ज्योतिषीय विवेचना: आख़िर किन ग्रहों की चाल की वजह से उद्वव बाला साहब ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं?

वैदिक ज्योतिष के अनुसार किसी जातक की जन्म कुंडली, महादशा, ग्रह-नक्षत्र की चाल और उनमें बन रहे योग संयोग के आधार पर जातक के भूतकाल, भविष्य काल और वर्तमान काल की परिस्थितियों का सटीक अंदाजा लगया जा सकता है। जन्म कुंडली के आधार पर किसी भी जातक के शरीर, धन-कुटुंब, विद्या-संतान, शत्रु, आयुष्य और पद-प्रतिष्ठा की भविष्यवाणी की जा सकती है। हाल के दिनों में देश की राजनीति में एक नए धु्रव की तरह जन्मे महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट ने प्रदेश के कुछ नेताओं को देश की राजनीति में ख्याती के शिखर पर पहुंचा दिया। दिनों-दिन बढ़ती इस ख्याती के बीच शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे एक ऐसा चेहरा रहे जिनके नाम पर धुर विरोधी विचार धाराओं ने भी एक होने पर सहमति जताई। महाराष्ट्र के राजनीतिक भूचाल से देश और प्रदेश को न सिर्फ एक नया राजनीतिक चेहरा मिला बल्कि एक नए राजनीतिक प्रयोग की भी शुरूआत हुई। इस पूरे घटनाक्रम में उद्धव ठाकरे किसी नायक की तरह हर वर्ग और पार्टी की पसंद बनकर उभरे। मौजूदा समय में मिल रही इस ख्याती के पीछे जहां एक तरफ उद्धव का राजनीतिक कौशल और कड़ी मेहनत है, वहीं दूसरी ओर उद्धव के ग्रह नक्षत्र और सितारे भी उनके समर्थन में नजर आते है। गणेशा स्पीक्स की टीम ने जब उद्धव ठाकरे की सूर्य कुंडली का गहन अध्यन किया तो कुछ ऐसे तथ्य उभर कर सामने आये जो न सिर्फ आज की परिस्थितियों से मेल खाते है बल्कि आने वाले वाले समय को भी इंगित करते है। आइए जानते है क्या कहते है महाराष्ट्र के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सितारे?


उद्धव ठाकरे की सुर्य कुंडली

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महाराष्ट्र का मौजूदा घटनाक्रम और उद्धव ठाकरे

26 नवंबर 2019 को राज्यपाल द्वारा जारी आदेश में उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र विकास अघाडी के चयनित नेता के रूप में महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री नियुक्त कर दिया गया। इससे पहले मुंबई के एक पांच सितारा होटल में एनसीपी चीफ़ शरद पवार की मौजूदगी में कांग्रेस विधायक दल के नेता बाला साहब थोरात ने विधायकों की संयुक्त बैठक में महा विकास अघाडी के नेता के रूप में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का नाम आगे बढ़ाया। उनके प्रस्ताव पर सभी पक्षों में सहमति बनी और प्रदेश को पहला ठाकरे मुख्यमंत्री उद्धव के रूप में मिला। हालांकि एक महीने लंबे चले खींच-तान भरे तमाम मुश्किल दौर के बावजूद उद्धव ठाकरे ने वह सफलता हासिल कर ही ली जिसके लिए उन्होंने अपने पिता बाला साहब ठाकरे के जमाने से चले आ रहे भाजपा-शिवसेना गठबंधन की भी बली दे दी। उद्धव के शब्दों में कहें तो उनकी राह में काँटे और कीलें बिछाने का काम किया गया, हालांकि उन्होंने अपने और अपने नए सहयोगियों के सहयोग से उस वादे को पूरा कर ही दिया जो उन्होंने अपने दिवंगत पिता बाला साहब ठाकरे से किया था। लेकिन मुख्यमंत्री के पद पर पहुंचने तक की इस दौड़ में उद्धव को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से उनके ग्रह नक्षत्रों का भी सहयोग मिलता रहा। उद्धव की सूर्य कुंडली देखने के बाद उनके मुख्यमंत्री बनने की राह में आई अड़चनों को भी आसानी से समझा जा सकता है। ऐसा हम इसलिए भी कह सकते है, क्योंकि उद्धव ठाकरे की कुंडली में उन्हे उच्च पद और प्रतिष्ठा मिलने के सारे योग नजर आ रहे है।


