भारत के परिप्रेक्ष्य में सोना और उसका महत्व :
भारत में सोने का महत्व पौराणिक काल से हैं । हिन्दु पौराणिक कथाओं जैसे रामायण में सोने की लंका का जिक्र हैं । भगवान श्री कृष्ण की द्वारिका नगरी भी पूरे सोने की बनी हुई थी । चाण्क्य जो अर्थशास्त्र और कूटनीति जैसे विषयों के प्रवर्तक थे उन्होनें भी कहा हैं “सर्वे गुणा: कंचनमा श्रयन्ते” अर्थात कचंन में वह सब गुण हैं जो आपको एक अच्छी जिन्दगी दे सकता हैं,आप धनवान कहलाते हैं और आरामदायक जीवन जी सकते हैं । आर्युवेद में भी सोने के भस्म का उपयोग बहुत से रोगो और विकृतियों को ठीक करने के लिए किया जाता हैं ।
सोना निवेश का एक अच्छा विकल्प क्यों हैं ?
सोना धन-सपंत्ति का प्रतीक हैं तथा सदियों से निवेश का सबसे सुरक्षित विकल्प रहा हैं । आर्थिक विषमता की स्थीति में सोना ही साथ देता हैं । जीवन में कैसी भी विपत्ति आये सोना आपका साथ हर समय देता हैं । समय के साथ इसकी कीमत बढ़ी ही हैं अत: निवेशकों ने इस पर सबसे ज्यादा भरोसा किया हैं । आज बढ़ती हुई मुद्रा स्फ़ीति और मुद्राओं के घटते मुल्य के कारण आम आदमी और सरकारी संस्थाएं सोने पर निवेश करना ज्यादा सुरक्षित मानती हैं । सोने के मुल्य में बहुत ज्यादा उतार या चढ़ाव नहीं होता हैं इसलिये भी सोना निवेश का महत्वपूर्ण विकल्प हैं ।
सोने का भविष्य :
भारत में सोने के गहनों की बहुत प्राचीन और गहरी धार्मिक परंपरा हैं और हमारी संस्कृति हैं । सोने को हम धरोहर के रुप में सहेजते हैं । यह परपंरा वर्तमान समय में भी चली आ रही हैं ।पर क्या सोने के साथ जुड़ी हमारी आस्था भारतीय अर्थव्यवस्था के लिये भी लाभदायक हैं । CBS के रिपोर्ट के अनुसार भारत 700 टन सोना आयात करता हैं ।जो मुख्यत: शादी के समय गहनें बनाने के काम आता हैं । यह हमारे देश की व्यापार स्फ़ीति को बढ़ाते हैं और यह निवेश अनुत्पादक रह जाता हैं । भारत और अन्य देशों में सोने की खपत की तुलना
वर्तमान में भारतीयों के आधे से ज्यादा चालू खातें घाटे में इसलिये हैं क्योंकि सोने के आयात का प्रतिशत बहुत ज्यादा हैं । इससे बचने के लिये भारत सरकार ने शुद्ध सोने पर आयात शुल्क 4% से बढ़ा कर 6% कर दिया हैं । इसके अलावा भी भारतीय सरकार अनेक ऐसे उपाय कर रही हैं जिससे स्थीति को नियंत्रित किया जा सके । पर क्या ये सुधारात्मक उपाय कामयाब होंगे । गणेशा स्वतंत्र भारत की कुंडली और ग्रहों की स्थिति का विश्लेषण करते हैं और देखते हैं कि क्या संभवनायें हैं ।
कुंडली को देखने से मालुम होता हैं कि स्वतंत्र भारत की कुडंली में लग्न स्थान पर वृषभ हैं और धन के स्थान पर मगंल हैं । पाँच ग्रहों की सभा में चंद्र,सूर्य,बुध,शुक्र और शनि तीसरे घर में हैं । शक्तिशाली बृहस्पति छटवें घर में हैं तथा राहु और केतु केन्द्र में हैं । वर्तमान ग्रहों की स्थिति की बात करें तो गणेशा कहते हैं कि बृहस्पति प्रथम गृह में तथा शनि और राहु छटवें घर से गमन कर रहें हैं ।
ज्योतिषिय रुप से सोने का अल्पकालिक भाव वर्ष 2013 में भारत में रु. 31, 684 से रु. 27, 889 के बीच रहने वाला हैं ।
आने वाले वर्षो में बृहस्पति मिथुन से होकर कर्क राशि में जाने वाला हैं जो कि सोने के लिए अत्यन्त प्रभावी समय होने वाला हैं । जब बृहस्पति चंद्र,सूर्य,बुध,शुक्र और शनि पर से भ्रमण करेगा तो सोने की कीमतों में अस्थिरता का अनुभव हो सकता हैं । और हो सकता हैं आप सोने के अपने क्रमिक निवेश से लाभ उठा सकें । कृपया ध्यान दें कि यह समय 20/06/2014 से आरंभ होने वाला हैं ।
गणेश जी कृपा से,
धर्मेश जोशी
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम