https://www.ganeshaspeaks.com/hindi/

मंगल, गुरू और केतु का महासंयोजन, तुला राशि के लिए बढ़ेंगी मुश्किलें, करें ये उपाय

मंगल, गुरू और केतु का महासंयोजन, तुला राशि के लिए बढ़ेंगी मुश्किलें, करें ये उपाय

ब्रह्मांड में ज्ञात बारह राशियों में भ्रमण करते ग्रह कभी-कभी किसी विशेष परिस्थिति में एक ही राशि में एकत्रित हो जाते हैं। ज्योतिष में इस तरह के विशेष संयोग को बेहद महत्वपूर्ण और प्रभावी माना गया है। जब एक ग्रह किसी अन्य ग्रह के साथ संयोजन करता है, तो दोनों के मिलेजुले प्रभाव उस राशि और राशिचक्र की अन्य राशियों को प्रभावित करते हैं। सौरमंडल में अपनी परिधि पर घूमते हुए एक ही राशि में अन्य ग्रहों के साथ भ्रमण करने की यह विशेष परिस्थिति जातक के जीवन के कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों को प्रभावित करने का काम करती है। कुंडली में इन ग्रहों की स्थिति, अर्थात इन ग्रहों का संयोजन कुंडली के किस भाव में हो रहा है, और ग्रह किन ग्रहों के साथ योग कर रहे हैं, इसका भी विशेष महत्व है। इस दौरान बलशाली ग्रहों के साथ यदि छोटे और कम प्रभावी ग्रह हो तब, और यदि समान बलशाली और प्रभावी ग्रहों का संयोजन हो रहा हो तब प्रभाव की गणना अलग तरह से की जाती है।

आगामी 8 फरवरी को मंगल के धनु राशि में गोचर करते ही, धनु में गुरू, केतु और मंगल का समायोजन प्रारंभ होने वाला है। 8 फरवरी 2020 को तैयार हो रहा महासंयोजन आगामी 22 मार्च तक प्रभावी रहने वाला है। इस दौरान इस महासंयोजन का राशिचक्र की तमाम राशियों पर कई तरह के अनुकूल या प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिलेंगे। गणेशास्पीक्स के अनुभवी ज्योतिषीयों की टीम ने गुरू, मंगल, और केतु के धनु में संयोजन का राशिचक्र की सभी राशियों पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्यन किया है। फिलहाल हम चंद्र राशि तुला कुंडली पर इसके प्रभावों का आंकलन करने वाले हैं। वायु तत्व राशि तुला, शुद्रवर्ण की पुरूष संज्ञक, द्विपाद, दिवाबलि, दीर्घ, शीर्षोदय, अल्प प्रसव विषम राशि है। तुला चर स्वभाव राशि है और इसके स्वामी शुक्र हैं।

करियर

मंगल, गुरू और केतु का महासंयोजन चंद्र राशि तुला कुंडली के तीसरे भाव में हो रहा है। कुंडली का तीसरा भाव पराक्रम स्थान के नाम से जाना जाता है, और मंगल, गुरू और केतु का संयोजन इसी भाव में होने जा रहा है। कुंडली के तीसरे भाव का संबंध साहस, धैर्य, पराक्रम, दोस्त, छोटे भाई, लघु प्रवास, ट्रांसपोर्ट, दलाली और महत्वपूर्ण फेरबदल से होता है। करियर के दृष्टिकोण से देखें तो इस महासंयोजन का तुला राशि पर अनुकूल प्रभाव देखने को मिलेगा। इस दौरान आप अपने कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा कर सकते हैं। हालांकि इस दौरान आपको अपने वरिष्ठ और उच्च अधिकारियों पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए अपने प्रदर्शन में सुधार के साथ ही नवीनता और रचनात्मकता लाने का प्रयास करना चाहिए। इस दौरान करियर के क्षेत्र में अधिकतम परिणाम प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने की जरूरत हो सकती है।

व्यापार-व्यवसाय

तुला कुंडली के तीसरे भाव में तैयार हो रहा मंगल, गुरू और केतु का महासंयोजन आपके व्यापार-व्यवसाय को भी प्रभावित करने वाला है। इस दौरान आपको अपने विचारों को धैर्य के साथ लोगों के सामने प्रस्तुत करना चाहिए। इस दौरान आपको दूसरों के विचारों का सम्मान करते हुए उनके दृष्टिकोण को समझने की कोशिश करनी चाहिए। इस अवधि में अन्य लोगों के विचार और दृष्टिकोण को समझना आपके लिए कई मायनों में फायदेमंद और लाभकारी हो सकता है। इसलिए तैयार रहें सवाधानी रखें और सचेत रहें, धैर्य के साथ चीजों को समझने के बाद ही किसी निर्णय पर पहुंचे।

प्रेम संबंध

मंगल, गुरू और केतु के संयोजन से तुला जातकों के प्रेम संबंधों पर मिलाजुला प्रभाव देखने को मिलेगा। इस दौरान कुछ मामलों में साथी के साथ अनबन भी हो सकती है, वाद-विवाद के दौरान अपनी आवाज़ धीमी रखें, अन्यथा बात झगड़े तक भी पहुंच सकती है। इस दौरान अपने रिश्ते को लेकर व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाना आपके लिए बेहद लाभकारी होने वाला है। इस समयावधि में अपने साथी के साथ अधिक समय बिताने की कोशिश करें, और उन्हें कुछ खास महसूस कराने की कोशिश करें, इससे आपके रिश्ते में प्रेम और विश्वास के बढ़ने की पूरी संभावना है।

निजी और वैवाहिक संबंध

कुंडली का तीसरा भाव पराक्रम भाव के नाम से जाना जाता है, इसका संबंध जातक के पुरूषार्थ से होता है। तीसरे भाव में मंगल, गुरू और केतु के संयोजन से आपके घरेलू और वैवाहिक जीवन में आपको कई भावनात्मक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान आपका भावनात्मक पक्ष बेहद ही नाज़ुक स्थिति से गुजरने वाला है। इस अवधि में आप भावनात्मक रूप से असहज महसूस करेंगे, आप स्वयं को दूसरों से अलग करने की कोशिश करेंगे। इस दौरान आपकी तीव्र इच्छा आपको वैवाहिक सुख, प्रेम व स्नेह प्राप्त करने के लिए प्रेरित करेगी। मंगल, गुरू और केतु के प्रभाव में आपको अपने वैवाहिक और घरेलू जीवन के प्रति अधिक गंभीर और धैर्य पूर्ण रवैया अपनाना चाहिए।

स्वास्थ्य

मंगल, गुरू और केतु के समायोजन के दौरान आपको स्वास्थ्य के संदर्भ में सावधान और सचेत रहने की सलाह है। इस दौरान यदि उचित एहतियात नहीं बरता गया तो स्वास्थ्य के संबंध में कुछ बुनियादी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान आप अपनी ऊर्जा विभिन्न फलदायी कार्यों में लगाने वाले हैं, लेकिन इस कड़े परिश्रम का उचित फल प्राप्त होते दिखाई नहीं देता। एक समय में कई कार्यों को एक साथ करने के कारण आप मानसिक और शारीरिक रूप से थका महसूस कर सकते हैं। मंगल, गुरू और केतु के समायोजन के दौरान आपको अपने खाने और सोने के समय का ध्यान रखना है, और धैर्य के साथ अपने कार्यों को अंजाम देने की कोशिश करनी है।

अपने व्यक्तिगत समाधान प्राप्त करने के लिए, एक ज्योतिषी विशेषज्ञ से बात करें अभी!

गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम

Continue With...

Chrome Chrome