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श्रीकृष्ण जन्मोत्सव 2025: गणेशजी बताते हैं पूजन विधि, भोग और तिथि का रहस्य

श्री कृष्ण जन्माष्टमी 2025 कब है?

गणेशजी कहते हैं: जिस रात श्रीकृष्ण जन्मे, वह सिर्फ रात नहीं थी, वह धर्म की पुनर्स्थापना का आरंभ था। 2025 की जन्माष्टमी, जो 15 और 16 अगस्त को मनाई जाएगी, श्रद्धा, कथा और उपासना का विशेष अवसर है।

हालाँकि अष्टमी तिथि की शुरुआत 15 अगस्त शाम से हो रही है, लेकिन कई प्रमुख मंदिर जैसे कि गुजरात के द्वारका स्थित निज मंदिर में 16 अगस्त 2025 को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा।

गणेशजी कहते हैं: “जब बात श्रद्धा की हो, तो पंचांग से ज्यादा आपके मंदिर और गुरुओं का मत मान्य होता है।”


हम श्रीकृष्ण जन्माष्टमी क्यों मनाते हैं? गणेशजी सुनाते हैं श्रीकृष्ण जन्म की कथा

भविष्यवाणी ने कहा था कि देवकी का आठवां पुत्र कंस का वध करेगा। यह सुनते ही कंस ने अपनी बहन और उसके पति वसुदेव को बंदीगृह में डाल दिया। उसने उनके एक-एक करके छह पुत्रों की हत्या कर दी। सातवां गर्भ बलराम के रूप में रोहिणी के गर्भ में स्थानांतरित कर दिया गया।

आठवें गर्भ से जन्मे कृष्ण के जन्म के समय चमत्कार हुआ—कारागृह के दरवाज़े खुल गए, सैनिक सो गए, और वसुदेव को आदेश मिला कि वे नवजात शिशु को गोकुल पहुंचा दें।

रात के अंधकार में, यमुना नदी पार करते हुए, शेषनाग की छत्रछाया में, वसुदेव ने कृष्ण को यशोदा के पास छोड़ दिया और उसकी नवजात कन्या को वापस ले आए। जब कंस ने कन्या को मारना चाहा, तो वह आकाश में उड़कर बोली—“तेरा विनाश हो चुका है!”

गणेशजी कहते हैं: “कृष्ण का जन्म केवल एक शिशु का आगमन नहीं था, वह अधर्म पर धर्म की विजय की घोषणा थी।”


श्रीकृष्ण का आशीर्वाद पाने के लिए मंत्र – गणेशजी की सलाह

गणेशजी सुझाव देते हैं कि जन्माष्टमी के दिन इस दिव्य मंत्र का जाप अवश्य करें:

“कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने |
प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः ||”

अर्थ:
“वासुदेव पुत्र परमात्मा, श्रीकृष्ण को, और समस्त क्लेशों का नाश करने वाले गोविंद को बारंबार नमन।”

यह मंत्र शांति, सौभाग्य और मानसिक संतुलन देता है।

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घर में कैसे मनाएं जन्माष्टमी – गणेशजी के सरल और पवित्र उपाय

आप मंदिर नहीं जा सकते तो क्या हुआ? गणेशजी कहते हैं, “यदि आपका मन श्रद्धा से भरा है, तो श्रीकृष्ण आपके घर में अवतरित होते हैं।”

घर और पूजा स्थान की सफाई करें:

साफ-सुथरा स्थान चुनें, जहां बाल गोपाल की स्थापना हो। पीले वस्त्र पहनाएं, मोरपंख, फूल और तिलक से सजाएं।

झूला सजाएं:

छोटे कृष्णजी को झूले या पालने में रखें। उन्हें हल्के से झुलाएं और भजन-कीर्तन करें।

आधी रात को आरती करें:

घी का दीपक, शंख, घंटी और अगरबत्ती से श्रीकृष्ण की आरती करें। भगवद गीता के श्लोक पढ़ें।

उपवास रखें:

गणेशजी की सलाह है कि अष्टमी तक उपवास करें। फलाहार, दूध और सात्विक भोजन ही ग्रहण करें।


कृष्ण को क्या भोग लगाएं? गणेशजी की भक्ति से भरपूर सूची

बाल गोपाल को सरल और मीठा भोग प्रिय होता है। यहाँ कुछ खास भोगों की सूची है:

भोगविशेषता
माखनश्रीकृष्ण का सबसे प्रिय
मिश्रीपवित्र और मीठा
दहीशीतल और सात्विक
पंचामृतदूध, दही, घी, शहद, चीनी का मिश्रण
खीरपूजा के लिए दिव्य भोजन
तुलसी पत्रश्रीकृष्ण को अत्यंत प्रिय
छप्पन भोग (यदि संभव हो)56 प्रकार के पकवान, संपूर्ण भक्ति का प्रतीक

गणेशजी कहते हैं: “भोग में भाव सबसे अधिक आवश्यक है। एक चुटकी माखन भी यदि भक्ति से दी जाए, तो वह श्रीकृष्ण को प्रिय होती है।”


2025 में कब मनाएं जन्माष्टमी? गणेशजी का मार्गदर्शन

2025 में अष्टमी तिथि की शुरुआत 15 अगस्त की शाम से हो रही है और 16 अगस्त रात 10:00 बजे के आसपास समाप्त हो रही है।

इसलिए:

  • कुछ मंदिर और भक्तजन 15 अगस्त की रात को ही जन्मोत्सव मनाएंगे।
  • जबकि द्वारका जैसे प्रमुख मंदिर 16 अगस्त को परंपरा अनुसार श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाएंगे।

गणेशजी सुझाव देते हैं:
“आपके स्थानीय मंदिर के पुजारी या गुरु की सलाह का पालन करें। तिथि बदल सकती है, पर भक्ति अटल होनी चाहिए।”


गणेशजी का अंतिम आशीर्वाद: श्रीकृष्ण जन्में आपके अंतर्मन में भी

जब आप दीप जलाएं और नन्हें बाल गोपाल को झुलाएं, तो यह भी संकल्प लें कि आप अपने भीतर भी धर्म, प्रेम और माधुर्य को जन्म देंगे।

गणेशजी कहते हैं: “इस जन्माष्टमी पर सिर्फ श्रीकृष्ण का जन्म न मनाएं, अपने भीतर के अधर्म का अंत और सच्चे धर्म का आरंभ करें।

GaneshaSpeaks.com की ओर से आप सभी को शुभ श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2025!