बहुतायत, बहुलता या प्रचुरता (abundance meditation) ध्यान वह ध्यान है, जिससे व्यक्ति को मानसिक शांति प्राप्त होती है। किसी भी तरह का तनाव, अवसाद, चिंता नहीं रहता। वैसे ध्यान की कई प्रक्रिया है। व्यक्ति अपनी आवश्यकता को देखते हुए उस ध्यान पर अपना दिमाग केंद्रित करता है। व्यक्ति को मानसिक शांति पाने के अपने अपने तरीके होते हैं। प्रचुरता का ध्यान की प्रकृति लोगों की अपनी अपनी सोच पर निर्भर करती है। किसी को डॉक्टर बनना है, किसी को मजिस्ट्रेट बनना है, तो किसी को नेता तो किसी को अभिनेता बनना है। हो सकता है उक्त चीज का सपना भविष्य में पूरा न हो पाएं। जिस समय व्यक्ति का दिलो-दिमाग किसी चीज के लक्ष्य को प्राप्त करने के बारे में सोचता है या उस लक्ष्य के करीब होता है, उस समय उसके दिमाग में सकरात्मक ऊर्जा का संचार होता है। ऐसे में व्यक्ति मानसिक रूप से काफी मजबूत दिखाई देता है। यह कहा जा सकता है कि किसी भी माध्यम से इंसान में सकरात्मक ऊर्जा का संचार होता है वह प्रचुरता या बहुलता का ध्यान (abundance meditation meaning) कहा जाता है। ऐसे अनेकों उदाहरण मिल जाएंगे, जिसके माध्यम से इंसान अपने आप खुश कर मानसिक स्थिति को मजबूत करने की कोशिश करता है। हालांकि यह जरूरी भी है, क्योंकि भागदौड़ भरी जिंदगी में अधिकांश लोगों को मानसिक पीड़ा से गुजरना पड़ता है। ऐसे में प्रचुरता का ध्यान वैदिक उपचार के रूप में काम करता है। अगर आप वास्विकता पर ध्यान केंद्रित करेंगे तो आप केवल वही प्राप्त कर पाएंगे जो आपके पास पहले से है। इंसान एक स्पंदनशील प्राणी हैं। जो अपने जीवन को किसी भी तरह से बनाने की क्षमता रखता है।
बहुतायत ध्यान का क्या अर्थ है?
प्रचुरता के ध्यान का अर्थ सकरात्मक (meditation for abundance and prosperity) मानसिक शक्तियों का विकास होता है। यह एक सोच होती है, जिसे मन ही मन महसूस किया जा सकता है। इस ध्यान के लिए किसी भी प्रकार की शरीरिक गतिविधि नहीं होती। यह एक प्रकार से दिमाग को सकून देने वाला होता है। जब कोई बहुलता या प्रचुरता के बारे में जिक्र करता है, तो आपके दिमाग में कई प्रकार के प्रश्न उठते हैं। जैसे क्या यह धन के बारे में है? आय? पैसे? स्वास्थ्य? ज्यादा दोस्त? भविष्य? समृद्ध कॅरियर और पेशा? आदि जैसे सवाल उत्पन्न होते हैं। हालांकि यह आपके जीवन में हर चीज के लिए कृतज्ञता और प्रेम की भावना हो सकती है। शायद एक हद तक ये सब बातें हैं। बहुतायत या बहुलता का भाव देना ही प्रचुरता का ध्यान है। आपको ऐसा मानने की जरूरत नहीं कि ‘अच्छी चीजें आ रही हैं’, बल्कि यह मानें कि आपके लिए अच्छी चीजें आ रही हैं। यह एक सफल जीवन का गुप्त नुस्खा है।
प्रचुरता कैसे महसूस करें
यह हवा में नहीं है, ताकि आप अपनी सांसों या हवा के एक ठंडे झोंके की तरह महसूस कर सकें। वैसे इसे महसूस करने के लिए आपको कुछ भी करने की आवश्यकता नहीं है। आपको वस्तुओं या लोगों को इकट्ठा करने की आवश्यकता नहीं है। वास्तव में सामान और भावनाओं को दूर हटाने से अक्सर बहुतायत की भावना (meditation to attract abundance) पैदा हो सकती है। जो पहले से उपलब्ध है, उसका लाभ आपको अवश्य उठाना चाहिए। इसके अलावा, ब्रह्मांड में इतनी प्रचुरता है कि आप अभिभूत हो सकते हैं! ध्यान में इस प्रकार की शक्ति होती है और प्रचुरता हमारे चारों ओर पाई जाती है। बहुलता का ध्यान आपको इन सब से अवगत करा सकता है।
प्रचुरता को आकर्षित करने के लिए ध्यान क्या है?
शांति, समृद्धि और आनंद प्रचुरता के प्रमुख स्तंभ हैं। अपना दृष्टिकोण बदलने की जरूरत होती है। इसके बाद दिमाग में चलने वाली अशांति को काबू करने की जरूरत होती है। इसके बाद एक ऐसी मानसिकता का निर्माण करें, जो आपको हर लक्ष्य को पूरा करने में मदद करें।
बहुतायत ध्यान एक केंद्रित सोच होती है:
जब आप ध्यान के माध्यम से आगे बढ़ते हैं तब अपने विचारों को छोड़ दें और अपनी श्वास पर ध्यान केंद्रित करें। इस प्रक्रिया में मौन मंत्र का उपयोग आपके विश्राम को गहरा करने और अपने आप को शांत स्थिति में केंद्रित करने के लिए लाभदायक होगा।
प्रचुरता का अनुभव करने में ध्यान कैसे सहायक है?
