वैसे तो सूर्य के राशि परिवर्तन पर ही खास ध्यान दिया जाता है, क्योंकि यह कई मायनों में अहम होता है। हालांकि सूर्य वर्ष में एक बार सभी नक्षत्रों से होकर गुजरते हैं, लेकिन इनमें से आर्द्रा नक्षत्र में सूर्य का प्रवेश काफी अहम होता है। इसका कारण यह है कि उस वक्त मौसम में पूरी तरह बदलाव आता है, जो धरती के साथ ही पूरे जनजीवन के लिए काफी अहम होता है। चूंकि आर्द्रा का शाब्दिक अर्थ आर्द्र यानी गीला होता है, ऐसे में उस वक्त से बारिश की शुरुआत होती है और पूरी धरती पर हरियाली छा जाती है, जो अनाज की पैदावार के लिए काफी अहम होता है। वर्ष 2019 में सूर्य का आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश 22 जून की शाम 5.7.30 बजे हो रहा है, जो 6 जुलाई की शाम 4 बजे तक इसमें रहेंगे।
खीर, आम और पूरी का भोग लगाने की है परंपरा
आर्द्रा नक्षत्र के दौरान भगवान शंकर और विष्णु की पूजा की जाती है। इसके लिए उन्हें खीर-पूरी और आम का भोग लगाया जाता है। आर्द्रा नक्षत्र में बेहतर बारिश होती है और इस वर्ष भी इसके योग बन रहे हैं। चूंकि शनिदेव वर्षा के अधिपति एवं आर्द्रा के दो चरणों का स्वामी भी हैं, ऐसे में इस दौरान आने वाले शनिवार की रात बेहतर बारिश होने को भी योग हैं
आर्द्रा नक्षत्र की खास बातें
– सूर्य जब आर्द्रा में प्रवेश करता है तो धरती रजस्वला होती है, जो उत्तम वर्षा का प्रतीक है।
– इस दौरान कामाख्या में अम्बुवाची पर्व का आयोजन किया जाता है।
– आर्द्रा नक्षत्र उत्तर दिशा का स्वामी है।
– आर्द्रा के प्रथम एवं चतुर्थ चरण के स्वामी बृहस्पति और द्वितीय और तृतीय चरण का प्रतिनिधित्व शनि करते हैं।
– आर्द्रा नक्षत्र के अधिपति भगवान शिव हैं।
– आर्द्रा मिथुन राशि में ही संचरण करता है।
आर्द्रा नक्षत्र के बारे में
– जून माह के तीसरे सप्ताह में सुबह आर्द्रा नक्षत्र का उदय होता है।
– जून माह के मध्य के बाद सूर्य आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करते हैं।- आर्द्रा नक्षत्र मिथुन राशि में 6 अंश 40 कला से 20 अंश तक रहता है।
– फरवरी माह में रात्रि 9 बजे से 11 बजे के बीच यह नक्षत्र शिरोबिंदु पर होता है।
रुक-रुक कर होगी बारिश
सूर्य के आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश का विवेचन करने से पता चलता है कि आर्द्रा का प्रवेश वृश्चिक लग्न में हो रहा है, जो जल तत्व की राशि है और रुके हुए जल को प्रदर्शित करती है। ऐसे में अनियमित बारिश की संभावना है। हालांकि सूर्य के मंगल से आगे निकलने पर अच्छी बारिश हो सकती है।
आर्द्रा नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक
– आर्द्रा नक्षत्र में जन्म लेने वाले चतुर और कूटनीतिज्ञ होते हैं और सफलता प्राप्त करने के लिए किसी भी तरीके को अपनाने से परहेज नहीं करते।
– ये जातक राजनीतिक क्षेत्र में सफलता प्राप्त करते हैं।
– अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हमेशा क्रियाशील रहते हैं और लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हर संभव प्रयास करते हैं।
– ये जातक विनोदप्रिय होते हैं।
– अगर बीमारी की बात करें तो आर्द्रा नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातकों को ठंड से संबंधित परेशानी जैसे सर्दी, खांसी आदि की संभावना रहती है।
गणेशजी के आशीर्वाद सहित
भावेश एन पट्टनी
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम