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6 ग्रहों की मकर में महायुति, जानिए क्या होने वाला है आप पर असर

6 ग्रहों की मकर में महायुति, जानिए क्या होने वाला है आप पर असर

6 ग्रहों की युति 021
साल 2021 के शुरूआती महीनों से ही बन रहा 6 ग्रहों का स्टेलियम या समूह बनते और बिखरते हुए 4 फरवरी को मकर राशि में बुध के ट्रांजिट या गोचर के साथ पूरा हो जाएगा। मकर राशि में बुध के प्रवेश के साथ ही 4 फरवरी से पांच शक्तिशाली ग्रह एक ही राशि में एकत्र हो जाएंगे। मकर राशि में इन ग्रहों का संयोजन या समूह का प्रभाव हर आदमी को अलग अलग तरह से प्रभावित करने वाला है। मकर में गुरु, शनि, शुक्र, बुध और सूर्य का मिलन 2021 में लंबे समय तक राशिचक्र की अन्य राशियों को प्रभावित करने वाला है। आइए गुरु, शनि, शुक्र, बुध, चंद्र, और सूर्य के इस महासंयोग का राशियों पर क्रम अनुसार प्रभाव जानें।

6 ग्रहों का मकर राशि में समूह 021
मकर में ग्रहों के एकत्र होने के क्रम से ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार है।
शनि – मकर राशि में न्यायाधीश शनि ने 24 जनवरी 2020 को प्रवेश किया था और उनका मकर राशि में यह प्रवास 29 अप्रैल 2022 तक जारी रहने वाला है। यह आपका यह जानना जरूरी है कि मकर शनि की स्वराशि है। मकर में होने के कारण शनि की शक्तियों में इजाफा होता है।
बृहस्पति – बृहस्पति या गुरु 20 नवंबर 2020 को धनु से मार्गी होकर मकर राशि में आए है, और 6 अप्रेल 2021 तक मकर राशि में ही रहने वाले हैं।
सूर्य – सौरमंडल के स्वामी सूर्य ने 14 जनवरी मकर संक्राति के दिन मकर राशि में प्रवेश किया है, और वे 12 फरवरी तक मकर में रहने वाले हैं।
शुक्र – नैसर्गिक प्रेम और विवाह से स्वामी शुक्र 28 जनवरी को मकर राशि में प्रवेश करेंगे और 21 फरवरी मकर में भ्रमण करेंगे।
बुध – बुध व्रकी होकर 4 फरवरी को मकर में प्रवेश करेंगे और 11 मार्च को मार्गी होकर कुंभ में प्रवेश करेंगे।
चंद्रमा – मकर राशि में चंद्रमा का गोचर 9 फरवरी के दिन रात के समय होने वाला है और वे 11 फरवरी तक तक मकर में ही रहने वाले हैं।

सूर्य, बुध, शुक्र, गुरू चंद्र और शनि की युति (6 ग्रहों की युति) का राशियों पर प्रभाव

मेष – बनेगा राजयोग, लेकिन कुछ परेशानी भी

मेष राशि के लोगों के मकर में बनाने वाला पांच ग्रहों का स्टेलियम कुंडली के दसवें भाव में बनेगा। कुंडली का दसवा भाव केंद्रीय भाव में से है, जहां सूर्य, बुध, शुक्र और गुरु की युति मेष राशि के लोगों के लिए राज योग का निर्माण करती है। लेकिन शनि का इन शुभ ग्रहों के साथ युति में होना आपके प्रोशनल फ्रंट पर कुछ परेशानियों की ओर इशारा करता है। सूर्य कुंडली के दसवें भाव में सबसे अधिक मजबूत होते है, और आपके कॅरियर और प्रोफेशन से जुड़े क्षेत्रों का पाॅजिटिव तरीके से नेतृत्व करते हैं। हालांकि दसवें भाव में बैठे गुरु आपको आर्थिक तौर पर नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे आपके खर्चों में बढ़ोतरी होने की संभावना है। बुध और शुक्र आपको व्यापार से जुड़ी चिंताएं देने का काम कर सकते हैं।
उपाय – सोमवार के दिन उपवास करें और शाम के समय शिवलिंग पर सफेद फूल चढ़ाएं।

