आखिर क्या है नक्षत्र मृगशीर्ष और उसकी विशेषता

रंगः सिलवर ग्रे
भाग्यशाली अक्षरः व, क

आकाश में हिरण के सिर के आकार का नक्षत्र मृगशीर्ष राशि चक्र का पांचवां सितारा है। इसके अंतर्गत पैदा हुए लोग सुंदर होते हैं और इनके हाथ व पैर लंबे होते हैं। वे प्रतिभाशाली और सैद्धांतिक लोग होते हैं। सादगी अक्सर उनका दूसरा नाम होता है। वे दूसरों के विचारों के प्रति उदार होते हैं लेकिन शायद ही कभी किसी अनजाने विचारों का अनुसरण करते हैं। अधिकांश समय वे सभी चीजों के लिए संदिग्ध होते हैं लेकिन दुर्भाग्य से इन सब सावधानी के बावजूद अक्सर उनको धोखा मिलता हैं। साहस के उनके प्रदर्शन के कार्य के कई रूप गलत हो सकता है। उनमें से ज्यादातर अपने अत्यंत सावधान प्रकृति को छिपाने में काफी सरल होते हैं। उनके जीवन में कई उतार व चढ़ाव का सामना करना पड़ता हैं। ज्यादातर वे अपने जीवन में कुछ विस्तार को अशुभ पाते हैं। इस सितारे की महिलाएं काफी लालची और तेज जबान वाली होती हैं। इस नक्षत्र के जातक का उनके प्रारंभिक जीवन में स्वास्थ्य बेहतर होता है। यद्यपि वे अपने 32 साल की उम्र के बाद कुछ जटिलताओं का विकास कर लेते हैं। अक्सर पेट की तकलीफ उनको परेशान करती है। इस नक्षत्र के अंतर्गत जन्म लेने वाली महिलाओं को मासिक धर्म में परेशानी, मुहांसा और गण्डगल होने का खतरा होता है।इस नक्षत्र के जातक का कैरियर 33 से 50 साल के बीच में काफी संतोषजनक अवधि होती है।

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