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मंगल, गुरू और केतु के संयोजन से मकर राशि जातकों के जीवन में आएंगे ये बदलाव

मंगल, गुरू और केतु के संयोजन से मकर राशि जातकों के जीवन में आएंगे ये बदलाव

अग्नि तत्व की द्विस्वभाव राशि धनु में केतु और गुरू के बाद 8 फरवरी को मंगल का गोचर होना है। मंगल के गोचर के साथ ही धनु राशि में तीन ग्रहों की महायुति की शुरूआत होने वाली है। केतु, गुरू और मंगल के संयोजन का यह दौर लंबा और प्रभावी रहने वाला है। धनु राशि में तीन ग्रहों का गठबंधन 8 फरवरी से शुरू होकर 22 मार्च तक जारी रहने वाला है। सामान्यतः राशि परिवर्तन जैसे निर्धारित घटनाक्रम का राशियों पर भी निर्धारित प्रभाव ही पड़ता है। लेकिन जब दो या उससे अधिक ग्रह एक ही राशि में भ्रमण कर रहे हो तो यह स्थिति ज्योतिषीय दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है। दो या दो से अधिक ग्रहों के एक राशि में भ्रमण होने की स्थिति में ग्रहों के एकल प्रभाव का अंदाजा लगाकर उनके स्वभाव और उनकी प्रवृत्ति के अनुसार उनका मिलान करने के बाद जातक पर उनके प्रभावों का अंदाजा लगाया जाता है।

फिलहाल केतु, गुरू और मंगल का धनु राशि में महासंयोजन होने वाला है। इस दौरान चंद्र राशि मकर जातकों पर भी इसके गहरे और प्रत्यक्ष प्रभाव देखने को मिलेंगे। मकर पृथ्वी तत्व की चर स्वभाव राशि है। मकर वैश्य वर्ण की स्त्री संज्ञक, चतुष्पद/जलचर, रात्रि बलि, सम, पृष्ठोदय, अल्प प्रसव सम राशि है। मकर के राशि स्वामी शनि है, और मकर में मंगल 28 अंश पर उच्च एवं गुरू 5 अंश पर नीच के होते है। मंगल, गुरू और केतु का धनु में महासंयोजन चंद्र राशि मकर कुंडली के बारहवें भाव में होने वाला है। कुंडली का बारहवां भाव व्यय स्थान होकर खर्च, व्यय, भोगविलास, राज्य भय, जेल, त्रास, चिंता और धन हानि, नुकसान जैसे क्षेत्र से संबंध रखता है। आइए जानते है, मकर कुंडली के बारहवें भाव में घटित हो रहे इस महासंयोग का मकर जातकों के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ने वाला है।

करियर

चंद्र राशि मकर कुंडली के बारहवें भाव में तैयार हो रहे मंगल, गुरू और केतु के महासंयोजन से मकर राशि जातकों के करियर पर कुछ प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिलेंगे। इस दौरान कई बार आप स्वयं को थका हुआ पाएंगे। इस दौरान अपने दैनिक कार्यों को नवीन और रचनात्मक तरीके से पूरा करने की कोशिश करें, इससे आपको अपने कार्यों को अधिक प्रभावी ढंग से पूरा करने में मदद मिलेगी। इस समयावधि में आपके अपने वरिष्ठ या उच्च अधिकारियों से नई कंपनी नीति या अन्य रणनीतियों के कार्यान्वयन को लेकर तर्क कुतर्क हो सकते है।

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व्यापार-व्यवसाय

कुंडली के बारहवें भाव में तैयार हो रहे, मंगल, गुरू और केतु के महासंयोजन से व्यापार-व्यवसाय में अनिश्चितता बढ़ने की संभावना है। इस दौरान व्यापार व्यवसाय के संबंध में लंबी यात्राओं की संभावना है। मकर कुंडली के बारहवें भाव में तैयार हो रहे मंगल, गुरू और केतु के महासंयोजन के प्रभाव में किसी ऐसे आकस्मिक संयोग की संभावना है, जिससे व्यापार व्यवसाय के विकास में सहायता मिले। इस दौरान आपको ऐसे किसी भी मौके के लिए तैयार रहने की जरूरत है, जिससे आपके व्यापार को बल मिलता हो। इस समयावधि में आपको अपने व्यवसाय, ग्राहकों, कार्यबल और सहयोगियों से संबंधित मामलों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।

प्रेम संबंध

मकर कुंडली के बारहवें भाव में मंगल, गुरू और केतु का समायोजन प्रेम संबंधों की दृष्टि से बेहद अनुकूल परिणाम देने की ओर इशारा करते है। इस दौरान आपको अपने साथी के साथ अपने रिश्तों को रचनात्मकता से नए आयाम देने की कोशिश करनी चाहिए। मंगल, गुरू और केतु का महासंयोजन आपको अपने प्यार को फिर से जवान बनाने के लिए भरपूर मौके और समय देने की क्षमता रखता है। इस दौरान आपके आपसी संबंधों को बल मिलेगा और आपका रिश्ता अधिक प्रेम और स्नेह से फलीभूत होगा। इस दौरान आपके और आपके साथी की बीच कई सार्थक रोमांटिक बातचीत होने की भी संभावना है।

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निजी व वैवाहिक संबंध

निजी व वैवाहिक संबंधों पर मंगल, गुरू और केतु संयोजन के प्रत्यक्ष प्रभाव दिखाई नहीं देते, लेकिन इस दौरान आपको अपनी भावनाओं पर काबू रखने की कोशिश करनी चाहिए। मंगल, गुरू और केतु के समायोजन के दौरान आपको अपनी भावनाओं को अति रंजित नहीं करना चाहिए। मतलब इस दौरान अपनी भावनाएं व्यक्त करते समय इस बात का ध्यान रखें कि कोई इसे असत्य या ढोंग भी मान सकता है। इस संयोजन के दौरान आप उन चीजों के लिए विचारशील रहेंगे जिन्हें आप अपने जीवन में प्राप्त करना चाहते है।

स्वास्थ्य

मंगल, गुरू और केतु का मकर कुंडली के बारहवें भाव में संयोजन के दौरान आपके स्वस्थ्य पर इसके औसत प्रभाव देखने को मिलेंगे। हालांकि इस दौरान आपको निराशा, स्वीकार्यता और अधूरे कार्यों को लेकर भावनात्मक रूप से परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान आप थोड़े से काम में ज्यादा थका हुआ महसूस कर सकते है। इस दौरान निरंतर ऊर्जावान रहने के लिए आपको व्यायाम या योग की ओर रूख करने की सलाह है।

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