वर्ष 2008 के ओलंपिक कांस्य पदक विजता विजेन्द्र सिंह ने अभी हाल में ही आॅस्ट्रेलिया के केरी होप को हराकर डब्ल्यूबीओ एशिया पैसिफिक सुपर मिडलवेट चैंपियनशिप जीत हासिल की। हरियाणा के इस बाॅक्सर का लालन-पालन हरियाणा के भिवानी जिले में हुआ। काॅलेज के दिनों से ही मुक्केबाजी व कुश्ती का शौक रखने वाले विजेन्द्र अपनी प्रैक्टिस भिवानी बाॅक्सिंग क्लब में करते थे। क्लब के कोच भारतीय बॉक्सिंग कोच गुरबक्श सिंह संधू ने इनकी प्रतिभा को पहचाना और अपनी देख-रेख में इनको मुक्केबाजी के गुर सिखाए। राष्ट्रीय चैंपियनशिप में इन्होंने एक के बाद एक पदक जीते और वर्ष 2004 के एथेंस ओलम्पिक और वर्ष 2006 के राष्ट्रमण्डल खेलों में भी भाग लिया। वर्ष 2006 में दोहा में आयोजित एशियाई खेलों में इन्होंने कांस्य पदक जीता। वहीं वर्ष 2008 में बीजिंग ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में ईक्वाडोर के मुक्केबाज़ कार्लोस गोंगोरा को हराकर ओलंपिक कांस्य पदक हासिल करने वाले प्रथम भारतीय मुक्केबाज बने। वर्ष 2015 में प्रोफेशनल बॉक्सिंग में उतरने की वजह से अब ये आगामी रियो ओलंपिक में भाग लेने के पात्र नहीं हैं। गणेशजी के द्वारा अब हम भारत के होनहार मुक्केबाज़ विजेन्द्र सिंह के भविष्य में झाकने का प्रयास करते हैं।
विजेन्द्र सिंहजन्म दिनः29 अक्टूबर 1985जन्म स्थानः भिवानी, हरियाणा, भारत
विजेन्द्र सिंह की सूर्य कुंडली
![kundli](https://assets.ganeshaspeaks.com/wp-content/uploads/2024/05/Vijdender-Singh-2016-H.jpg)
मुक्केबाज विजेन्द्र सिंह के ग्रहों की स्थिति
भारत के स्टार मुक्केबाज विजेन्द्र सिंह की सूर्य कुंडली को देखकर गणेशजी कहते हैं कि विजेन्द्र के जन्म के समय सूर्य तुला राशि में और चंद्र मेष राशि में विराजमान है। गति, शक्ति और साहस का ग्रह मंगल बुध के साथ राशि परिवर्तन कर रहा है। राहु के साथ चंद्र का संयोजन विजेन्द्र को आक्रामकता, दृढ़ संकल्प और सहज ज्ञान से लैस करता है। मंगल की शुक्र के साथ युति होने के कारण, कुंडली में इनको असीम शक्ति प्राप्त होती है। इसके अतिरिक्त, बृहस्पति की उदार दृष्टि भी द्वादश भाव पर पड़ रही है। बुध के साथ राशि परिवर्तन के कारण इनकी कौशल और क्षमता अत्यधिक तीव्र व निखर हो उठी है।
आगामी माह विजेन्द्र सिंह के सितारेंः
गणेशजी, इनके सुंदर भविष्य की भविष्यवाणी करते हुए कहते हैं कि ये तो केवल इनके उज्जवल भविष्य की शुरूआत मात्र है। 11 अगस्त, 2016 तक का समय इनके लिए काफी भाग्यशाली समय होगा। आगामी वर्षों में ये और भी कारनामें कर सकते हैं। इस अवधि के बाद बृहस्पति का पारगमन इनके जन्मकालीन मंगल व शुक्र के ऊपर से होगा और यह इनके जन्म के बृहस्पति पर भी अपनी दृष्टि डालेगा। इस चरण के दौरान इस उग्र बाॅक्सर के अंदर और भी सकारात्मक परिवर्तन दृष्टिगोचर हो सकते हैं जो इनको लंबे समय में फायदा पहुंचाएंगे। ये अपनी अाक्रामक शक्ति, ताकत और कौशल को परिष्कृत तरीके से एकजुट करने में कामयाब रहेंगे और जरूरत पड़ने पर इसमें अावश्यक सुधार भी करेंगे। आगामी वर्षों में ये महत्वपूर्ण चैम्पियनशिप खिताब जीतकर यश व कीर्ति प्राप्त करेंगे।
गणेशजी को महसूस होता है कि 18 सितंबर, 2016 तक के दरमियान बॉक्सर विजेन्द्र के द्वारा दिए गए बयान लोगों को नाराज कर सकते हैं। जन्मकालीन बुध के ऊपर मंगल के प्रभाव के कारण ये लड़ाकू व संवेदनशील पेश आ सकते हैं। इसे देखते हुए, इनको यह परामर्श दिया जाता है कि मीडिया के साथ बातचीत में अधिक व्यवहार कुशल बनें और सावधान रहें।
गणेशजी की कृपा से,
आदित्य साई
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम