sankashti chaturthi 2021: व्रत की लिस्ट और उपवास के दिन
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार मास में दो चतुर्थी होते हैं। कृष्ण पक्ष में आने वाले चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। जबकि शुक्ल पक्ष में आने वाले चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। संकष्टी चतुर्थी का व्रत सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति करता है और सभी तरह के कष्टों को दूर करता है। संकष्टी चतुर्थी के व्रत से भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
वर्ष 2021 में आने वाले संकष्टी चतुर्थी की लिस्ट इस प्रकार से है
2021 संकष्टी चतुर्थी कब है?
संकटहरा चतुर्थी भी कहा जाता है
संकष्टी चतुर्थी का व्रत भगवान गणेश को समर्पित होता है। ये व्रत कर भक्त भगवान गणेश से कष्टों को हरने की प्रार्थना करते हैं। हिन्दू पंचाग के अनुसार ये व्रत हर माह की पूर्णिमा के चौथे दिन (कृष्ण पक्ष का चौथ ) किया जाता है। गणपति जी को हिन्दू धर्म में प्रथम पूज्य माना गया है, और सारे संकट हर लेते हैं। पूरे साल में 13 संकष्टी चतुर्थी के व्रत होते हैं। संकष्टी चतुर्थी को तमिलनाडु में ‘गणेश संकटहरा’ या ‘संकटहरा चतुर्थी’ के नाम से जाना जाता है।
संकष्टी चतुर्थी की पूजा कैसे करें ?
सुबह शुद्ध पानी से नहा कर साफ कपड़े पहनें।
भगवान गणेश की पूजा तिल, गुड़, लड्डू, दुर्वा, चंदन चढ़ाकर करें। उसके बाद गणेश की कथा का पाठ करें।
भगवान गणेश का वंदन और मंत्रों का जाप करें।
संध्याकाल गणेश जी की पूजा के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर पूजा संपन्न करें।
संकष्टी चतुर्थी व्रत में क्या करें ?
संकष्टी चतुर्थी का व्रत काफी कठिन होता है। इसमें किसी प्रकार के अनाज का सेवन ना करें। संकष्टी चतुर्थी के दिन फल, कंद-मूल खाया जा सकता है। शाम को चन्द्रमा के दर्शन कर अर्घ्य देने के बाद आप उपवास तोड़ सकते हैं। इस व्रत को तोड़ने के बाद शाम को आप साबूदाने की खिचड़ी, आलू और मूंगफली खा सकते हैं।
संकष्टी चतुर्थी के लिए गणेश मंत्र
गणपति जी की पूजा आप इन मंत्रो से कर सकते हैं।
ॐ गं गणपतये नम:
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ:, निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।।
ॐ एकदन्ताय विद्धमहे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ति प्रचोदयात्॥
गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम
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