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सोनिया के लिए और भी मुश्किलें खड़ी कर सकता है, सितंबर-2016के पूर्व मंगल, शनि और राहु के द्वारा चलाया गया संयुक्त अभियान

सोनिया के लिए और भी मुश्किलें खड़ी कर सकता है

सोनिया गांधी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्रमुख हैं। ये पू्र्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की विधवा पत्नी हैं, जिन्हें इनकी मृत्यु के बाद कांग्रेस की बागडोर को संभाला और कांग्रेस को मजबूत किया। वर्ष 1991 में इन्होंने बेल्लारी, कर्नाटक, अमेठी और उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। सबसे बड़ी चुनौती तो तब आयी जब राजग द्वारा चुनाव कराने का निर्णय लेने पर इन्होंने चुनौती को स्वीकार कर कांग्रेस को शानदार जीत दिलायी। वर्तमान में सोनिया गांधी रायबरेली, उत्तरप्रदेश से सांसद हैं और इसके साथ ही वे न सिर्फ़ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, बल्कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की अध्यक्ष भी है। इनकी इन्हीं खूबियों के चलते ‘फोर्ब्स’ पत्रिका ने दुनिया की ताकतवर महिलाओं की सूची में छठे नंबर पर रखा है। आज अगस्ता वेस्ट लैंड मामले को लेकर संसद के अंदर और बाहर संग्राम छिड़ा हुआ है, जिसका कारण यह बताया जा रहा है कि वर्ष 15 मार्च 2008 में इतालवी कोर्ट में रखे गए एक नोट में वीआईपी चॉपर ख़रीद के पीछे सोनिया गांधी की ओर इशारा किया गया था। कांग्रेस के कई कद्दावर नेताओं पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। आइए, इस लेख के द्वारा यह जानने का प्रयत्न करते है कि गणेशजी का इस शीर्ष नेता के विषय में क्या कहना है।

सोनिया गांधी
जन्म तिथि: 9 दिसंबर, 1946
जन्म समय: 21:30 बजे
जन्म स्थान: लूसियाना, इटली

जन्म कुंडली
kundali

सोनिया गांधी और सितारे – गणेशजी बताते है कि कौन-कौन सी समस्याए पैदा हो सकती है और आगामी महीने में क्या-क्या हो सकता है…

सोनिया गांधी का जन्म कर्क लग्न के अंतर्गत हुआ था। इस समय ये केतु महादशा और राहु की अंतर्दशा से प्रभावित हैं। यह अवधि इनके लिए काफी कष्टकारी होगी, क्योंकि राहु बाधक स्थान पर स्थित है जो अवरोधों, कानूनी बाधाओं और मानसिक शांति की ओर इंगित कर रहा है। इस कालावधि में इनको विवादों में घसीटा जा सकता है। इनके नेतृत्व और रणनीतिक कौशल को अग्नि परीक्षा में से होकर गुजरना पड़ेगा।

इसके अतिरिक्त, पंचम भाव में केतु सूर्य के साथ विराजमान है। इनकी कुंडली में सूर्य मारक है तथा इसकी केतु के साथ युति कोई अच्छा संकेत नहीं दे रही। इस प्रकार केतु की ये 7 साल की अवधि जो वर्ष2019 तक चलेगी, इनके लिए पूरी तरह से सकारात्मक नहीं होगी। चूंकि सूर्य नीच केतु के साथ संबद्ध है, इनकी मुसीबतें और बढ़ सकती हैं।

मारक ग्रह सूर्य की दृष्टि 11वें भाव पर भी पड़ रही है, जो कानूनी मुद्दों और स्वास्थ्य समस्याओं की ओर ध्यान दिला रहा है। इससे यह पता चलता है कि काफी संघर्षों से भरा समय होगा और सोनिया को अपनी छवि बनाए रखने के लिए विशेष प्रयत्न करने होंगे।

काफी लंबे समय तक वृश्चिक राशि में मंगल के साथ शनि का रहना भी इनके लिए तनावपूर्ण रहेगा। यहां यह बात उल्लेखनीय है कि जून और अगस्त तक क्रमशः मंगल और शनि प्रतिगामी गति रहेंगे। इस वजह से हालात काफी अप्रिय व भयावह हो सकते हैं।

घोटालों की काली छाया इनका जीना हराम कर सकती है। हालांकि, ये 10 अगस्त, 2016 से बृहस्पति के सुरक्षात्मक प्रभाव में रहेंगी। सोनिया गांधी की कुंडली के चतुर्थ भाव में बृहस्पति एक प्रकार का उत्कृष्ट संयोजन बना रहा है, जो इन्हें असाधारण शक्ति प्रदान करता है। इस प्रकार से यह समय बेहतर ढंग से गंभीर आरोपों को निपटाने में इनकी सहायता करेगा और ये कुछ चैन की सांस ले सकेंगी।

बहरहाल, आज कांग्रेस अब तक के सबसे कठिन दौर में से होकर गुजर रही है। सोनिया गांधी ने बड़ी हिम्मत से पार्टी की कमान हाथ में ले रखी है। पांच विधानसभाओं के चुनाव परिणाम कांग्रेस की दिशा और दशा को तय कर पार्टी का भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं।

गणेशजी के आशीर्वाद सहित
तन्मय के. ठाकर
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम

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