो आप आर्थिक रूप से बर्बाद भी हो सकते हैं।
  • जब कोई भी ग्रह अपनी स्थिति में परिवर्तन करता है तो उससे जुड़े क्षेत्र को बहुत अधिक प्रभावित करता है। इसलिए भी कोई ग्रह उदय होता है, अस्त होता है, मार्गी होता है, वक्री होता है, उच्च राशि या नीच राशि में जाते हैं, तो इन सब चालों का असर शेयर बाजार पर प्रत्यक्ष रूप से पड़ता है। जब सूर्य और चंद्र ग्रहण होता तो भी बाजार प्रभावित होता है। लेकिन विशेष रूप से राहु-केतु और चन्द्रमा बाजार को अधिक प्रभावित करते हैं।

शेयर बाज़ार में सफलता के लिए ज्योतिषीय उपाय

भारतीय वैदिक ज्योतिष में शेयर बाजार में सफलता पाने और अच्छा लाभ कमाने के लिए कुछ निश्चित उपाय बताये गए हैं। जिन्हें अपना कर कोई भी व्यक्ति शेयर बाजार से अच्छा मुनाफ़ा कमा सकता है।

  • एक नीला चमकदार रुमाल हमेशा अपने पास रखें।
  • बुधवार एवं शुक्रवार के दिन मछलियों को आटे की गोलियां खिलाएं।
  • दिन में दो समय सुबह-शाम 108 बार राहु मंत्र “ऊँ रां राहवे नम:” का जाप करें।
  • बुधवार के दिन चाँदी का एक सितारा (स्टार) बनवा कर, हरे धागे में डालकर उसे गले में धारण करें।
  • यदि आप शेयर बाज़ार में अधिक लाभ कमाना चाहते हैं तो किसी ज्योतिष विशेषज्ञ की सलाह से पन्ना रत्न या गोमेज़ धारण करें। लेकिन याद रखें ये सिर्फ ज्योतिषीय सलाह से ही धारण करें।

तो ये था शेयर बाजार पर ग्रहों का प्रभाव, उनके लाभ और उनकी स्थिति में परिवर्तन से होने वाले नुकसान। लेकिन ये बाद हमेशा ध्यान रखनी चाहिए कि शेयर बाजार में अधिक लाभ पाने के लिए किसी ज्योतिषी विशेषज्ञ से ही सलाह ली जाये। जो सितारों को आपके पक्ष में लाने के प्रभावी उपाय बता सकते हैं। लेकिन इसके अलावा किसी भी काम में सफलता पाने के लिए लगातार मेहनत करना बहुत ज़रूरी है। इसलिए कठिन परिश्रम करते रहें। अपनी कुंडली अनुसार शेयर बाजार में लाभ कमाने के लिए आज ही हमारे ज्योतिषीय विशेषज्ञों से जानकारी प्राप्त करें।

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गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम

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