आपका पूरा जीवन आपकी मानसिक स्थिति की उपज है। जब आप बहुलता के ध्यान की प्रक्रिया में खो जाते है, तो आप जब चाहें, जो कुछ भी चाहते हैं, करने या पाने को स्वतंत्र हो जाते हैं।
सकारात्मकता का करें स्वागत
ध्यान तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है। इन नकारात्मक भावनाओं के बीत जाने के बाद आप सकारात्मक महसूस (positive abundance meditation) करने के दिशा में ज्यादा प्रवृत्त होते हैं। आप एक ऐसी जगह पर हैं जहां आप सभी अच्छे वाइब्स ले सकते हैं। लेकिन वे तभी प्रवाहित हो सकते हैं, जब आप सकारात्मक चीजों का स्वागत और प्रोत्साहन करेंगे। नतीजतन, आप धन को आकर्षित करने के लिए सकारात्मक बहुतायत ध्यान का उपयोग कर सकते हैं।
आकर्षण का नियम
क्या आपको पता है कि दुनिया की सबसे अच्छी भावना क्या है। क्या यह उस पदोन्नति के कारण है जिसके लिए आपने इतनी मेहनत की है। क्या यह किसी प्रतियोगी पर जीत है या खुद पर जीत है। अपने बच्चे को एक चुनौती से पार पाते हुए देखना क्या आपके लिए गर्व की बात है। जी हां, ये सभी चीजें आपको खुश करती हैं। हालांकि हम इसे आशा की भावना तक सीमित कर सकते हैं। दुनिया में सबसे बड़ी अनुभूति तब होती है जब आप कहते है कि कुछ भी संभव है! इसलिए आकर्षण का नियम (law of attraction abundance meditation) बहुलता के ध्यान के लिए एक अच्छा विचार होता है।
दृष्टिकोण और रवैये में बदलाव लाता है
जब आपके जीवन में बहुतायत का भाव होता है, तो यह बढ़ता है। नतीजतन, इस धारणा के साथ चलें कि आपको जो कुछ भी चाहिए वह पहले से ही आपके कब्जे में है। आप नकारात्मकता का अनुभव तभी करेंगे, जब आप उस पर ध्यान केंद्रित करेंगे। इसी तरह आप खुद को सकारात्मकता से भरा हुआ तब महसूस करेंगे, जब आप इसे देखते हैं, गले लगाते हैं और इसका आनंद लेते हैं। नतीजतन, आप जिस चीज पर ध्यान केंद्रित करते हैं वह बढ़ता है। यह आपके कार्यों और आपके शब्दों दोनों पर लागू होता है।
प्रचुरता का ध्यान प्रेम और बहुलता की कुछ भावनाओं का अनुभव करने की कुंजी है। यह आपको कमी की भावना से स्वामित्व की भावना में बदलने का कारण बनता है।
सपनों को हकीकत में बदलने की ताकत रखता है
हम सभी के पास आकांक्षाएं और इच्छाएं होती हैं। इसलिए जब हम उन इच्छाओं या आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए तैयार होते हैं और समय सीमा निर्धारित करते हैं, तो हमारे हाथ निराशा के अलावा और कुछ नहीं लगता है। आकांक्षाएं हमें खुश और स्वप्निल बनाती हैं। हालांकि यह कुछ हद तक ही होता है। अगर हम जुनूनी हो जाते हैं, तो यह स्टारफिश की तरह हमसे चिपक जाता है और हमारा दम घोंट देता है।
इसका कारण यह है कि इच्छाओं में सर्वभक्षी और विनाशकारी बनने की क्षमता होती है। यह आपको अंदर से खोखला कर देगा। इसके बजाय हम अलग प्रकार की युक्ति आजमाते हैं। इसके लिए अपनी कल्पना को बढ़ाएं और इसे प्राप्त करने का प्रयास करें। यहां इश बात को ऐसे समझ सकते हैं कि जब आप किसी चीज़ की तलाश में नहीं जाते हैं, तो आपको आश्चर्य होगा कि वे कितनी आसानी से आपके रास्ते में आ जाते हैं। यह वह जगह है जहां शक्तिशाली प्रचुरता का ध्यान आपको जीवन में अधिक धन्य महसूस करने में मदद करेगा। यह आपको अधिक केंद्रित और संवेदनशील बनने में मदद करता है। यह आपके आंतरिक स्व को पूरे जीवन के लिए खोलता है। साथ ही आपकी चेतना की भावना को विस्तृत करता है।
जब आपके पास सब कुछ प्रचुर मात्रा में होता है, तो आपमें पूर्णता आ जाती है। जब पूर्णता होती है, तो सब कुछ बहुतायत में आ जाता है।
निष्कर्ष
अब यहां आपके लिए एक सवाल है कि क्या उपरोक्त जानकारी के बावजूद प्रचुरता का ध्यान आपके लिए एक नई अवधारणा है? हालांकि आप बहुलता के लिए निर्देशित ध्यान (guided meditation for abundance) से शुरू कर सकते हैं। अगर आपको गिलास को आधा खाली देखने की आदत है, तो बहुतायत और समृद्धि के लिए ध्यान का प्रयास करना चाहिए। कृतज्ञता और प्रचुरता (meditation for abundance and prosperity) के लिए यह ध्यान आपको स्वाभाविक रूप से आभारी और प्रचुर मात्रा में महसूस करने में मदद करेगा। इसे करने के लिए दिन में दो बार सिर्फ 20 मिनट के लिए कर सकते हैं। जब आप ध्यान करते हैं, तो आपके पास बहुत समय होता है। जो एक मूल्यवान संपत्ति है, इसलिए सराहना और प्रचुरता के लिए आकर्षण के नियम वाले इस प्रचुरता के ध्यान की कोशिश जरूर करें। यह आपको आरामदेह औऱ सकारात्मक महसूस कराने के साथ ही धनाढ्य महसूस कराएगा।