गणेश जी के किस स्वरूप की पूजा आपको करनी चाहिए?

गणेश जी के किस स्वरूप की पूजा आपको करनी चाहिए?

भगवान शिव और पार्वती के पुत्र, रिद्धि (संपदा) और सिद्धि (ख्याति) के देव गणेश बुद्धि और प्रसन्नता के दाता भी हैं। पूरे भारतवर्ष में मनाया जाने वाला यह गणेश चतुर्थी का त्योहार अन्य राज्यों की तुलना में महाराष्ट्र में ज्यादा धूमधाम से मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी के उत्सव की शुरुआत ब्रिटिश काल में लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक द्वारा की गई थी, ताकि पूरे भारतवर्ष को सार्वजनिक रूप से एकता और अखंडता के सूत्र में बांधा जा सके। ऐसे में आपको यह जानकारी होना आवश्यक हैं कि आपको गणेश जी के किस स्वरूप की पूजा (which should you worship) करनी चाहिए।


गणेश चतुर्थी उत्सव (ganesha worship) के समय समारोह

भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है, इसी दिन भगवान गणेश का जन्मदिन है। तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और गुजरात में भी इस उत्सव का बहुत महत्व है। दस दिन तक पूजा अर्चना की जाती है भगवान गणेश की इस महीने में। भगवान गणेश की सुंदर-सुंदर प्रतिमाओं को सजा कर घर- घर में स्थापित किया जाता है, साथ ही शहरों और कस्बों में कई तरह के समारोह का आयोजन किया जाता है ।


राशि के अनुसार कैसे मनाएं गणेश उत्सव (which ganesha should you worship)

* इस व्रत को करना सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। पहले दिन यानीकि ‘दशमी’ की रात्रि से शुरू हो जाता है। दशमी पर भी भक्त को हर तरह की चीज नहीं खानी चाहिए। उन्हें सूर्यास्त से पहले सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए। एकादशी को वे कुछ भी नहीं खा सकते। वे दूसरे दिन ‘द्वादशी’ को ये व्रत तोड़ सकते है। क्या आप जीवन में नकारात्मकता को खत्म करने आैर चौतरफा खुशी का अानंद लेने का रास्ता ढूंढ रहे हैं? तो लाभ उठाने के लिए हमारी व्यक्तिगत एवं हस्तलिखित रिपोर्टकोई भी सवाल पूछेंआैर सही समाधान प्राप्त करें।
* एेसा भक्त जो रमा एकादशी का व्रत रखता है, उसे इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत होकर व्रत संकल्प करना चाहिए। इसके बाद विष्णु भगवान की विधिवत पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इस दिन भक्तों द्वारा भगवान विष्णु को धूप, पंचामृत, तुलसी, दीप, प्रसाद आैर फल आदि अर्पित किए जाने चाहिए। इसके बाद आरती की जाए आैर आरती के बाद भगवान को चढ़ाया प्रसाद घर के सभी सदस्यों को बांटा जाए।
* रमा माँ लक्ष्मी का दूसरा नाम भी है। इस कारण रमा एकादशी पर माँ लक्ष्मी की पूजा स्वास्थ्य, समृद्घि आैर प्रसन्नता का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए की जाती है।
* रमा एकादशी का व्रत करने वाले व्यक्ति काे इस दिन भागवत गीता अवश्य पढ़नी चाहिए आैर भजन-कीर्तन में अपना पूरा समय व्यतीत करना चाहिए। ये व्रत सभी भाैतिक इच्छाआें को पूरा करने वाला, पापों को नष्ट करने वाला आैर आध्यात्मिक मुक्ति प्रदान करने वाला है।
* विष्णु सहस्त्रनाम स्त्रोत भगवान का अाशीर्वाद प्राप्त करने का सबसे शक्तिशाली तरीका है।

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गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम



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