चित्रा नक्षत्र - जानें क्या है चित्रा नक्षत्र

रंगः काला
भाग्यशाली अक्षर: प और र

इस नक्षत्र के ईष्ट या पीठासीन देव विश्वकर्मा हैं जो कि देवताओं के शिल्पी माने जाते हैं | इस राशि का चिह्न चमकता हुआ आभुषण हैं | यह रहस्यमय नक्षत्र हैं जो अवसर प्रदान करता हैं | यह माया को प्रदर्शित करता हैं | जो आदमी को भ्रम में डाल देती हैं | यह इस भ्रम से बाहर निकलने की क्षमता भी प्रदान करता हैं | चित्रा नक्षत्र लालित्य, करिश्मा, व्यक्तिगत आकर्षण, विभिन्न रंगों, और नई चीजों के साथ जुड़ा हुआ हैं | इस नक्षत्र के अंतर्गत जन्म लेने वाले लोग ऊर्जावान होते हैं, और जीवन में अपने प्रतीक की तरह चमकते हैं | उत्कृष्ट वार्ताकार होते हैं | इन्हे सुव्यवस्थित बातचीत करने की कला उपहार मिली होती हैं | इन्हे वाद-विवाद में कोई हरा नहीं सकता हैं | चित्रा नक्षत्र में उपस्थित चन्द्रमा किताबों के प्रति प्यार और अध्ययनशीलता की ओर संकेत करता हैं |ये सबके सामने चुप रहते हैं पर निजी जीवन में वाचाल रहते हैं | चूंकि विश्वकर्मा भगवान ने सृष्टि की रचना की हैं | चित्रा नक्षत्र भी रचनात्मकता,कला और यथाक्रम व्यवस्था को दर्शाता हैं | ये य़ह जानते है कि उपयोगिता और सुन्दरता को कैसे जोड़ा जाए | ये संतुलित विचारक और विश्लेषक होते हैं | ये बुद्धिमान और शांतिप्रिय होते हैं | दुख इन्हे मतलबी और धोखेबाज बना देता हैं | ये सहज ज्ञान से युक्तहोते हैं और इनकी एक अलौकिक धारणा होती है और ये प्रबलता से स्थितियों पर काबू पा लेते हैं | क्योंकि ये बहुत पहले ही बातों को समझ लेते हैं | ये लोक मत से ज्यादा अपने अंतर्मन की आवाज और निर्णय को मानते हैं | भले ही ये अपरोपकारी नहीं होते हैं पर इन्हे दुसरो के सुख दुख से भी मतलब नहीं होता हैं | पर इनमें गरीबों के प्रति व्यवहारिक संवेदना होती हैं | अपनी वाचालता के कारण इन्हे पश्चाताप हो सकता हैं | ये दान का उपयोग स्वार्थ सिद्धि में भी कर सकते हैं भले ही ये स्वभाव से स्वार्थी ना हों | इन जातको को अपने सिर और गर्दन का ध्यान रखना चाहिए | व्यावसायिक रुप से ये क़ीमती सामान, कला (संगीत, चित्रकला, लेखन, फोटोग्राफी, डिजाइन,), आभूषण बनाने, निर्माण (इमारतें, फ्रेम), मशीनरी, और निर्माण के कार्य कर सकते हैं |

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