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दूसरे चरण में ही हो जायेगा झारखण्ड विधानसभा चुनाव 2019 का फैसला, होंगे सबसे रोचक, रोमांचक मुकाबले

दूसरे चरण में ही हो जायेगा झारखण्ड विधानसभा चुनाव 2019 का फैसला

पांच चरणों में होने वाले चुनावों में से दूसरे चरण का मतदान सबसे महत्त्वपूर्ण रहेगा। इस दौरान प्रदेश का सबसे दिलचस्प चुनावी मुकाबला होगा। प्रदेश के ज़्यादातर बड़े बड़े नेताओं के भाग्य का फैसला इसी चरण में होगा। 20 में से 13 विधानसभा सीटें कोल्हान की होने के कारण हार-जीत का फैसला मुख्यमंत्री रघुवर दास और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा की प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। ऐसा कहा जाता है कि जिसने कोल्हान जीत लिया मतलब सरकार उसकी। मुख्यमंत्री रघुवर दास खुद जमशेदपुर पूर्व से उम्मीदवार हैं। तो वहीं केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के ऊपर खूंटी से सांसद होने और खरसावां से कई बार प्रतिनिधित्व करने के कारण वहां भाजपा उम्मीदवारों को जीतने की पूरी ज़िम्मेदारी उन्हीं की है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा के चक्रधरपुर से प्रत्याशी होने के कारण वहां में भी चुनावी मुकाबला रोचक हो गया है।

इसके अलावा तीन अन्य मंत्रियों सरयू राय, नीलकंर्ठ सिंह मुंडा, रामचंद्र सहिस और स्पीकर दिनेश उरांव की अगली पारी का फैसला भी दूसरे चरण में ही हो जायेगा। सरयू राय जमशेदपुर पश्चिम, नीलकंर्ठ सिंह मुंडा खूंटी और दिनेश उरांव सिसई से भाजपा ने अभी तक उम्मीदवारों को टिकट नहीं दिया है। इस कारण इन तीनों दिग्ग़जों की सांस टिकट आस में ऊपर नीचे हो रही है। ऑल झारखण्ड स्टूडेंट यूनियन के टिकट पर जुगसलाई से जल संसाधन मंत्री रामचंद्र सहिस की उम्मीदवारी तय मानी जा रही है। इन्हीं सूरमाओं में एक नाम पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा का भी है। जिनकी साख भी दाँव पर लगी है। मझगांव और जगन्नाथपुर, मधु कोड़ा के प्रभाव क्षेत्र माने जाते हैं। उनकी पत्नी गीता कोड़ा भी अभी सिंहभूम से कांग्रेस सांसद है। इसलिए जगन्नाथपुर और मझगांव सीटों से कांग्रेसी उम्मीदवारों को जीत दिलाना कोड़ा दंपति के वजूद का सवाल रहेगा।

दिनेशानंद गोस्वामी और प्रदीप बलमुचू को पार्टी ने टिकट नहीं दिया

गठबंधन के तहत घाटशिला की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप बलमुचू की कांग्रेस सीट झामुमो के खाते में चली गई है। जिससे नाराज़ होकर बलमुचू बाग़ी हो गए हैं। वैसे तो बलमुचू झाविमो या आजसू से टिकट की उम्मीद लगाए बैठे हैं। लेकिन किसी भी पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी भी की है। भाजपा ने भी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिनेशानंद गोस्वामी का बहरागोड़ा से पत्ता काट दिया। भाजपा ने यहां झामुमो से दल बदल कर आए विधायक कुणाल षाड़ंगी को टिकट दिया है। पूर्व में कुणाल षाड़ंगी के पिता दिनेश षाड़ंगी यहां से भाजपा के टिकट पर विधायक रह चुके हैं।