वृषभ – छिपे शत्रु से सावधान

वृषभ राशि के लोगों के पांच ग्रहों का महासमूह कुंडली के नवें भाव में बनेगा। कुंडली के नवें भाव का संबंध आपके भाग्य और आध्यात्मिक जीवन से होता है। एक साथ भाग्य स्थान पर इतने सारे ग्रहों का योग वृषभ राशि के लोगों के लिए कई अच्छे और बुरे संकेतों की ओर इशारा करता है। वृषभ राशि के लिए बुध का भाग्य स्थान पर बैठना वित्त और हेल्थ से जुड़ी परेशानियों को बढ़ा सकता है। गुरु और शुक्र भाग्य स्थान पर बैठकर आपके कुछ पुराने पेंडिंग कामों को पूरा करने के लिए आपको प्रेरित करेंगे। शनि आपसे कड़ी मेहनत करवाने वाले हैं और इस दौरान आपको अपने छिपे हुए शत्रुओं से भी सावधान रहने की सलाह है।
उपाय – रोज सुबह नित्य क्रियाओं से छुटकारा पाकर भगवान शिव के पंचाक्षरीय मंत्र ओम नमः शिवाय का जाप करें।

मिथुन – वैवाहिक जीवन रहेगा बेहतर

मिथुन राशि के लिए शनि, गुरु, बुध, शुक्र और सूर्य का संयोजन 2021 कुंडली के आठवें भाव में होने वाला है। कुंडली का आठवां भाव आयुष्य या मृत्यु स्थान के नाम से जाना जाता है। मिथुन राशि के लिए पांच ग्रहों के स्टेलियम कुछ अधिक लाभदायी दिखाई नहीं देता। इस दौरान आपको अपने स्वास्थ्य पर अधिक फोकस करना चाहिए, क्योंकि इस बीच आपकी इम्युनिटी भी कमजोर रहने वाली है। हालांकि चौथे भाव के स्वामी की आठवें घर में मौजूदगी आपको पुश्तैनी संपत्ति से लाभ देने का काम कर सकती है। इस स्टेलियम के प्रभाव में आपके खर्चे आपकी आय से ज्यादा रहेंगे। बच्चों को शिक्षा और स्वास्थ्य में परेशानियां आएंगी और आप अपने बाॅस और अपर मैनेजमेंट के साथ तालमेल नहीं बना पाएंगे। हालांकि वैवाहिक जीवन के बेहतर रहने की संभावना है।
उपाय – शिव पंचाक्षर स्तोत्र का पाठ करें।

कर्क – निवेश से नुकसान की उम्मीद

कर्क राशि की कुंडली में पांच ग्रहों का संयोजन सातवें भाव में बन रहा है, कुंडली का सातवां भाव साझेदारी, पति, पत्नी और विवाह से संबंध रखता है। कर्क लग्न कुंडली के सातवें भाव में शनि, शुक्र, बुध और गुरु का मकर में एक साथ बैठना सूर्य को कमजोर करता है। इस कंजक्शन के दौरान आप अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में तालमेल नहीं बना पाएंगे। इस दौरान आपको आर्थिक चुनौतियों का भी सामना करना पड़ सकता है और कुछ नुकसान भी झेलने पड़ सकते हैं। इस दौरान पाटर्नरशिप बिजनेस में सावधानी बरतें, प्राॅपर्टी खरीद में देरी होगी और निवेश से नुकसान की उम्मीद है। वैवाहिक जीवन में अधिक परेशानियां नहीं आएंगी लेकिन परिवार में प्राॅपर्टी से जुड़े विवाद होने संभावना है।
उपाय – सोमवार के दिन शिवलिंग का दूध से अभिषेक करें।

सिंह – आर्थिकतौर पर मिलेगी स्टेबिलिटी

सिंह लग्न के लोगों के लिए फरवरी 2021 में बनने वाला पांच ग्रहों का समूह कुंडली के छठे हाउस में बनने वाला है। कुंडली का छठवां भाव शत्रू स्थान के नाम से जाना जाता है। सिंह लग्न के स्वामी होकर सूर्य का छठे भाव में बैठना सिंह को अपने शेड्यूल्स पर अधिक फोकस करने में मदद करेगा। आपको अपने स्वास्थ्य पर अधिक फोकस करना चाहिए क्योंकि इस दौरान आपको ब्लड प्रेशर, पेट, बेक पेन, मांसपेशियों और जोड़ों से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि व्यापारियों और प्रोफेशनल्स के लिए यह समय लाभदाय है और वे नए बिजनेस आइडिया या नई जाॅब प्राप्त कर पाएंगे। इस दौरान की गई आपकी कड़ी मेहनत आपको आर्थिक तौर पर स्टेबिलिटी प्रदान करेगी।
उपाय – शिव महिम्न स्तोत्र का पाठ करें

