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गोचर के मंगल की मदद से असदुद्दीन ओवैसी अन्य राज्यों में भी अपनी पार्टी की स्थिति को मजबूत करेंगे…

गोचर के मंगल की मदद से असदुद्दीन ओवैसी अन्य राज्यों में भी अपनी पार्टी की स्थिति को मजबूत करेंगे

….मंगल-बुध विन्यास के कारण इनकी राजनीतिक शक्ति भड़काऊ भाषणों व इससे व्याप्त सनसनी पर आधारित होगी।

असदुद्दीन ओवैसी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एइएमइएम) के अध्यक्ष हैं। एइएमइएम पार्टी की शुरूअात लगभग 83 साल पहले एक धार्मिक व सामाजिक संस्था के रूप में हुई। पर आज यह देश की एक एेसी राजनैतिक शक्ति बन गई है, जिसे समस्त भारत के मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधि के रूप में देखा जा रहा है। इनके छोटे भाई अकबरुद्दीन ओवैसी विधान सभा में पार्टी के नेता हैं। वर्तमान में, असदुद्दीन लोकसभा में हैदराबाद संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं। असदुद्दीन ओवैसी ज्यादातर अपने सनसनीखेज व विवादास्पद बयानों के चलते हमेशा चर्चा में रहते हैं। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर महाराष्ट्र की एक सार्वजनिक रैली में दिए गए इनके एक बयान ने फिर से ताजा विवाद को जन्म दे दिया है। यह वक्तव्य इन्होंने स्लोगन ‘भारत माता की जय’ को लेकर दिया था। क्या असदुद्दीन अन्य राज्यों में अपनी पार्टी का विस्तार कर सकेंगे?कैसे इन्हें राजनैतिक रूप से कामयाबी मिलेगी? चलिए देखते हैं कि इस प्रभावशाली राजनीतिज्ञ के बारे में इनके ग्रहों का क्या कहना है-

असदुद्दीन ओवैसी
जन्म दिनः 13 वीं मई, 1969
जन्म समयःअज्ञात
जन्म स्थानः हैदराबाद, तेलंगाना, भारत

सूर्य कुंडली

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[ओवैसी के विश्वसनीय जन्म समय की अनुपलब्धता के कारण, इनकी सूर्य कुंडली का विश्लेषण और भविष्यवाणी जन्म तारीख और जन्म स्थान की मदद से तैयार किया गया है।]

एइएमइएम अध्यक्ष की सूर्य कुंडली

सूर्य-शनि की मेष राशि में युतिः
गणेशजी देख रहे हैं कि एइएमइएम अध्यक्ष, असदुद्दीन ओवैसी की कुंडली के मेष राषि में सूर्य व शनि की युति है। यह राशि मंगल द्वारा शासित है। सूर्य और शनि की परस्पर विरोधी प्रवृत्तियां हैं जो एक दूसरे के प्रतिकूल हैं। जिन जातकों की कुंडली में यह संयोजन होता है, एेसे जातक अत्यंत परिश्रमी होते हैं। बाप-दादाओं की बदौलत इनकी महत्वाकांक्षा में वृद्धि होती है। सांसारिक मामलों के प्रति इनमें गहरी समझ रहती है। ये अपने आपको व्यक्त करने में सक्षम होते हैं, जिससे इनके अंदर दृढ़ता अाती है। यह युति इन्हें कर्तव्यपरायण, गजब की शक्ति और कड़ी मेंहनत के साथ प्रयास करने योग्य बनाती है। असदुद्दीन ओवैसी अपने संगठन को प्रभावी, मजबूती व कुशलता से नियंत्रित करने में सक्षम रहेंगे तथा लक्ष्य के प्रति केन्द्रित रह कर आगे बढ़ेंगे।

उग्र भाषणः
असदुद्दीन ओवैसी की जन्म कुंडली में मंगल वक्री है और इसकी दृष्टि बुध पर पड़ रही है। इनके अंदर आत्मसम्मान की तीव्र भीवना है। ये अपने विरोधियों की खुलकर अालोचना करते हैं, जैसा कि इनके भाषणों से भी प्रतिबिंबित होता है।

दृढ़ विश्वास:
ओवैसी की कुंडली में गुरू व केतु की युति है। केतु के साथ वक्री गुरू की युति यह इंगित करती है कि इनका धर्म में अटूट विश्वास है व काफी ज्ञानी हैं। इनके दार्शनिक विचार होंगे। चूंकि गुरू वक्री है, इस कारण इनके कार्य, व्याख्यान और बयान सदा विवादास्पद रूप अख्तियार किए हुए होंगे।

वर्तमान परिदृश्य:

“भारत माता की जय” विवाद:
गणेशजी का कहना है कि अोवैसी ने जिस दिन अपना विवादास्पद नारा दिया, उस दिन चंद्र, मंगल व शनि की प्रतियुति में पारगमन कर रहा था। अन्य महत्वपूर्ण ग्रह जैसे कि बुध(संचार व संपर्क), सूर्य और शुक्र ये तीनों नीच केतु के साथ युति में थे। इस प्रकार इन नकारात्मक ग्रहों के प्रभाव ने एक नया विवाद पैदा किया।

मंगल पार्टी का अाधार मजबूत करने की इच्छा शक्ति प्रदान कर रहा है।
वर्तमान में गोचर का मंगल इनके जन्म के मंगल पर से गुजर रहा है। ये भारतीय राजनीति में अपने आधार को मजबूत करने के लिए निर्णायक कदम उठाएंगे और परिणाम प्राप्ति हेतु कड़ी मेहनत करेंगे। अाक्रामक तरीके से अपने विचारों को प्रस्तुत कर, ये अपने पार्टी के सदस्यों व कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा स्वरूप सिद्ध होंगे, जिससे इनकी पार्टी और इससे जुड़े लोगों को बल मिलेगा।

नए उत्साह के साथ कार्य करना:
अपनी पार्टी का नेतृत्व और ज्यादा अाक्रामकता व उत्साह के साथ काम करने की अावश्यकता को ओवैसी महसूस करेंगे व हर संभव कोशिशें करेंगे। पारगमन करते हुए शनि के 8वें भाव में जन्म के सूर्य व शनि के ऊपर से भ्रमण करने के कारण इनके कार्य स्वभावतः टकराव की स्थिति उत्पन्न करेंगे।

समाज के विभिन्न वर्गों से समर्थन जुटाने की कोशिशें…
पारगमन करते हुए गुरू की दृष्टि जन्म के सूर्य और शनि पर पड़ रही है। असदुद्दीन को समाज के उन सभी हलकों से समर्थन हासिल होगा जो इनकी विचारधारा और कार्यप्रणाली में विश्वास रखते हैं। इस कारण अगस्त, 2016 के मध्य तक अोवैसी सुर्खियों में बने रहेंगे।

महत्वपूर्ण चरण:
11 अगस्त, 2016 तारीख के बाद पारगमन करता हुआ गुरू जन्म के गुरू के ऊपर से गतिमान होगा। इसकी दृष्टि जन्म के शुक्र पर भी पड़ेगी जो उच्च का है। इस कारण से अोवैसी अपनी पार्टी की विस्तार दक्षिणी राज्यों से परे करने में सफल रहेंगे। हालांकि, पारगमन करते हुए शनि का वृश्चिक राशि के ऊपर से परिभ्रमण करने के कारण इनकी प्रगति बाधित हो सकती है। गणेशजी को लगता है कि अागामी सालों में असदुद्दीन ओवैसी भारतीय राजनीति में एक प्रभावशाली मुस्लिम नेता के रूप में उभर के सामने अाएंगे।

गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम

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