पूर्व मंत्रियों की मिनिस्ट्री भी रहेगी दाँव पर

चुनावों के दूसरे चरण में ही कभी झारखंड सरकार में मंत्री रहे सात नेताओं की मिनिस्ट्री भी दांव रहेगी। झामुमो पार्टी के पूर्व मंत्री चंपई सोरेन सरायकेला सीट पर विधायक हैं। उन्होंने चुनावी अभियान शुरू कर दिया है। कभी तमाड़ से विधायक रहे पूर्व मंत्री राजा पीटर जेल में बंद हैं। वे जेल में रहते हुए ही चुनाव लड़ेंगे। इसके अलावा शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव सिसई से, कृषि मंत्री बन्ना गुप्ता जमशेदपुर पश्चिम से, पूर्व शिक्षा मंत्री बंधु तिर्की मांडर से, विधि मंत्री देव कुमार धान मांडर से और पूर्व मंत्री दुलाल भुईंया जुगसलाई से चुनाव लड़ने वाले हैं।

प्रदेश की कौन-सी विधानसभा सीट पर होने वाला है बड़ा मुकाबला

जुगसलाई विधानसभा
आजसू के टिकट पर राज्य सरकार में मंत्री रामचंद्र सहिस यहां से विधायक हैं। जो भाजपा-आजसू गठबंधन में से मैदान में उतरने की उम्मीद में है। जिनका का मुकाबला पूर्व मंत्री दुलाल भुईंया से हो सकता है। भुईंया यहां से तीन बार विधायक रहे हैं। वे 2009 और 2014 का चुनाव हार गए। अभी वे झामुमो के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।

मांडर विधानसभा
मांडर विधानसभा से दो पूर्व मंत्री बंधु तिर्की और देव कुमार धान एक साथ चुनाव में उतर सकते हैं। वहीं भाजपा, विधायक गंगोत्री कुजूर को फिर से टिकट देने की तैयारी में है। विपक्षी गठबंधन भी कोई दमदार प्रत्याशी खोज रहा है। कई बड़े चेहरों के इस सीट से चुनाव लड़ने की संभावना के चलते ये सीट जनता के बीच में अभूत अधिक चर्चा का कारण हो रही है।

जमशेदपुर पूर्व विधानसभा
वर्तमान मुख्यमंत्री और अगले मुख्यमंत्री पद के भी प्रबल दावेदार मने जा रहे रघुवर दास भी एक बार फिर दूसरी बार प्रदेश की कमान अपने हाथों में लेने के लिए तैयार हैं। अतः झारखण्ड विधानसभा चुनाव 2019 के तहत इस सीट के चुनाव परिणाम को लेकर प्रदेश भर में ही नहीं पुरे देश में उत्सुकता का माहौल है।

जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा
तत्कालीन मंत्री सरयू राय की टिकट और सांस दोनों रुकी हुयी हैं। 2014 में भी उनके सामने चुनाव लड़ने वाले बन्ना गुप्ता एक बार फिर से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। संभावना जताई जा रही है कि बन्ना गुप्ता, भाजपा में शामिल होने की चर्चा हो रही है।

तमाड़ विधानसभा
ऑल झारखण्ड स्टूडेंट्स यूनियन के टिकट पर विधायक रहे विकास मुंडा हाल ही में झारखण्ड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो गए हैं। जिनका सामना इस बार जेल में पूर्व मंत्री गोपाल कृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर या उनके किसी नज़दीकी से हो सकता है। भाजपा भी यहां से मजबूत उम्मीदवार की तलाश में है।

कोलेबिरा विधानसभा
इन विधानसभा क्षेत्र में ईसाई समुदाय के मतदाताओं की संख्या अधिक है। इसलिए इस सीट पर चुनाव लड़ना भाजपा के लिए बहुत कठिन होगा। कई बार विधायक रहे झापा के एनोस एक्का अभी जेल में हैं। उप चुनाव में कांग्रेस के नमन विक्सल कोंगारी यहां से चुनाव जीते। वहीं भाजपा अपनी ओर से मजबूत उम्मीदवार ढूंढ रही है।

गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम

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