गणेशजी कहते हैं कि महा नवमी 2025 इस बार बुधवार, 1 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी। नवरात्रि का यह नवाँ दिन माँ दुर्गा के नवम स्वरूप सिद्धिदात्री को समर्पित है। मान्यता है कि माँ सिद्धिदात्री की कृपा से भक्त को सिद्धि, सफलता और समृद्धि प्राप्त होती है। महा नवमी की पूजा को नवरात्रि साधना का चरम माना जाता है।
स्टेप-बाय-स्टेप महा नवमी पूजा विधि
- स्नान और संकल्प – सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें और पूजा का संकल्प लें।
- देवी स्थापना – लाल वस्त्र पर माँ दुर्गा की प्रतिमा/चित्र स्थापित करें और चुनरी चढ़ाएँ।
- कलश पूजन – नारियल और आम्रपल्लव सहित कलश रखकर देवी का आह्वान करें।
- हवन – जौ, गूगल, घी और लकड़ी से हवन करें।
- कन्या पूजन – नौ कन्याओं के चरण धोकर उन्हें भोजन और उपहार दें।
- शस्त्र पूजन – हथियार, औज़ार और मशीनरी को सजाकर पूजा करें।
- आरती और प्रसाद – अंत में देवी की आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
जानें महा नवमी 2025: तिथि, महत्व, पूजन विधि, ज्योतिषीय दृष्टिकोण और आधुनिक प्रासंगिकता
पूजा सामग्री (Samagri List)
- माँ दुर्गा की प्रतिमा/चित्र
- लाल वस्त्र और चुनरी
- कलश, नारियल, आम्रपल्लव
- पुष्प, अक्षत, रोली, हल्दी, मौली
- धूप, दीपक, घी, रुई
- फल, मिठाई, पंचामृत
- कन्या पूजन हेतु भोजन व उपहार
- हवन सामग्री – जौ, गूगल, लकड़ी, घी
महा नवमी मंत्र
सिद्धिदात्री मंत्र – सिद्धि और सफलता के लिए:
“ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सिद्धिदात्र्यै नमः॥”
सरल पूजन मंत्र – शक्ति और विजय के लिए:
“ॐ दुं दुर्गायै नमः॥”
गणेशजी की सलाह है कि इन मंत्रों का 11 या 21 बार जप करने से साहस, समृद्धि और माँ का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
घर, ऑफिस और सामूहिक पूजा टिप्स
- घर में: परिवार सहित कन्या पूजन करें और भोग लगाएँ।
- ऑफिस में: कर्मचारियों के साथ सामूहिक आरती और उपकरण पूजन करें।
- फैक्ट्री/वर्कशॉप में: मशीनों को सजाएँ, हवन करें और सामूहिक भोजन का आयोजन करें।
गणेशजी अनुभव करते हैं कि महा नवमी की पूजा करने से विजय, इच्छाओं की पूर्ति और नकारात्मकता से रक्षा होती है। यह दिन माँ सिद्धिदात्री की शक्ति और कृपा का सच्चा प्रतीक है।
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