कन्या – नई संभावनाएं बनेगी

कन्या लग्न के लोगों के लिए पांच ग्रहों का कंजक्शन कुंडली के पांचवें भाव में बनने वाला है। कुंडली का पांचवा भाव संतान और विद्या स्थान के रूप में जाना जाता है। पांच ग्रहों के समूह का आपके स्वास्थ्य पर कोई विपरीत प्रभाव पड़ता दिखाई नहीं देता। इस दौरान आपके आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होगी और आप नयी संभावनाओं की तलाश करेंगे, लेकिन बारहवें भाव के स्वामी का सूर्य का शनि के साथ मिलन आपको इसे प्राप्त करने से रोक सकता है। परिवार और फाइनेंस के क्षेत्र में आपको परेशानियों और चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, अपने बच्चों की पढ़ाई के संबंध में भी आपके लिए समय प्रतिकूल नजर आता है। प्रेम और वैवाहिक जीवन के लिए भी यह समय अनुकूल दिखाई नहीं देता।
उपाय – भगवान शिव को लड्डूओं का भोग लगाएं और बच्चों में बांटे।

तुला – नहीं मिलेंगे मनचाहे परिणाम

तुला राशि के लोगों के लिए गुरु, शनि, शुक्र, बुध और सूर्य का यह समूह कुंडली के चौथे भाव में बन रहा है, कुंडली के चौथे भाव को सुख या मातृ स्थान के रूप में भी जाना जाता है। तुला लग्न के चौथे घर में शुक्र, शनि, बुध और गुरु का मिलन राज योग का निर्माण करता है। लेकिन सूर्य इस योग को कमजोर करने के साथ आपको मानसिक रूप से परेशान भी कर सकता है, इस दौरान आपका मेंटल स्ट्रेस अपने पीक पर हो सकता है और आपको अन्य स्वस्थ्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। सुख स्थान पर शनि आपके लिए नए दुश्मन पैदा करेगा, और आप लोगों पर विश्वास करना बंद कर सकते हैं। इस दौरान आपको आर्थिक अस्थिरता का भी सामना करना पड़ सकता है। काम के क्षेत्र में आपकी कड़ी मेहनत भी आपको मनचाहे रिजल्ट देने में सक्षम नहीं होगी।
उपाय – भगवान शिव को सुगन्धित इत्र एवं असली चंदन समर्पित करें।

वृश्चिक – खर्चे आपको सताएंगे

वृश्चिक लग्न के लोगों के लिए इन पांच ग्रहों का संयोजन कुंडली के तीसरे भाव में होने वाला है, कुंडली के तीसरे भाव को पराक्रम या शौर्य स्थान के नाम से जाना जाता है। इस दौरान आप अपने परिवार के साथ काफी अच्छा समय बिताने वाले हैं। इस दौरान आप परिवार या बिजनेस के काम से लंबे सफर कर सकते है। कंजक्शन के दौरान आप लाॅन्ग टर्म इंवेस्टमेंट से पीछे हट सकते है और आपके खर्चों में बढ़ोतरी हो सकती है। अविवाहित लोगों के लिए विवाह के योग बनेंगे और प्रेमी अपने दिल की बात अपने पार्टनर तक पहुंचा पाएंगे। इस दौरान किरायदार या मकान मालिक के साथ विवाद की संभावना है। साल के अंत में आपको अपने निवेश से लाभ मिलने के योग हैं।
उपाय – हनुमान जी को मंगलवार के दिन निश्चित सिंदूर चढ़ाएं।

धनु -सरकारी कामों में सावधानी बरतें

धनु लग्न के लिए इन पांच ग्रहों का संयोजन कुंडली के दूसरे भाव में बन रहा है, कुंडली का दूसरा भाव कुटुंब और धन संपत्ति से संधंब रखता है। धनु के लिए यह महायुति औसत रहने वाला है। इस दौरान आपको अपने परिवार से भरपूर सपोर्ट मिलेगा, लेकिन आप अपने परिवार के लिए चिंतित भी रहेंगे। इस दौरान आपके आत्म विश्वास में बढ़ोतरी होगी और आप कड़ी मेहनत के दम पर अपने व्यापार में सफलता प्राप्त करेंगे। हालांकि आपको अपने लाॅन्ग टर्म इंवेस्टमेंट से अधिक लाभ नहीं मिलेगा। आपको बैंक और सरकार से जुड़े कामों में सावधानी बरतनी चाहिए अन्यथा लीगल परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आप अपनी मां के स्वास्थ्य को लेकर भी चिंतित रह सकते हैं। विदेश में पढ़ने का सपना देख रहे छात्रों को कड़ी मेहनत के दम पर सफलता मिलेगी।
उपाय – शनिवार के दिन शनि भगवान को सरसों का तेल अर्पित करें, तथा श्री दुर्गा कवच धारण करें।

मकर – नई चीजों की शुरुआत हो सकती है

मकर राशि वाले लोगों के लिए गुरू, सूर्य, बुध, शुक्र और शनि के स्टेलियम का यह समय काफी उतार चढ़ाव भरा रहने वाला। हालांकि शनि के स्वराशि होने और शुक्र व बुध जैसे ग्रहों से लाभ मिलने की पूरी संभावना है, लेकिन गुरु मकर लग्न में नीच के होकर बैठे हैं। शनि के स्वराशि होकर लग्न में बैठने से मकर की आत्म शक्ति में जबरदस्त ईजाफा देखने को मिलेगा और आप लगातार नयी चीजें ट्राय करेंगे। इस दौरान आप फायनेंशियली काफी अच्छी स्थिति में रहने वाले है, लेकिन आपको अप्रत्याशित खर्चों के लिए भी तैयार रहना होगा। परिवार के साथ अच्छा समय बिताने के लिए भी आप खर्च करने वाले हैं, कोई छोटी मोटी ट्रिप भी प्लान की जा सकती है। इसके बावजूद भी आप खुद को अकेला महसूस कर सकते हैं। व्यापार या कोई नया काम शुरू करना काफी मुश्किल भरा हो सकता है। बच्चों के संबंध शादी विवाह के कार्यों में भी अड़चने आएंगी। हालांकि लव एंड रिलेशन के क्षेत्र में यह दौर काफी अच्छा रहने वाला है और आपकी लाइफ में किसी नये व्यक्ति एंट्री हो सकती है, लेकिन आपको काफी सावधानी से निर्णय लेने होंगे।
उपाय – शनिवार के दिन उपवास रखें और शनि मंदिर जाकर शनिदेव को तेल अर्पित करें।

कुंभ – स्वास्थ्य का ध्यान रखें

फरवरी 2021 में बन रहा पांच ग्रहों का समूह कुंभ लग्न कुंडली के बारहवें भाव में बनने वाला है। हम कुंडली के बारहवें भाव को व्यय या मोक्ष स्थान के नाम से जानते है। कुंभ लग्न के बारहवें भाव में गुरु, शनि, शुक्र, बुध और सूर्य की युति कई मायनों में आपको परेशान कर सकती है। दूसरे घर के स्वामी बारहवें भाव में शनि के साथ बैठे हैं, इससे आपका मेंटल स्ट्रेस बढ़ेगा, इस दौरान आपको अपने कंधे, आंख या दांतों से जुड़ी किसी समस्या का सामना भी करना पड़ सकता है। कुंभ लग्न के वे लोग जो विदेश जाने का सपना देख रहे है, उनके रास्ते में अड़चनें आ सकती है, लेकिन कड़े प्रयास का फल भी मिलेगा। छात्रों के लिए यह दौर मुश्किल भरा रह सकता है, खासकर अप्रैल के महीने तक। इस दौरान आपको अपने व्यापार पर भी ध्यान देना होगा, नहीं तो आपका पैसा फंसने की संभावना है।
उपाय – भगवान शिव की आराधना करें और जरूरत मंद लोगों को तुअर की दाल दान करें। इस दौरान रूद्राभिषेक करवना आपकी सभी परेशानियों को खत्म कर सकता है।

मीन – नए प्लान पर अभी काम ना करें

शनि, गुरु, बुध, शुक्र और सूर्य की फरवरी 2021 में बनने वाली युति मीन लग्न के ग्यारहवें भाव में बनने वाली है। ग्यारहवें भाव में बैठे शनि मीन के पहले भाव पर दृष्टि डाल रहे है, जो आपके लिए मानसिक और शारीरिक परेशानियां खड़ी कर सकता है। इस दौरान आपको किसी नतीजे तक पहुंचने में भी परेशानी होगी। आपको अपने परिवार पर भी फोकस करना चाहिए और उन्हे आवश्यक समय और समर्थन देने का प्रयास करना चाहिए। इस दौरान आपको किसी भी नयी चीज को ट्राय करने या शुरू करने से बचना चाहिए। इस दौरान किसी तरह के इलेक्ट्रानिक गैजेट के खराब होने की संभावना है। कमीशन या ब्याज का काम करने वाले लोगों को मुश्किलें झेलनी पड़ेंगी। हालांकि ऑनलाइन व्यापार करने वाले लोगों के लिए समय बेहद अच्छा रहने वाला है। कुंभ लग्न के छात्रों के समय अनुकूल रहेगा, लेकिन आपको अपनी ओर से मेहनती में कमी नहीं करनी चाहिए। इस दौरान आप छोटी मोटी ट्रिप प्लान कर सकते है, लेकिन विदेश जाने का आपका सपना कुछ समय के लिए डिले हो सकता है।
उपाय – प्रति दिन भगवान शिव के दर्शन कर उन्हे बिल्वपत्र अर्पित करें।

गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम

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