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Chandra Grahan 2021: जानिए 2021 में होने वाले चंद्रग्रहण, सूतक काल और राशियों पर प्रभाव

जानिए 2021 में होने वाले चंद्रग्रहण, सूतक काल और राशियों पर प्रभाव

चंद्र ग्रहण (lunar eclipse) और सूर्य ग्रहण (Solar eclipse) के बारे में तो हम सभी जानते हैं। यहां हम चंद्रग्रहण के बारे में बात करेंगे और जानेंगे कि वर्ष 2021 में चंद्र ग्रहण कब लग रहा है। चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है और ऐसा तब होता है, जब चंद्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे पृथ्वी की छाया में आता है। ऐसा तभी होता है जबकि सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीधी रेखा में आ जाएं। ऐसा माना जाता है कि ग्रहण का प्रभाव सभी 12 राशियों के साथ ही देश और दुनिया पर भी देखने को मिलता है। अगर आप जानना चाहते हैं कि साल 2021 का पहला चंद्र ग्रहण कब है या 2021 में साल का पहला चंद्रग्रहण कब लगेगा, तो यहां आपको पूरी जानकारी मिल जाएगी।

भारत में चंद्रग्रहण और कहां दिखाई देगा

वर्ष 2021 का पहला चंद्रग्रहण 26 मई को होगा और यह पूर्ण चंद्रग्रहण होगा। ग्रहण दक्षिण एशिया, पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर, हिंद महासागर और अंटार्कटिका में दिखाई देगा।

चंद्रग्रहण का समय

भारत में चंद्र ग्रहण दोपहर 2:17 बजे शुरू होगा और शाम 7:19 बजे समाप्त होगा। वैसे भारत के लिए यह छाया यानी आंशिक चंद्र ग्रहण होगा, लेकिन दूसरे देशों में पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। हालांकि भारत में इस चंद्रग्रहण का ज्यादा असर नहीं होगा।

2021 में लगने वाले चंद्र ग्रहण

2021 में दो चंद्र ग्रहण लगेंगे।

पहला चंद्रग्रहण – 26 मई, 2021 वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को दोपहर 2.17 बजे वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को होगा।

दूसरा चंद्रग्रहण – 19 नवंबर 2021 को कार्तिक पूर्णिमा के दिन चंद्रग्रहण होगा।

भारत में होगा आंशिक चंद्रग्रहण

इस साल यानी वर्ष 2021 का पहला चंद्रग्रहण भारत के साथ ही अमेरिका, एशिया, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर क्षेत्र में देखा जाएगा। चूंकि पहला चंद्रग्रहण भारत में पूर्ण नहीं बल्कि उपच्छाया चंद्रग्रहण होगा, इसलिए इसका प्रभाव देखने को नहीं मिलेगा। हालांकि अन्य देशों के लिए यह पूर्ण चंद्रग्रहण होगा। इसी तरह साल का दूसरा चंद्र ग्रहण भी कुछ इसी प्रकार का ही ग्रहण होगा। भारत के अलावा, यह अमेरिका, उत्तरी यूरोप, प्रशांत महासागर और ऑस्ट्रेलिया में भी दिखाई देगा।

चंद्रग्रहण का सूतक काल

चंद्र ग्रहण से पहले के समय को सूतक काल कहा जाता है। इस दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य वर्जित होते हैं। सूतक की अवधि ग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले शुरू होती है और ग्रहण के साथ समाप्त होती है। हालांकि ग्रहण को मानने वाले सभी लोग सूतक काल से लेकर ग्रहण समाप्त होने तक दौरान घर में खाना नहीं पकाएं। मंदिर में पूजा नहीं करें, लेकिन मानसिक जाप कर सकते हैं।

26 मई 2021 को होने वाले चंद्रग्रहण का राशियां पर प्रभाव

मेष राशि पर चंद्रग्रहण का प्रभाव- वाहन चलाते समय ध्यान रखें
वृषभ राशि पर चंद्रग्रहण का प्रभाव- बिजनेस पार्टनर और जीवनसाथी के साथ विचारों का मतभेद
मिथुन पर चंद्रग्रहण का प्रभाव- शत्रु पक्ष से सावधान होने की जरूरत
कर्क पर चंद्रग्रहण का प्रभाव – संतान पक्ष की चिंता
सिंह पर चंद्रग्रहण का प्रभाव – जमीन, गाड़ी आदि के कामकाज में ध्यान रखें
कन्या पर चंद्रग्रहण का प्रभाव -भाई बहनों से मतभेद हो सकता है। ध्यान रखें
तुला पर चंद्रग्रहण का प्रभाव – वाणी पर नियंत्रण की जरूरत
वृश्चिक पर चंद्रग्रहण का प्रभाव – मन अशांत रह सकता है।
धनु पर चंद्रग्रहण का प्रभाव- आमदनी कम, लेकिन खर्च अधिक
मकर पर चंद्रग्रहण का प्रभाव – आय अच्छी हो सकती है, लेकिन सामाजिक कार्यक्रम में जाने से बचें
कुंभ पर चंद्रग्रहण का प्रभाव – व्यवसाय में उन्नति हो सकती है, लेकिन नौकरीपेशा लोगों को ध्यान रखना जरूरी
मीन पर चंद्रग्रहण का प्रभाव – भाग्य का साथ कमजोर रहेगा।

ऐसे बचें ग्रहण के दुष्प्रभाव से

ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचने के लिए ग्रहण काल में खाना, नहाना, बाहर जाने जैसे काम नहीं करें। ग्रहण काल के दौरान अपने ईष्ट देव के मंत्र का जाप करना चाहिए। आप चंद्रग्रहण पर शिव पंचाक्षर मंत्र का भी जाप कर सकते हैं। खास बात यह है कि शिव पंचाक्षर जाप किसी भी राशि के लोग कर सकते हैं। ग्रहण काल के बाद फल, अनाज, पानी से भरे मटके और कपड़े आदि दान करने से ग्रहण का दुष्प्रभाव समाप्त होता है।

गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम

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