कुंडली में छुपे पद-प्रतिष्ठा, मान-सम्मान के योग

27 जुलाई 1960 को जन्मे पूर्व दिग्गज बाला साहब ठाकरे के सबसे छोटे पुत्र और उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी उद्धव ठाकरे की सूर्य कुंडली का गहन अध्ययन करने के बाद पता चलता है कि ठाकरे अपने जन्म के साथ ही अपने लिए राजनीतिक सफलता, पद-प्रतिष्ठा और मान-सम्मान लिखा कर लाए हैं। कुंडली के सबसे महत्वपूर्ण दशम भाव को राजनीति का कारक माना जाता है। ठाकरे की कुंडली पर नजर दौड़ाने पर पता चलता है कि उनके दसम भाव का स्वामी मंगल लाभ स्थान के ग्यारहवें भाव में बैठा है जो जातक को अपने कर्मों के दम पर प्रसिद्धि और सफलता दिलाता है। ऐसे जातक राजनीति और समाज सेवा के क्षेत्र में ख्याती पाते है और उच्च पद-प्रतिष्ठा प्राप्त करते हैं। लेकिन प्रथम भाव का स्वामी चंद्र कुंडली के दूसरे भाव स्थान में राहु के साथ बैठा है जो आत्मविश्वास की कमी और राजनीतिक जीवन में कठिनाईयां खड़ी करता है। कुंडली के दूसरे भाव में चंद्र और राहु की मौजूदगी मन का चैन छीनने के साथ ही जीवन के सुनहरे क्षणों का आनंद उठाने में बाधा पहुंचाने का काम करती है। ऐसी स्थिति में जातक बार-बार निर्णय बदलता है, गलत-फहमी और लोगों की धोखाधड़ी का आसानी से शिकार होता है। कुंडली में नजर आते इन संकेतों पर हाल के दिनों का राजनीतिक घटनाक्रम मुहर लगाने का कार्य करता है।


शत्रु भाव में विरूद्ध जाते ग्रह, लेकिन मंगल के गोचर से मिलेगा लाभ

कुंडली का छठा भाव खुले और छिपे शत्रुओं से संबंध रखता है। जातक की कुंडली के छठे भाव में गुरू-शनि और केतु का गोचर होने वाला है जो विरोधियों द्वारा परेशानी उत्पन्न करने का सूचक है। कुंडली के इस भाव में इन ग्रहों का गोचर राजनीतिक सफलता प्राप्त करने की ओर आगे बढ़ते जातक की राह में विरोधियों द्वारा गतिरोध उत्पन्न करने की ओर इशारा करता है। इस दौरान जातक को सफलता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। इन गोचर ग्रहों के प्रभाव के दौरान अपने विरोधियों को कमजोर समझना बड़ी भूल हो सकती है। लेकिन उद्धव ठाकरे की सूर्य कुंडली की विवेचना के दौरान एक और महत्वपूर्ण ग्रह गोचर पर नजर पड़ती है जो दिसंबर के अंतिम दिनों में होने वाला है। इस दौरान मंगल ग्रह परिवर्तन कर पंचम भाव में गोरच करेगा यह ग्रह परिवर्तन जातक को कुछ बड़े और सकारात्मक निर्णय लेने के लिए प्रेरित करेगा। इस ग्रह गोरच स्थिति के दौरान जातक सकारात्मक परिवर्तनशील ऊर्जा से संचालित होगा और सफल निर्णयों से उच्च स्थान प्राप्त कर सकता है।

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गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम



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