नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा (Maa Chandraghanta) की पूजा की जाती है। वर्ष 2025 में चैत्र नवरात्रि में 31st मार्च 2025 और शारदीय नवरात्रि में 24 सितंबर 2025 को इनकी पूजा की जाएगी। माता चंद्रघंटा का रूप अत्यंत ही सौम्य है। माता को सुगंध प्रिय है। सिंह पर सवार माता के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्द्धचंद्र है, इसलिए माता को चंद्रघंटा नाम दिया गया है। मां का शरीर सोने के समान कांतिवान है। उनकी दस भुजाएं हैं और दसों भुजाओं में अस्त्र-शस्त्र हैं। कलश स्थापना की स्थान पर मां के पूजन का संकल्प लें। वैदिक एवं सप्तशती मंत्रों द्वारा मां चंद्रघंटा सहित समस्त स्थापित देवताओं की षोडशोपचार पूजा करें। इसमें आवाह्न, आसन, पाद्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, सौभाग्य सूत्र, चंदन, रोली, हल्दी, सिंदूर, दुर्वा, बिल्वपत्र, आभूषण, पुष्प-हार, सुगंधितद्रव्य, धूप-दीप, नैवेद्य, फल, पान, दक्षिणा, आरती, प्रदक्षिणा, मंत्रपुष्पांजलि आदि करें।
मां चंद्रघंटा अपने भक्तों के सभी पाप नष्ट कर देती है
मां चंद्रघंटा के आठ हाथों में कमल , धनुष-बाण , कमंडल , तलवार , त्रिशूल और गदा जैसे अस्त्र धारण किए हुए हैं। इनके कंठ में सफेद पुष्प की माला और रत्नजड़ित मुकुट शीर्ष पर विराजमान है। मां चंद्रघंटा अपने भक्तों को असीम शांति और सुख सम्पदा का वरदान देती है। मां चंद्रघंटा के आशीर्वाद से भक्त से सभी पाप नष्ट हो जाते है और उसकी राह में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती है। इस देवी की पूजा करने से, सभी दुखों और भय से मुक्ति मिलती है। हम जिंदगी के सभी क्षेत्रों में सफलता चाहते है। जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए खासकर प्रोफेशन में सफलता मिलना बहुत महत्वपूर्ण है।
अगर आप अपने कैरियर में किसी प्रकार की परेशानियों का सामना कर रहे है तो आप इसका समाधान पा सकते है, कॅरियर एक प्रश्न पूछें रिपोर्ट द्वारा।
देवी के आशीर्वाद से भक्त दिव्य ध्वनियां सुन सकता है
नवरात्रि के तीसरे दिन, श्रद्धालु का मन मणिपुर चक्र में प्रवेश करता है। इस स्थिति में, मां चंद्रघंटा के आशीर्वाद से भक्त अलौकिक और दैवीय चीजों को देखने में सक्षम होता है। और कई प्रकार की दिव्य ध्वनियां सुनने की क्षमता प्राप्त कर सकता है। लेकिन इस तीसरे दिन, और इस निश्चित स्थिति में भक्त को अत्यधिक अनुशासित और सावधान रहने की जरूरत है।
नीचे लिखे मंत्र से मां की पूजा करना श्रेयस्कर होता है –
या देवी सर्वभूतेषु माँ चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
इसके अलावा नीचे लिखा मंत्र भी प्राप्त कर सकते हैं-
पिण्डजप्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता।।
नवरात्रि के तीसरे दिन के लिए मंत्र –
ओम चं चं चं चंद्रघंटायेः हीं। इस मंत्र का 108 बार जाप करें।
तीसरे दिन का कलर –
चैत्र नवरात्रि – सफेद
शारदीय नवरात्रि – नीला
तीसरे दिन का प्रसाद – रेवड़ी, सफेद तिल और गुड़
क्या आप जीवन में किसी समस्या का सामना कर रहे हैं? तो, यह सही समय है हमारे ज्योतिषी से कॉल पर बात करके अपनी बाधाओं को दूर करने का। पहली कॉल मुफ्त पाएं!
मां चंद्रघंटा को चढ़ाएं ये प्रसाद
देवी चंद्रघंटा को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालुओं को भूरे रंग के कपड़े पहनने चाहिए। मां चंद्रघंटा को अपना वाहन सिंह बहुत प्रिय है और इसीलिए गोल्डन रंग के कपड़े पहनना भी शुभ है। इसके अलावा मां सफेद चीज का भोग जैसे दूध या खीर का भोग लगाना चाहिए। इसके अलावा माता चंद्रघंटा को शहद का भोग भी लगाया जाता है। मां चंद्रघंटा की पूजा में दूध का प्रयोग कल्याणकारी माना गया है। मां चंद्रघंटा को दूध और उससे बनी चीजों का भोग लगाएं और और इसी का दान भी करें। ऐसा करने से मां प्रसन्न होती हैं और सभी दुखों का नाश करती हैं।