ज्योतिष शास्त्र को लेकर आम धारण है कि यह भविष्य से जुड़ी उत्सुकता को पूरा करने का साधन है। लेकिन, ज्योतिष विज्ञान इससे कहीं आगे आपकी जीवन शैली और उसे उचित दिशा देने जैसी कई युक्तियों पर काम करता है। आपके रहन-सहन से लेकर आपके भोजन तक हर बात आपके ग्रहों पर प्रभाव डालने का काम करती है। ज्योतिषियों के अनुसार आपके द्वारा ग्रहण किया जा रहा भोजन आपके ग्रहों को आपके अनुकूल या प्रतिकूल काम करने के लिए प्रेरित कर सकता है। यहां हम बात करेंगें फूड एस्ट्रोलाॅजी मतलब खाद्य ज्योतिष और इसके प्रभावों के बारे में और जानेगें कुछ आसन उपाय जिससे आप चुन सकेगें अपनी राशि के हिसाब से सही खाना
क्या है फूड एस्ट्रोलाॅजी ?
ज्योतिष में प्रत्येक राशि किसी खास प्रकार के खाने से संबंध रखती है, जो आपको प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर से प्रभावित कर सकता है। भोजन से पड़ने वाले इन प्रभावों को आपने पक्ष में करने के लिए ज्योतिष का जो खास भाग आपकी मदद करता है उसे फूड एस्ट्रोलाॅजी कहा जाता है। किस राशि के व्यक्ति को क्या खाना है और क्या नहीं खाना है, जिससे वह ग्रहों को अपने पक्ष में कार्य करने के लिए प्रेरित कर सके इस तरह के सभी सवालों के जवाब फूड एस्ट्रोलाॅजी से प्राप्त किये जा सकते है।
भोजन के प्रकार और प्रभाव
मनुष्य संसार में अपना अस्तित्व बनाए रखने के लिए तीन चीजों पर निर्भर करता है… हवा, पानी और भोजन हवा और पानी प्रत्येक मनुष्य को समान रूप से प्राप्त है। लेकिन, भोजन का चयन व्यक्ति अपने स्वाद के आधार पर खुद करता है। श्रीमद्भगवत गीता में भोजन की तीन श्रेणियों का उल्लेख मिलता है, जिन्हे हम सात्विक, राजसिक और तामसिक रूप में जानते है। इन भोजन को ग्रहण करने के तरीके और इनके प्रभावों के बारे में हमें कई पौराणिक ग्रंथों में विस्तृत जानकारियां मिलती है।
फूड एस्ट्रोलाॅजी में प्राचीन धार्मिक ग्रंथों में उल्लेखित भोजन की इन श्रेणियों को वर्गीकृत और परिभाषित किया गया है। मोटे-तौर पर देखे तो शाकाहारी भोजन में मांसाहारी भोजन से अधिक सात्विक गुण होते है, वहीं मांसाहारी भोजन में शाकाहारी भोजन की अपेक्षा अधिक तमसिक गुण होते है। सात्विक भोजन किसी व्यक्ति को आध्यात्म और शांतिप्रीय जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है। वहीं तामसिक भोजन आपको दिग्भ्रमित, अशांत और हिंसक बना सकता है। हांलाकि मुख्य रूप से आपका भोजन अपके जन्म स्थान और वहां मौजूद संसाधनों पर निर्भर करता है लेकिन भोजन का चयन करते समय थोड़ी सावधानी आपको दूरगामी दुष्परिणाम से बचाने में मदद कर सकती है।
राशि के अनुसार चुने अपना खाना
मेष – मेष राशि जातकों केा मसूर की दाल, बेसन और गेहूं का सेवन जरूर करना करना चाहिए। मेष राशि के लोगों के लिए तांबे के बर्तन में पका खाना अधिक फायदेमंद है।
वृषभ – वृषभ राशि जातकों के लिए दही, दूध, चावल से बनी चीजों का सेवन आवष्यक रूप से करना चाहिए। वृषभ के लिए चांदी के बर्तन में पका खाना अधिक लाभकारी है।
मिथुन – मिथुन राशि जातकों केा दाल, गेहूं, हरी सब्जियों का सेवन आवष्यक रूप से करना चाहिए। उनके लिए सोने और चांदी के बर्तन में बना भोजन लाभकारी होगा।
कर्क – कर्क राशि जातकों के लिए सफेद चीजें जैसे चावल, दही, दूध जैसी चीजों का सेवन करना चाहिए। कर्क जातकों के लिए चांदी के बर्तन में बना भोजन कुंडली के विभिन्न दोषों को दूर
कर सकता है।
सिंह – सिंह राशि जातकों के लिए अरहर, मसूर, चावल जैसी चीजों का सेवन करना चाहिए। कुंडली के दोषों को दूर करने के लिए आपको तांबे के बर्तन में पके भोजन का सेवन करना चाहिए।
कन्या – कन्या राशि जातकों के लिए मूंग की दाल, गेहूं और हरी सब्जियों को अपने भोजन में शामिल करना चाहिए। भोजन ग्रहण करने के लिए आप सोने और चांदी के बर्तनों का उपयोग करना चाहिए।
तुला – तुला राशि जातकों को चावल, दही, दूध जैसी चीजों को अपने भोजन में शामिल करना चाहिए। तुला जातकों के लिए चांदी के बर्तन में पका खाना लाभकारी होता है।
वृश्चिक- वृश्चिक राशि जातकों को मसूर, बेसन गेहूं आदि का सेवन करना चाहिए। आपको तांबे के बर्तन में पका भोजन लाभकारी होता है।
धनु – धनु राशि जातकों को अरहर, चने, गुड़ और सेवफल को अपने भोजन में शामिल करना चाहिए। धनु जातकों के लिए सोने के बर्तन में बना भोजन ग्रहण करना लाभकारी होता हैै।
मकर – मकर राशि जातकों को उड़द की दाल और केले को अपने भोजन में शामिल करना चाहिए। इनके लिए लोहे के बर्तन में बना भोजन लाभकारी होता है।
कुंभ – कुंभ जातकों को तला हुआ भोजन, उड़द की दाल और केला अपने भोजन में शामिल करना चाहिए। आपके लिए लोहे के बर्तन में बना भोजन लाभकारी रहेगा।
मीन – मीन राशि जातकों के लिए अरहर और चने की दाल लाभकारी रहेगी उन्हे सोने के बर्तन में भोजन पकाकर खाना चाहिए।
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गणेशजी के आशीर्वाद सहित
भावेश एन पट्टनी
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम