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गुरु हुए मार्गी: कुछ खास राशियों की किस्मत जाएगी जाग !

गुरु हुए मार्गी: कुछ खास राशियों की किस्मत जाएगी जाग !

ग्रह मंडल में गुरु पृथ्वी से 48 करोड़ 33 लाख मील दूर स्थित एक विशाल ग्रह है। गुरु नैसर्गिक रुप से एक शुभ ग्रह है। गुरु जहां निवास करता है वहां की अपेक्षा अपनी दृष्टि से अधिक अच्छा फल देता है। कुंडली के 5-7-9 स्थानों पर यह त्रिकोण दृष्टि करता है और 2-5-7-9-11 जैसे महत्वपूर्ण स्थानों का कारक कहलाता है। धनु-मीन राशि का यह स्वामी राशि चक्र की कर्क राशि में उच्च का हो जाता है। गुरु धन, भाषा, ज्ञान, विद्या, शरीर सुख, सत्ता, धार्मिकता, चरित्र, शिक्षा, आत्मविश्वास, सकारात्मक विचार, धर्मगुरु, अर्थशास्त्र, दर्शन शास्त्र, परोपकार और क्षमा का परिचायक है। एक बलवान गुरु जातक के जीवन में आधी सफलता को सुनिश्चित कर देता है। बलवान गुरु से भाग्यवृद्धि होती है। इसकी कृपा से जातक कम मेहनत में ज्यादा सफलता प्राप्त करता है।

कुंडली में निर्बल गुरु व्यक्ति को सुस्त, अज्ञानी, व्यवहार में अकुशल, नास्तिक, आडंबरी, दंभी और बेफिक्र बनाता है।

ग्रहों का बल देखने के लिए ज्योतिष में कई मापकों को ध्यान में रखा जाता है जैसे दिग्बल, स्थान बल , चेष्टा बल, काल बल, नैसर्गिक बल, वर्ग बल और ग्रह की अवस्था, अस्त-उदय, गति बल, मार्गी-वक्री, स्थंभी जैसे मापक शामिल हैं।

गतिबल
हर एक ग्रह की दैनिक गति सामान्य होती है। जो ग्रह अपनी नैसर्गिक गति में चलते हैं उन्हें मार्गी कहते हैं। वहीं वक्री ग्रह यानी एक ग्रह के सापेक्ष में दूसरे ग्रह की गति सामान्य से कम होती है। सरल भाषा में समझें तो वक्री ग्रह पृथ्वी से अधिक निकट हो जाता है। पृथ्वी की गति अधिक होने से हमें एेसा लगता है कि मानो यह ग्रह उल्टी दिशा में जा रहा है, जबकि असलियत में वह भी पृथ्वी की दिशा में ही जा रहा होता है। इसे ज्योतिष की भाषा में ग्रहों का वक्री होना कहते हैं। ग्रह वक्री से मार्गी होते समय यदि स्थिर हो जाएं तो उसे स्तंभी ग्रह कहते हैं। स्तंभी ग्रह अपना बल गुमा देते हैं। सामान्य रुप से सूर्य से 120 से 270 अंश तक रहने वाला ग्रह वक्री कहलाता है। वहीं बुध 13 और शक्र 9 के कलांश में वक्री होता है। सूर्य-चंद्र कभी वक्री नहीं होते, जबकि राहु-केतु सदा वक्री रहते हैं।

गुरु राशिचक्र के भ्रमण के दरमियान 120 दिन वक्री रहता है। यह शुरुआत और अंत के पांच दिन स्तंभी रहता है। पिछले कुछ समय से वक्री चल रहे देवताओं के गुरु बृहस्पति 9 जून से फिर से मार्गी चाल (सीधी चाल) में आ गये हैं।

वक्री गुरु वाले जातकों की सोच आत्मलक्षी होती है। ये लोग समय के साथ तालमेल नहीं बिठा पाते हैं। संक्षेप में कहें तो ये अपने गुणों से जातक को विपरीत फल देते हैं इसीलिए निर्बल कहे जाते हैं। कुंडली में वक्री ग्रहों की शुभ स्थिति अच्छा फल देती है।

चलिए अब देखते हैं कि 9 जून से मार्गी हुआ गुरु विविध राशि के जातकों पर कैसा असर डालने वाला है।

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए गुरु छठे भाव में भ्रमण करता है जिसे शुभ नहीं कहा जा सकता। जातकों का स्वास्थ्य बिगड़ेगा। कफ प्रधान प्रकृति, मधुमेह अथवा मोटे व्यक्तियों को इस समय विशेष रुप से सावधानी रखनी चाहिए। छिपे शत्रुओं से हानि होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। यहां पर गुरु के दसवें व दूसरे स्थान पर दृष्टि डालने से करियर में अनुकूलता रहेगी। 4 जुलाई 2017 से मूल कुंडली में शुभ समय हो तो प्रमोशन के साथ-साथ धन वृद्धि का भी योग बनने की संभावना गणेशजी देख रहे हैं। तो गुरू का गोचर आपके कैरियर पर क्या प्रभाव ड़ालेगा? इस बारे में जानने के लिए खरीदें गुरू ट्रांजिट रिपोर्ट कैरियर के लिए।

वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातकों के लिए गुरु का पंचम भाव में भ्रमण करना सुखदायी साबित होगा। विद्यार्थी वर्ग को अच्छा परिणाम मिलेगा। लव रिलेशन्स में सामंजस्य बना रहेगा। अगर विद्यार्थी जातक किसी स्कूल में दाखिले के लिए प्रयासरत है तो उसे 20 जून के बाद ही किसी अच्छे स्कूल में प्रवेश मिल सकेंगा। पिता से जुड़ी यदि कोई तकलीफ है तो उसमें राहत मिलेगी। आपकी कुंडली में यदि शुभ योग बन रहा है तो नौकरी-धंधा या विद्याभ्यास के लिए परदेश जाने के अवसर हाथ लग सकते हैं। धार्मिक यात्रा का आयोजन होगा। भाग्यवृद्धि होगी। 4 जुलाई से अधिक शुभ फल मिलने के आसार हैं। इस वर्ष आप तन और मन से स्वस्थ्य रहेंगे एेसा गणेशजी का कहना है। तो गुरू आपकी आर्थिक स्थिति को किस तरह प्रभावित करेगा इस बारे में जानने के लिए खरीदें गुरू ट्रांजिट रिपोर्ट समृद्घि के लिए।

मिथुन राशि

मिथुन राशि में गुरु चौथे स्थान में भ्रमण करता है जो जातक के लिए लाभकारी रहेगा। ऐशोआराम में अधिक खर्च होंगे। मानसिक उलझनें रहेंगी। मकान-वाहन से संबंधित कामकाजों में आकस्मिक खर्च आ जाने से जातक की आर्थिक स्थिति पर बुरा प्रभाव पड़ने की आशंका है। पिता या ससुराल पक्ष से लाभ होगा। वसीयत से जुड़ी समस्याओं का समाधान आएगा। प्रवास, यात्रा अथवा कहीं बाहर जाने का योग बनने की संभावना है। गुरू का गोचर आपके जीवन के विभिन्न क्षेत्रों को किस तरह प्रभावित करेगा ये जानने के लिए खरीदें गुरू पारगमन रिपोर्ट।

कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों के लिए गुरु तीसरे स्थान में भ्रमण करेगा। कर्क राशि के जातकों के लिए मध्यम फलदायी समय रहने की भविष्यवाणी है। घर व कामकाज के स्थल पर अपने हाथ नीचे काम कर रहे लोगों से बहुत समर्थन मिलने की आशा मत रखें। जहां तक संभव मुसाफिरी टालें। 4 जुलाई से अधिक फायदा होगा। विलंब हो रहे कामों के अब गति पकड़ने से आप मानसिक रुप से प्रफुल्लित रहेंगे। गुरू का गोचर आपके वैवाहिक जीवन को किस तरह प्रभावित करेगा ये जानने के लिए खरीदें गुरू ट्रांजिट रिपोर्ट विवाह के लिए।

सिंह राशि

सिंह राशि में गुरु दूसरे स्थान से भ्रमण करेगा। गणेशजी के अनुसार, इसका यहां से गुजरना सिंह राशि के जातकों के लिए शुभदायी रहने की आशा है। 20 जून तक कार्यों में आ रहे विघ्न आपको परेशान कर सकते हैं। इसके पश्चात, जातक को शुभ फलों की प्राप्ति होगी। दरियादिल गुरु आपके करियर में उन्नति और प्रमोशन के रास्ते खोलेगा। इसके अलावा, ज्ञान में भी बढ़त होगी। पुश्तैनी संपत्तियों के मामलों का भी निराकरण आएगा। कुल मिलाकर, अच्छे कर्मों की वजह से जातकों को शुभ फलों की प्राप्ति होने की उम्मीद गणेशजी देखते हैं। गुरू का गोचर अापकी लव लाइफ को किस तरह प्रभावित करेगा ये जानने के लिए खरीदें गुरू ट्रांजिट रिपोर्ट लव के लिए।

कन्या राशि

गुरु कन्या राशि से गुजरते समय जातक को शुभ व अशुभ दोनों ही प्रकार के प्रभाव देकर जाएगा। जिन जातकों की कुंडली में गुरु की स्थिति मारक या अशुभ बनती हो तो वह इस दौरान जातक की तबीयत को बिगाड़ेगा। सरदर्द की आशंका रहेगी। अकारण चिंता रहेगी। किसी भी कार्य में निष्फलता का डर सताएगा। अंह की वजह से जातक खुद-ब-खुद अपने लिए नई मुसीबतें मोल लेगा। हालांकि, गुरु अपनी शुभ स्थिति में व्यक्ति के लिए सकारात्मक फल लेकर आता है। ये विद्यार्थी वर्ग, दांपत्य जीवन और भाग्य के लिए अच्छा फल देकर जाएगा। संतान के इच्छुक जातकों के लिए यह उनकी मुराद पूरी कर सकता है। भागीदारी में भी फायदा होगा। प्रेम में जातकों को सफलता मिलने की सूचना गणेशजी देते हैं। गुरू का ये गोचर अापके बिजनेस पर आैर क्या प्रभाव ड़ालेगा ये जानने के लिए खरीदें गुरू ट्रांजिट रिपोर्ट बिजनेस के लिए।

तुला राशि

तुला राशि में गुरु बारहवें स्थान से भ्रमण करेगा। गुरु का यह भ्रमण आध्यात्मिकता और अंतर्ज्ञान के लिए विशेष रुप से लाभदायी कहा जाएगा। गूढ़ ज्ञान में रुचि रहेगी। वहीं खर्चों में इजाफा होगा। मकान से जुड़े कामकाज को वेग मिलेगा। नौकरी के इच्छुक लोगों को नई नौकरी के अवसर मिलेंगे। ज्ञान में वृद्धि होगी। गुप्त शत्रुओं के बढ़ जाने से जातक को इनकी ओर से सतर्क और सावधान रहना चाहिए। धार्मिक समारोह अथवा किसी मांगलिक कार्यक्रमों की तैयारियों में धन खर्च की संभावना को देखते हुए पहले से ही रुपये-पैसा का इंतजान करके रखने का परामर्श है। गुरू आपकी जिंदगी के विभिन्न क्षेत्रों को किस तरह प्रभावित करेगा, ये जानने के लिए प्राप्त करें गुरू ट्रांजिट रिपोर्ट।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए गुरु 11वें स्थान से भ्रमण करेगा। यह भ्रमण वृश्चिक राशि के जातकों को शुभ परिणाम प्रदान करेगा एेसा गणेशजी का कहना है। वर्तमान ग्रहों की स्थिति को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि वृश्चिक राशि के जातकों को शनि के कारण जो तकलीफ पड़ रही है उसमें यह गुरु आंशिक रुप से राहत दे सकता है। 20 जून के बाद जातकों को ज्यादा फायदा मिलने के संकेत हैं। गुरु हर एक सुख में वृद्धि करने वाला ग्रह है। पर, शनि के दुष्प्रभाव की वजह से आप इसका मजा नहीं ले पाएंगे। गुरू आपकी वैवाहिक जिंदगी को किस तरह प्रभावित करेगा ये जानने के लिए खरीदें गुरू ट्रांजिट रिपोर्ट विवाह के लिए।

धनु राशि

धनु राशि के जातकों के लिए गुरु दसवें स्थान से भ्रमण करेगा। यह भ्रमण इस राशि के लिए शुभता को लेकर आएगा। यहां शनि के दुष्प्रभाव की वजह से नौकर-वर्ग, पड़ोसी, छोटे भाई-बहन, भागीदारी, कामकाज जैसे क्षेत्रों में समस्याएं आएंगी। लेकिन, गुरु की दृष्टि कुंडली के धन और सुख भाव पर पड़ेगी। गुरु की छठे भाव पर दृष्टि करियर और परिवार को संभालती है। दांपत्य जीवन में सुरक्षा का वातावरण बनाती है। अगर जातक की कुंडली में गुरु कमजोर हो तो गणेशजी की चेतावनी है कि जातक को अपनी सेहत की तरफ काफी ध्यान रखना चाहिए। गुरू का गोचर आपके कैरियर को किस तरह प्रभावित करेगा ये जानने के लिए खरीदें गुरू ट्रांजिट रिपोर्ट कैरियर के लिए।

मकर राशि

मकर राशि के जातकों के लिए गुरु नवम भाव से भ्रमण करता है। गणेशजी को लगता है कि देवगुरु बृहस्पति का यह परिवर्तन आपको लिए भाग्योदय लेकर आ सकता है। गुरु की शुभ दृष्टि से आपको समस्त प्रकार के सुख व समृद्धि प्राप्त होगी। सुख-सुविधाओं को लेकर ज्यादा खर्च होंगे। विदेश से जुड़े हर एक कार्य सरलतापूर्वक और बिना विघ्न के पूर्ण होंगे। गुरु जिन-जिन चीजों का कारक होता है उससे संबंधित हर एक कामकाज में उन्नति कराएगा। प्रेमी-प्रेमंकाओं को लव रिलेशन्स में सफलता मिलेगी। विदेश से जुड़े लोगों के बिजनेस के विस्तार का योग बनेगा। गुरू का ये गोचर आपकी वित्तीय स्थिति को किस तरह प्रभावित करेगा, ये जानने के लिए खरीदें गुरू ट्रांजिट रिपोर्ट समृद्घि के लिए।

कुंभ राशि

कुंभ राशि के जातकों के आठवें भाव से गुरु का यह भ्रमण होगा। यह आपके कई कार्यों में बाधा डालने का काम करेगा। मिलने वाले आर्थिक लाभ के अंतिम घड़ी में अटक जाने का खतरा रहेगा। पर मित्रों, धन की वजह से आपका कोई काम अटकेगा नहीं। जातक बिना रिर्टन वाले क्षेत्रों में पैसा लगाकर बाद में पछता सकता है। यदि आपने किसी बिजनेस में निवेश किया है तो उसमें लगाए गए धन को मिलने में विलंब का सामना करना पड़ सकता है। तो इसी तरह गुरू का गोचर आपकी लव लाइफ को किस तरह प्रभावित करेगा, ये जानने के लिए खरीदें गुरू ट्रांजिट रिपोर्ट लव के लिए।

मीन राशि

मीन राशि के सातवें स्थान से गुरु का भ्रमण होगा। इस समयावधि में आपकी नए-नए लोगों से पहचान व मुलाकात होगी। व्यवसाय में भी वृद्धि होने के प्रबल योग की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। भागीदारों के साथ संबंध मजबूत बनेंगे। हर एक मुश्किल कार्य में मित्रों, भाई-बहन और वरिष्ठ लोगों का समर्थन प्राप्त होगा। उनकी मदद से आपके सभी कार्यों के बिना कठिनाईयों के जल्द ही पूरा होने से आपके मन में उत्साह व उमंग रहेगा। मन में अनोखे विचार आएंगे। कुंडली में पाप ग्रहों के दुष्प्रभाव से आने वाली मुसीबतों का सामना करने में समर्थ रहेंगे। तो गुरू का ये गोचर आपके बिजनेस पर क्या प्रभाव ड़ालेगा, ये जानने के लिए खरीदें गुरू ट्रांजिट रिपोर्ट बिजनेस के लिए।

तो इस प्रकार से यह कहा जा सकता है कि यदि गुरु की स्थिति कुंडली में अशुभ हो तो यह अपना शुभ फल कम दे पाता है। मूल रूप से आपकी तबीयत के इर्द-गिर्द यह वर्ष घूमेगा। यदि गुरु अगर जातक कुंडली में प्रबल मारक बनकर बैठा है और साथ ही दशा-अंतर्दशा भी खराब हो तो एेसी दशा में यह जातक के हल्थ के लिए नुकसानदायक कहा जाता है।

गणेशजी के आशीर्वाद सहित
भावेश एन पट्टनी
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम