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कालाष्टमी 2024 : काल भैरव पूजा-विधि और टोटके

कालाष्टमी 2018

कालाष्टमी 2024 : काल भैरव पूजा से बन जाएंगे सब काम, राहु भी रहेगा शांत

भगवान भैरवनाथ को खुश करना बेहद आसान है। यहां हम कालाष्टमी के दिन काल भैरव को प्रसन्न करने और लाभ प्राप्ति के कुछ टोटके बता रहे हैं, जिन्हें आजमाकर आप भैरवनाथ को प्रसन्न करने के साथ ही लाभ प्राप्त कर सकते हैं। 1. रविवार, बुधवार या गुरुवार के दिन एक रोटी पर अपनी तर्जनी और मध्यमा अंगुली से तेल में डुबोकर लाइन एक खींचें और यह रोटी किसी भी दो रंग वाले कुत्ते या काले कुत्ते को खाने को दीजिए। अगर कुत्ता रोटी खा ले तो समझिए आपको भैरव नाथ का आशीर्वाद मिल गया, लेकिन अगर कुत्ता रोटी सूंघ कर आगे बढ़ जाए तो घबराएं नहीं, इस क्रम को हफ्ते के इन तीन दिनों में जारी रखें। 2. शनिवार की रात कड़वे तेल में उड़द के पकौड़े बनाएं और रात भर उन्हें ढंककर रखें। सुबह यानी रविववार को जल्दी उठकर प्रात: 6 से 7 बजे के बीच चुपचाप घर से निकले और रास्ते में मिलने वाले पहले कुत्ते को खिलाएं। पकौड़े डालने के बाद कुत्ते को पलट कर ना देखें। 3. शनिवार के दिन शहर के किसी भी ऐसे भैरव नाथ जी का मंदिर खोजें जहां लोग पूजा करने नहीं जाते हों। रविवार की सुबह सिंदूर, तेल, नारियल, पुए और जलेबी से उनकी पूजा करें। अपूज्य भैरव की पूजा से भैरवनाथ विशेष प्रसन्न होते हैं। 4. प्रत्येक गुरुवार कुत्ते को गुड़ खिलाएं। 5. रेलवे स्टेशन पर जाकर किसी कुष्ठ रोगी व भिखारी को शराब की बोतल दान करें। 6. बुधवार के दिन भैरव नाथ को सवा किलो जलेबी चढ़ाएं और कुत्तों को खिलाएं। 7. रविवार या शुक्रवार को किसी भी भैरव मं‍दिर में गुलाब, चंदन और गुगल की खुशबूदार 33 अगरबत्ती जलाएं। 8. भैरव जी को पांच नींबू, पांच गुरुवार तक चढ़ाएं। 9. सवा सौ ग्राम काले तिल, सवा सौ ग्राम काले उड़द, सवा 11 रुपए, सवा मीटर काले कपड़े में पोटली बनाकर भैरव नाथ के मंदिर में बुधवार के दिन चढ़ाएं।

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कालाष्टमी 2024 : मंगल दोष निवारण के साथ राहु-केतु भी होते हैं शांत

कालाष्टमी का व्रत सप्तमी तिथि के दिन भी हो सकता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जिस दिन अष्टमी तिथि रात्रि के दौरान प्रबल होती है उस दिन कालाष्टमी का व्रत किया जाना चाहिए। यह भगवान शिव के भैैैैरव रूप को समर्पित है। इस दिन भोलेनाथ के भैरव रूप की पूजा की जाती है। इस दिन मां दुर्गा की पूजा का भी विधान है। अकाल मृत्यु के भय को दूर करने के लिए कालाष्टमी के दिन काल भैरव की पूजा की जाती है। कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन कालाष्टमी पर्व मनाया जाता है, जो नवंबर और दिसंबर माह में एक ही तारीख को पड़ता है। इस साल दिसंबर माह में कालाष्टमी 22 दिसंबर को है।

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काल भैरव की पूजा से होने वाले लाभ

यदि आपके साथ बार-बार वाहन दुर्घटनाएं हो रही हैं, तो भगवान भोलेनाथ का पंचामृत से अभिषेक करें। इससे दुर्घटनाओं का खतरा टलता है और कठिन से कठिन रोग भी दूर हो जाते हैं।- अग्नि का भय और चोरी से परेशान हैं तो कालाष्टमी के दिन भगवान भोलेनाथ का पंचामृत से अभिषेक करें।- धन संपदा की प्राप्ति के लिए कालाष्टमी के दिन भगवान शिव को सफेद साफा पहनाने, सफेद मिठाई का भोग लगाने से अतुलनीय धन संपदा की प्राप्त होगी।- कालाष्टमी के दिन भगवान शिव को 108 बिल्व पत्र, 21 धतूरे और भांग अर्पित करने से मुकदमों में जीत मिलेगी और शत्रु शांत होंगे।- कालाष्टमी के दिन शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर महामृत्युंजय मंत्र की 7 माला जाप करने से सर्वत्र रक्षा होती है।- विशेष कामना की पूर्ति के लिए कालाअष्टमी के दिन दृष्टिहीन बच्चों को दूध से बनी मिठाई या खीर खिलाएं। ऐसा करने से 21 दिनों में आपकी इच्छा पूरी हो जाएगी।- आप पर या आपके परिवार पर भूत-प्रेत या किसी बुरी नजर का साया है तो कालाष्टमी पर रात्रि के समय किसी शिव मंदिर से एक बेल पत्र ले आएं और इसे बारी-बारी से घर के सभी सदस्यों के सिर के ऊपर घड़ी की सुई की दिशा में सात बार घुमाते हुए किसी जल में प्रवाहित कर दें।- यदि आप अतुलनीय धन संपदा प्राप्त चाहते हैं या आपके स्वयं का भवन नहीं बन पा रहा है तो कालाष्टमी की रात्रि को किसी सुनसान जगह पर बने शिव मंदिर में जाएं और वहां दीपक में रात भर जलने लायक तेल भरकर जलाकर आएं।- कालाष्टमी के दिन भैरवनाथ को नारियल और जलेबी का भोग लगाकर उसे वहीं भक्तों और गरीबों में बांटने से कार्यों में सफलता मिलती है।- भैरवनाथ को शराब प्रिय है। उन्हें पीले रंग की शराब चढ़ाने के बाद उसे किसी सफाई कर्मचारी को देने से जीवन की सभी समस्याओं का समाधान होता है। – काल भैरव की पूजा से आप पर किसी भी टोटके का असर नहीं होगा। अगर इस तरह की कोई समस्या है तो उससे भी छुटकारा मिल जायेगा।- जन्मकुंडली में अगर मंगल ग्रह दोष है तो काल भैरव की पूजा कर इस दोष का निवारण कर सकते हैं। राहु-केतु की शांति के लिए भी भैरव पूजन करना लाभदायक होता है। काली उड़द और उड़द से बनी मिठाइयां, दही बड़े, दूध और मेवा का भोग लगाने से भैरव प्रसन्न होते है।

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गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम

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