एक नजर
रत्नों की चमक कुछ मामलों में प्राचीन काल से ही रत्नों को बेशकीमती, जादुई और शुभ माना जाता आ रहा है। रत्न एेसी प्राकृतिक संपदा हैं, जिन्होंने राजाओं के साथ-साथ आम आदमी को भी अपनी तरफ आकर्षित किया है। रत्नों का इस्तेमाल सिंहासन, मुकुट और गहनों को सजाने के लिए किया जाता रहा है। अन्य प्रयोजनों के लिए भी रत्नों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया, जैसे कि दवा बनाने, पूजा या अनुष्ठान करने, चाकू या कटर बनाकर कुछ सख्त चीजों को काटने (उसकी प्राकृतिक कठोरता के कारण) आदि के लिए। दुर्लभ रत्नों के फायदे या गुण सदियों से मानवीय जीवन के लिए फायदेमंद रहे हैं, ऐसा नहीं कि आधुनिक युग में हम इनके संदर्भ में कुछ अधिक बढ़ा चढ़ाकर बता रहे हैं। अत्यंत सुंदर और रंगीन होने के अलावा, रत्न जीवन के लिए भी बहुमूल्य हैं एवं उनका शुभत्व भी मानव को अपनी तरफ आकर्षित करता है। ज्योतिष क्षेत्र में रत्नों का इस्तेमाल व्यावहारिक उपचार उपाय के रूप में किया जाता है। ज्योतिष में इसको उत्सुकतापूर्वक धारण करने की सलाह दी जाती है क्योंकि इनके कारण मानव जीवन की बहुत सारी समस्याएं हल हो सकती हैं। ज्योतिष में रत्नों का इतना महत्व क्यों ? रत्न हमारे के लिए हमेशा पहेली क्यों हैं ? क्या सच में रत्न इतने लाभकारी हैं, यदि हां, तो कैसे ? आखिर कैसे होते निर्मित होते हैं रत्न? अपने तमाम सवालों के जवाब जानने के लिए लेख को ध्यानपूर्वक पढ़ें। किंवदंती और रत्न यूरोपीय, विशेष रूप से रोमन साहित्य में रत्नों के संदर्भ में उल्लेख है कि राजा रानियों को इन कीमती पत्थरों से काफी लगाव होता था एवं बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल किया जाता था। एक महान इतिहासकार प्लिनी ने भी रत्नों के संदर्भ में अपने ग्रंथों में तत्कालीन लोकप्रिय विश्वासों के संबंध में विस्तृत ब्यौरा दिया है। ग्रीक पौराणिक कथाओं में माना जाता है कि अंबर जैसे रत्न का निर्माण ग्रीक के र्इश्वर की आंख से गिरे एक आंसू हुआ है। प्राचीन सभ्यताओं में वैदिक, ग्रीक और रोमन समेत अन्य सभ्यताआें का मानना है कि रत्न बहुत सारे रोगों से मानवीय जीवन की रक्षा करते हैं एवं बुरे प्रभावों तथा बुरी आत्माआें से भी रत्न रक्षा करते हैं। भारतीय चिकित्सा विज्ञान आयुर्वेद भी सामान्य कमजोरी दूर करने एवं बहुत सारे रोगों का इलाज करने हेतु पाउडर के रूप में रत्नों का उपयोग करता है। माना जाता है कि रत्नों से प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत किया जा सकता है। रत्न विज्ञान और रत्न के प्रकार तकनीक और वैज्ञानिक की प्रगति ने बहुत सारी समस्याएं हल कर दी हैं एवं आज हमारे पास रत्नों के संदर्भ में विशाल एवं व्यापक जानकारियां उपलब्ध हैं। इसके अलावा कई रत्न और उनके सस्ते विकल्प कृत्रिम रूप से प्रयोगशालाओं में निर्मित किए जा रहे हैं। इन रत्नों को निपुण, पूर्ण एवं खामी रहित बनाने के लिए बहुत सावधानी से काटा जाता है तथा उनको अच्छे तरीके से पाॅलिश किया जाता है। रत्न क्या हैं? यदि रत्नों के संदर्भ में वैज्ञानिक पक्ष से बात करें तो ज्यादातर रत्नों का निर्माण एक जैसी प्राकृतिक स्थिति द्वारा होता है या अन्य चट्टानों और पत्थरों की तरह उनकी कठोरता एवं सघन खनिज जटिलता एक सी होती है। हालांकि, प्राकृतिक पत्थर या क्रिस्टल को एक रत्न के रूप में अर्हता प्राप्त करने के लिए नियमित रूप से आंतरिक संरचना, चिकनी संरचना, चमकदार और बेहतर पारदर्शिता, आकर्षण और एक निश्चित टिंट / रंग / चमक (आमतौर पर) इत्यादि रखना पड़ता है। और, घटना की दुर्लभता चमचमाती सघनता पत्थर को विशेष और बहुकीमती बनाती है। ज्योतिष में रत्नों का महत्व जानने के लिए पढ़ें – जैसे पहले भी बताया गया है कि निश्चित रासायनिक संरचना और एक नियमित रूप से आंतरिक क्रिस्टल संरचना के साथ अधिकतर रत्न प्राकृतिक अकार्बनिक खनिज होते हैं। हालांकि, कुछ बेशकीमती रत्न हैं, जैसे कि मोती एवं अंबर, जो जैविक स्रोत से आते हैं अर्थात पौधों एवं जानवरों से। इसलिए उनको जैविक रत्न के रूप में जाना जाता है। इसलिए तीन प्रकार के प्रमुख रत्न हैं।
रत्न की मुख्य विशेषताएं
क्या आप जानते हैं कि कौन सा रत्न आपके लिए अच्छा है ? यदि नहीं, तो आप अपनी जन्म कुंडली के आधार पर अनुभवी ज्योतिषियों द्वारा व्यक्तिगत रिपोर्ट तैयार करवाएं तथा उपचारात्मक समाधान – व्यक्तिगत जीवन के लिए जानें या हमारे ज्योतिषी से बात कीजिए। |