बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन (बीडब्ल्यूएफ) की रैंकिंग में चौथे स्थान पर रहने वाली भारतीय महिला पेशेवर बैडमिंटन खिलाड़ी, बाईस वर्षीय पी. वी. सिंधु (P.V. Sindhu) ने हाल में ही महिलाओं के लिए विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में रजत पदक जीतकर भारत को गौरवान्वित किया। सिंधु ने अपना पहला रजत पदक साल 2016 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में जीता था। पीवी सिंधु एक इंटरनेशनल इवेंट में रजत पदक जीतने वाली साइना नेहवाल के बाद दूसरी भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। पीवी सिंधु की आगामी लाइफ कैसी होगी इसे जानने के लिए गणेशजी द्वारा लिखा गया यह लेख पढ़ते हैं।
पुसरला वेंकट सिंधु
जन्म तिथि: 5 जुलाई 1995
जन्म समय: ज्ञात नहीं
जन्म स्थान: हैदराबाद, तेलंगाना, भारत
पी वी सिंधु की सूर्य कुंडली
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सितारें पी.वी. सिंधु को तीव्र गति प्रदान करेंगे
भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी, पी. वी. सिंधु की जन्मकुण्डली पढ़ने मालूम होता है कि जहां बुध इनकी कुंडली में आत्मकारक है वहीं पराक्रमी मंगल अमात्यकारक की भूमिका निभा रहा है। नवांश कुंडली में यह बुध उच्चस्थ स्थिति को प्राप्त करता है। इसलिए, भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पी वी सिन्धु के भीतर खेल की वांछित गति को बनाए रखने की असाधारण क्षमता मौजूद हैं। कुशलता की दृष्टि से पी.वी. सिंधु भी काफी प्रवीण हैं। कुंडली में ग्रहों का यह विन्यास इनके खेल की पैतरेबाजियों में एक अच्छी पैठ का संकेत दे रहा है। ये अपने हर काम को बड़े ही उत्साह से करती हैं। हर इंसान के प्रोफेशनल प्रयासों का एक मात्र लक्ष्य रुपए-पैसे कमाना होता है। क्या आप बिजनेस में अपने रेवन्यू को बढ़ाने के लिए मार्गदर्शन चाहते हैं? यदि आपका उत्तर ‘हाँ’ में है, तो हमारी निशुल्क 2017 बिजनेस रिपोर्ट प्राप्त करके जीवन में आगे बढें।
हाथों और आँखों के बीच अद्भुत तालमेल का होना सिंधु की सबसे बड़ी संपत्ति
भारतीय महिला शटलर पीवी सिंधू की कुंडली में शुक्र और बुध का परस्पर राशि परिवर्तन करना इनके द्वारा मौके पर ही सटीक प्रतिक्रिया किए जाने तथा हाथों और आँखों के बीच एक शानदार तालमेल को इंगित करता है। अग्नि तत्व वाली सिंह राशि में मंगल का होना पीवी सिंधु को अपने खेल में काफी शक्ति व ऊर्जा को पैदा करने में मदद देता है। ज्योतिष के मुताबिक, इन्हें अपने शॉट्स में सटीकता और स्पीड भी इसी बली प्रभाव के तहत मिलती है। आज हर कोई अपने करियर में विकास चाहता है। यदि आप व्यावसायिक जीवन में सफलता की तलाश में हैं, तो आपकी कुंडली के अनुसार हमारे पास आपकी सफलता के उपाय हैं। 2017 कैरियर रिपोर्ट खरीदें और अपने कैरियर में सुनहरे मार्गदर्शन प्राप्त करें।
देवों के गुरु बृहस्पति ने ही पी.वी. सिंधु को रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने के लिए प्रेरित किया
सूर्य और चंद्रमा दोनों ही बुध की राशि में हैं। दुनियां के सबसे तेज स्पोर्ट्स में सफलता प्राप्त करने की दृष्टि से इस ग्रहीय संयोजन का निर्माण होना एक अच्छी बात कहीं जाएगी। अन्य अच्छी बात यह है कि बृहस्पति और शनि के अनुकूल पारगमन ने इन्हें वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में रजत पदक दिलाकर इनके आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद की है।
शटलर पी.वी. सिंधु के लिए एक और सफल वर्ष साबित होगा साल 2018
तुला राशि में गुरु का गोचर पीवी सिंधु के लिए अनुकूल रहेगा। इसलिए, करियर के लिहाज से इनके लिए यह एक उज्ज्वल अवधि कहीं जाएगी। कुंडली के अनुसार इनके परफॉरमेंस में भी काफी सुधार आने की संभावना है। वर्ष 2018 के दौरान भी प्रमुख टूर्नामेंटों में पदक जीतने के चांसेस को देखते हुए यह तो वाजिब है कि इससे भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु की बीडब्ल्यूएफ की विश्व रैंकिंग में भी निश्चित तौर पर सुधार होगा। हालांकि, एक खतरा यह है कि शनि गोचर के दौरान इनकी प्रगति को अवरुद्ध कर सकता है। इसलिए, आगामी वर्ष में प्रतिस्पर्धी प्रदर्शन दिखाए जाने के बावजूद भी पी.वी. सिंधु के लिए नंबर 1 रैंक पर पहुंचना मुश्किल रहेगा।
सिंधु को अपनी हेल्थ और फिटनेस की देखभाल करनी होगी
शनि भ्रमण के दौरान भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पी.वी. सिंधु के लिए थोड़ी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं खड़ी हो सकती है। इसे देखते हुए भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी सिंधु को अपने आपको इस दौरान खूब चुस्त-दुरुस्त रखने की आवश्यकता होगी। वर्ष 2018 के मध्य के दौरान तो खास। खैर जो भी, गणेश जी को विश्वास है कि पी. वी. सिंधु का कैरियर ग्राफ भविष्य में आगे भी बढ़ता रहेगा।
गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
तन्मय के ठाकर
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम
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